दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में बुधवार को सुबह वायु गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में एक-तिहाई योगदान पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से फैल रहे धुएं का है। दिल्ली में मंगलवार शाम चार बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 421 दर्ज किया गया जो पहले 395 था।

Shame Arvind Kejriwal -Delhi govt. and its supremo Kejriwal have no worry for its dying natives of Delhi because their own ruled fellow state Punjab is responsible for burning Parrali and chocking Delhi to a gas chamber. Delhi CM is a Big Failure on almost every front to protect and provide a safe environment to its natives. But without any shame he and his counterparts are busy traveling to campaign for upcoming elections. Not only that he even tried to put blame on Uttar Pradesh’s roadways buses for all this situation.
प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आने के बावजूद पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित स्वस्थ सीमा (15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से 30 से 40 गुना अधिक है।

पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी हानिकारक वायु गुणवत्ता दर्ज की गयी। गाजियाबाद में एक्यूआई 382, गुरुग्राम में 370, नोएडा में 348, ग्रेटर नोएडा में 474 और फरीदाबाद में 396 एक्यूआई दर्ज किया गया।
दिल्ली के ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, पड़ोसी राज्य विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से निकले धुएं की मंगलवार को दिल्ली में बिगड़ी वायु गुणवत्ता में 37 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही जबकि बुधवार को इसके 33 फीसदी होने की संभावना है।

दिल्ली सरकार ने दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता के और खराब हो जाने की आशंका के कारण चार साल बाद सम-विषम कार योजना लागू करने की सोमवार को घोषणा की। इस योजना के तहत सम या विषम पंजीकरण संख्या वाली कारों को वैकल्पिक दिनों (एक दिन छोड़कर एक दिन) पर चलाने की अनुमति दी जाती है।
शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान और ‘एविडेंस फॉर पॉलिसी डिजाइन’ ने 2016 में सम-विषम नीति के असर का विश्लेषण किया था और यह पाया था कि दिल्ली में उस साल जनवरी में यह नीति लागू किए जाने के दौरान पीएम2.5 के स्तर में 14-16 फीसदी की कमी देखी गयी। हालांकि, उसी साल जब अप्रैल में यह नीति फिर से लागू की गयी तो प्रदूषण में कोई कमी नहीं देखी गयी।

स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने 10 नवंबर तक सभी स्कूलों में कक्षाओं को बंद करने और केवल ऑनलाइन कक्षाओं को अनुमति देने का फैसला किया है। केवल बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 10वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों पर यह लागू नहीं होगा।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, क्षेत्र में पांच से छह दिन और वायु गुणवत्ता गंभीर रहने की आशंका है। दिल्ली-एनसीआर के लिए वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप) के अंतिम चरण के तहत जरूरी सभी सख्त पाबंदियों को भी दिल्ली में लागू किया गया है।

कनॉट प्लेस में बंद पड़े स्मॉग टावर के निरीक्षण के लिए दिल्ली सरकार ने भेजी टीम
दिल्ली सरकार ने कनॉट प्लेस में लगे उसे ‘स्मॉग टावर’ का निरीक्षण करने के लिए बुधवार को एक टीम भेजी, जिसे दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अश्वनी कुमार के ‘एकतरफा’ निर्देशों के बाद बंद कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को स्मॉग टावर को चालू करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में बुधवार को सुबह वायु गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से फैल रहा धुआं राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में एक-तिहाई योगदान दे रहा है। दिल्ली में मंगलवार को शाम चार बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 395 से और ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गया तथा 421 दर्ज किया गया था।
एक अधिकारी ने बताया, ”दिल्ली सरकार के अधिकारियों की एक टीम को स्मॉग टावर के निरीक्षण के लिए भेजा गया है, जो सुनिश्चित करेगी कि टावर फिर से, तत्काल काम करे।” इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दावा किया था कि दिसंबर में डीपीसीसी के अध्यक्ष का प्रभार संभालने वाले कुमार ने स्मॉग टावर परियोजना पर काम कर रही आईआईटी-बॉम्बे और दूसरी एजेंसियों को दी जाने वाली धन राशि पर सरकार को सूचित किए बिना रोक लगा दी थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 अगस्त, 2021 को कनॉट प्लेस में 24 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले स्मॉग टॉवर का उद्घाटन किया था। राज्य सरकार ने अगले दो वर्षों तक इसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए आईआईटी-बॉम्बे के विशेषज्ञों की एक टीम बनाई थी। राय ने स्मॉग टॉवर के आंकड़ों को साझा करते हुए कहा था कि पिछले साल इस वायु शोधक ने 50 मीटर के दायरे में वायु प्रदूषण को 70 से 80 प्रतिशत तक और 300 मीटर दायरे में वायु प्रदूषण को 15 से 20 प्रतिशत तक कम कर दिया था।
अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि 20 करोड़ रुपये की लागत से बना यह स्मॉग टावर करीब एक हजार क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की दर से एक किलोमीटर के दायरे में हवा को शुद्ध कर सकता है।
सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण स्रोतों को पता लगाने के लिए किए जा रहे अध्ययन को रोकने और एक स्मॉग-रोधी टावर बंद कराने के आरोप में डीपीसीसी के अध्यक्ष अश्वनी कुमार को निलंबित करने की उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से सिफारिश की है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी और दिल्ली सरकार में प्रधान सचिव (गृह) कुमार के निलंबन की सिफारिश करने वाली फाइल सक्सेना को भेज दी गई है।