Fake Media -न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों और अन्य लोगों पर दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत छापा

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UTTAM PRADESH NEWS insist all media houses, youtubers and individual media giants to declare their assets and funding sources just like politicians and other patrons.

न्यूज़क्लिक से तीस्ता सीतलवाड के परिवार को लगभग 40 लाख रुपये और पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता को लगभग 72 लाख रुपये के फंड ट्रांसफर की जांच कर रही है.

चीन से अमेरिका के माध्यम से 76.84 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई थी.

न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों और अन्य लोगों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत मारा छापा. Anti National Farzi media house News Click was under the Radar for the last past many years. It was a total funded Enterprize by Staked Anchor Abhisar Sharma and other Maoists communist writers. It Is proved that they were getting funds for this agenda and toolkit media for long time. In fact they have proven tracks of funds from China to run Anti National news and promote India as an Unstable economy.

जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस की टीमों ने मंगलवार को दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कम से कम 30 स्थानों पर छापे मारे, जिनमें समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों के घर और अन्य लोगों के घर शामिल हैं.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार छापेमारी – जिसमें शहर भर में 100 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था – एक नई एफआईआर के संबंध में की जा रही है, जो 17 अगस्त को स्पेशल सेल द्वारा कठोर गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी. पुलिस की कार्रवाई चीन से धन प्राप्त करने के आरोप में समाचार पोर्टल के खिलाफ की गई है.

कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के माध्यम से चीन से धन प्राप्त करने के लिए न्यूक्लिक पहले से ही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में है. न्यूज पोर्टल को 2021 में आयकर छापे का भी सामना करना पड़ा था. पत्रकार अभिसार शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, “दिल्ली पुलिस मेरे घर पर आई है. मेरा लैपटॉप और फोन लिया गया है.”

सूत्रों के मुताबिक, कथित तौर पर स्टैंड-अप कॉमेडियन संजय राजौरा के घर पर भी छापेमारी की गई, जो पहले न्यूज़क्लिक पर एक शो का हिस्सा थे और उनका फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया गया.

राजौरा के वकील इलिन सारस्वत ने कहा, “मुझे तुरंत बुलाया गया था. उनके पास उनका एक लैपटॉप, मोबाइल फोन और पुरानी डीवीडी हैं. हमें आशंका है कि जांच टीमें उसके उपकरणों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं. मुझे पुलिस ने बताया कि एफआईआर न्यूज़क्लिक के खिलाफ है, इसलिए उनसे पूछताछ की जा रही है.”

जिन अन्य लोगों के घरों पर मंगलवार को छापे मारे गए, उनमें पत्रकार भाषा सिंह, उर्मिलेश (केवल एक ही नाम से पहचाना गया), औनिंद्यो चक्रवर्ती, न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और इतिहासकार सोहेल हाशमी शामिल हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि कई टीमें मामले पर काम कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

सूत्रों के मुताबिक, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित घर पर भी छापेमारी की जा रही है. ईडी कथित तौर पर न्यूज़क्लिक से तीस्ता सीतलवाड के परिवार को लगभग 40 लाख रुपये और पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता को लगभग 72 लाख रुपये के फंड ट्रांसफर की जांच कर रही है.

‘अपराधात्मक ईमेल, चीन से बातचीत’

न्यूज़क्लिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे ईडी जांचकर्ताओं के अनुसार, समाचार पोर्टल को कथित तौर पर चीन से अमेरिका के माध्यम से 76.84 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई थी.

जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि न्यूज़क्लिक का “चीनी लिंक” शंघाई स्थित अमेरिकी व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम के साथ जुड़ाव से स्थापित हुआ था, जिसे एजेंसी के दस्तावेजों में प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ का “करीबी विश्वासपात्र” और उनसे संपर्क रखने वाले व्यक्ति के रूप में बताया गया था.

एजेंसी ने कथित तौर पर पाया कि सिंघम ने “संपादक प्रबीर पुरकायस्थ” और अन्य पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के कई नेताओं के साथ चीन के बारे में आपत्तिजनक ईमेल का आदान-प्रदान किया.

चीन से प्राप्त धन का उपयोग कथित तौर पर “मामूली रखरखाव” और भीमा कोरेगांव के आरोपी एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को “वेतन” देने के लिए भी किया गया था. गौतम फिलहाल जेल में बंद हैं.

फरवरी 2021 में ईडी ने कंपनी के डायरेक्टर के साथ-साथ संपादक पुरकायस्थ के कार्यालयों पर भी छापेमारी की थी.

उस छापेमारी के दौरान पुरकायस्थ और लेखिका गीता हरिहरन को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था.

एक बयान में, न्यूज़क्लिक ने तब कहा था कि उसके कार्यालय पर “36 घंटे से अधिक समय तक छापा मारा गया था और एक समाचार संगठन के रूप में हमारे कामकाज को प्रभावित किया गया. साथ ही कार्यालय से कुछ महत्वपूर्ण उपकरण जब्त किए गए थे”. इसके अलावा कहा गया था कि “निदेशकों और मैनेजमेंट से जुड़े लोगों के संचार उपकरणों को भी जब्त कर लिया गया था”.

इस साल अगस्त में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच रिपोर्ट में दावा किया गया था कि समाचार पोर्टल अपने कवरेज में “चीनी सरकार की बातें” शामिल कर रहा है.

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