Pakistan Ex. Prime minister and cricketer Imran Khan is sentenced for 14 years of imprisonment. The politician was facing deep corruption charges and conspiracy.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 10 साल की कैद की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री का पद गंवा चुके श्री खान भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद पहले से ही तीन साल की जेल की सजा काट रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को उन्हें सरकारी राज़ लीक करने के मामले में सज़ा सुनाई गयी थी और आज भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में 14 साल की सज़ा सुनाई गयी। श्री इमरान ने कहा है कि उनके खिलाफ कई मामले राजनीति से प्रेरित हैं।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक श्री खान को यह सजा पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले चुनावों से ठीक एक सप्ताह पहले सुनायी गयी है। इस वजह से वह खुद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसके साथ ही अपनी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के लिए प्रचार भी नहीं कर पाएंगे।
माना जा रहा है कि उनके खिलाफ सजाएं एक साथ सुनाई जाएंगी। पिछले अगस्त में गिरफ्तारी के बाद से श्री खान ज्यादातर अदियाला जेल में रहे हैं। बुधवार के फैसले के बाद उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने भी जेल में आत्मसमर्पण कर दिया। गौरतलब है कि श्री इमरान के प्रधानमंत्री चुने जाने से कुछ महीने पहले 2018 में दोनों ने शादी की थी।
उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया था कि उन्होंने कार्यालय में मिले सरकारी उपहारों को निजी लाभ के लिए बेच दिया है। चौदह साल की जेल की सजा के साथ उन्हें 1.5 अरब रुपये से अधिक का जुर्माना देने का भी आदेश दिया गया है।

श्री खान की पार्टी पीटीआई ने बुधवार को कहा कि सजा का मतलब यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री को सार्वजनिक पद संभालने के लिए 10 साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। पार्टी के एक प्रवक्ता ने इस फैसले का वर्णन इस प्रकार किया, ‘‘ हमारी न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक और दुखद दिन, जिसे (न्यायपालिका) नष्ट किया जा रहा है।”
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने मंगलवार को अदालत के फैसले की आलोचना की थी। एक न्यायाधीश ने उन्हें एक वर्गीकृत दस्तावेज़ का खुलासा करने और राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया था। श्री खान और उनकी पीटीआई पार्टी ने उस मामले और उनके खिलाफ अन्य मामलों को फर्जी बताया है और यह तर्क दिया कि मुकदमे ‘गैरकानूनी अदालतों’ में हुए थे और कार्रवाई जल्दबाजी में की गई है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी हमला, 15 लोगों की मौत
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने तीन समन्वित हमले किए, जिनमें चार अधिकारी और दो नागरिक मारे गए। इस दौरान गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें नौ आतंकवादी ढेर हो गए।
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन हमलों में से एक हमला उच्च सुरक्षा वाली जेल पर भी किया गया। उन्होंने बताया कि ये हमले सोमवार को प्रांतीय राजधानी क्वेटा से करीब 70 किलोमीटर दूर माच शहर में हुए।
मंगलवार रात ‘इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 29 और 30 जनवरी की रात को, आत्मघाती हमलावरों सहित कई आतंकवादियों ने बलूचिस्तान में माच और कोलपुर परिसरों पर हमला किया।
विज्ञप्ति के अनुसार, हमलों का कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया। इस दौरान हुई गोलीबारी में नौ आतंकवादी मारे गए और तीन घायल हो गए जिन्हें सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया। आतंकवादियों ने उच्च सुरक्षा वाली केंद्रीय माच जेल में घुसने की कोशिश की, जहां कुछ खतरनाक आतंकवादी और ऐसे कैदी हैं जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है।
आईएसपीआर ने सोमवार रात से चार सुरक्षाकर्मियों और दो नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बल तुरंत तैनात हो गए हैं और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं।
बयान में कहा गया, ”तीन आत्मघाती हमलावरों सहित नौ आतंकवादियों को मार दिया गया है, जबकि तीन घायल हुए हैं।”
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले कहा था कि केंद्रीय माच जेल पर कम से कम 15 रॉकेट दागे गए।
प्रतिबंधित अलगाववादी समूह ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए), मजीद समूह ने हमलों की जिम्मेदारी ली है।
हमलों के बाद, सुरक्षा बलों और पहाड़ों में पीछे हटने की कोशिश कर रहे हमलावरों के बीच कई घंटे भारी गोलीबारी हुई।
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई ने कहा कि माच में अंतिम निकासी अभियान अभी भी जारी है।
अचकजई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”क्षेत्र में स्थिति काबू में है।”
सुरक्षा बलों पर सोमवार रात का हमला इस साल आतंकवादियों द्वारा किया गया सबसे घातक हमला है। पिछले साल नवंबर में बंदरगाह शहर ग्वादर में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में कम से कम 14 सैनिक मारे गए थे।
यह हमला पाकिस्तानी हमलों का स्पष्ट प्रतिशोध था, जिसे देश ने जनवरी की शुरुआत में ईरान में विद्रोहियों के ठिकाने बताया था।
बीएलए ने 18 जनवरी को ईरान में उनके शिविरों पर पाकिस्तान के हमलों के बाद बलूचिस्तान और अन्य जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमले शुरू करने की धमकी दी थी। ईरान में बीएलए के शिविरों पर हमलों में कम से कम नौ लोग मारे गए थे।
ये हमले पाकिस्तान में ईरानी हमले के जवाब में किए गए थे। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत, साथ ही ईरान के पड़ोसी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में दो दशकों से अधिक समय से बलूच राष्ट्रवादियों का विद्रोह जारी है।
सरकार उग्रवाद को ख़त्म करने का दावा करती है, लेकिन प्रांत में हिंसा जारी है। ईरान और पाकिस्तान 900 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिसके पार तस्कर और आतंकवादी खुलेआम आते-जाते हैं।