Special Report -प्रत्येक झांकी एक से बढ़कर एक

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राजस्थान की झांकी में दिखी संस्कृति, कला और पर्यटन की झलक. Republic Day Special.

गणतंत्र दिवस परेड में राजस्थान Rajasthan की झांकी में इस रेगिस्तानी राज्य की मनमोहक सांस्कृतिक परंपराओं, आकर्षक हस्तशिल्प ( Handicraft ) और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को दर्शाया गया।

”विकसित भारत मैं – पधारो म्हारे देश…राजस्थान” थीम पर आधारित झांकी में राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया।

इस झांकी में आगे की ओर ”घूमर” नृत्य शैली का प्रदर्शन किया गया और पीछे की ओर एक सजे हुए ऊंट का प्रतीक दर्शाया गया।

झांकी के पिछले भाग में भक्ति एवं शक्ति की प्रतीक मीरा बाई की सुन्दर प्रतिमा प्रदर्शित की गयी थी।

झांकी में ‘गोरबंद’ से सजे दो ऊंटों के मॉडल थे, जो राजस्थान में हर साल आयोजित होने वाले ‘ऊंट उत्सव’ की विरासत को दर्शाते हैं।

अनंत सूत्र: कर्तव्य पथ पर 1,900 साड़ियां प्रदर्शित की गई

गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर निकाली गई प्रत्येक झांकी एक से बढ़कर एक थी लेकिन ”अनंत सूत्र” नाम की एक विशेष प्रदर्शनी ने प्रत्येक महिला का मन मोह लिया।

इसमें देश के हर कोने की कुल 1,900 साड़ियां प्रदर्शित की गई। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार ‘अनंत सूत्र’ साड़ी के प्रति सम्मान को समर्पित है। ये साड़ी फैशन जगत को भारत का शानदार उपहार है।

कर्तव्य पथ पर लगभग 1,900 साड़ियां लकड़ी के फ्रेम में ऊंचाई पर लगायी गयी थीं। इसमें क्यूआर कोड भी दर्शाए गए थे जिन्हें स्कैन करके बुनाई और कढ़ाई के बारे में जानकारी एकत्र की जा सकती थी।

ये प्रदर्शनी बुनकरों और कलाकारों की कला को प्रदर्शित करने के लिए लगाई गई थी। इसमें एक साड़ी 150 वर्ष पुरानी थी।

अरुणाचल प्रदेश की झांकी में दिखी जैव विविधता की झलक

गणतंत्र दिवस परेड में शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश की झांकी में 17 वर्ग किलोमीटर के जैव विविधता वाले क्षेत्र ‘सिंगचुंग बुगुन विलेज कम्युनिटी रिजर्व’ की झलक दिखाई गई। इस जैव विविधता वाले क्षेत्र को 2017 में बनाया गया था।

यह गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए है। यहां लुप्त होने के खतरे का सामना कर रहे बुगुन लियोशिक्ला (लियोशिक्लाबुगुनोरम) पक्षी का संरक्षण किया जाता है। पक्षी का यह नाम एक जनजाति पर रखा गया है।

‘सिंगचुंग बुगुन विलेज कम्युनिटी रिजर्व’ में अन्य लुप्तप्राय: प्रजातियां जैसे रेड पांडा (ऐलुरुस्फुल्गेन्स) तथा जीवों एवं वनस्पतियों की दूसरी प्रजातियां भी हैं। झांकी में बुगुन लोक नृत्य दिखाया गया। इसके पिछले हिस्से में साहसिक खेलों को दर्शाया गया।

संस्कृति मंत्रालय की झांकी में दिखी भारत में लोकतंत्र की प्राचीन विरासत की झलक

गणतंत्र दिवस पर संस्कृति मंत्रालय की झांकी में बी आर आंबेडकर द्वारा देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को संविधान सौंपने की प्रतिकृतियों और लोकतांत्रिक लोकाचार को प्रतिबिंबित करने वाले प्राचीन प्रतीकों को प्रदर्शित किया गया।

”भारत: लोकतंत्र की जननी” विषयवस्तु वाली यह झांकी परेड का हिस्सा बनी।

गणतंत्र दिवस समारोह पर आधिकारिक पुस्तिका में झांकी के विवरण के अनुसार, ”ज्ञान की प्राचीन भूमि, भारत ने न केवल गहन आध्यात्मिक शिक्षाओं को जन्म दिया, बल्कि लोकतंत्र के बीज को भी पोषित किया। भारत में लोकतंत्र बाकी दुनिया द्वारा इसके महत्व को पहचानने से बहुत पहले फला-फूला।”

इसमें कहा गया है कि प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक भावना केवल एक राजनीतिक विचारधारा नहीं थी, बल्कि आध्यात्मिकता और समाज के विभिन्न क्षेत्रों को शामिल करने वाला एक समग्र लोकाचार था।

इसके मुताबिक, ऋग्वेद इस सार को ‘एकम् सद् विप्र बहुधा वदंति’ नामक कालजयी श्लोक में समाहित करता है, जो लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांत ‘विविधता में एकता’ पर जोर देता है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की झांकी में दिखी एआई के उपयोग की झलक

गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की झांकी में सामाजिक सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उपयोग को दर्शाया गया।

झांकी के अगले हिस्से में एक ”फीमेल रोबोट” को सोचने की मुद्रा में दिखाया गया। इसके साथ एक चिप का 3डी स्केल मॉडल दर्शाया गया। एलईडी लाइटों के साथ किनारों पर सर्किट डिजाइन ने उस ऊर्जा को प्रदर्शित किया जिसके साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता भारत को विकास की ओर ले जाती है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पारंपरिक विकास बाधाओं को दूर करने और भारत में बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने में सक्षम है।

इसमें कहा गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 967 अरब डॉलर की वृद्धि होने और 2025 तक भारत की जीडीपी में 450-500 अरब डॉलर जुड़ने की उम्मीद है, जो देश के 5 हजार अरब डॉलर के जीडीपी लक्ष्य का 10 प्रतिशत है।

झांकी में चिकित्सा सर्जरी में एआई के उपयोग को भी दर्शाने का प्रयास किया गया।

झांकी के पिछले हिस्से में शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका को दर्शाया गया है, जबकि निचले हिस्से में मवेशियों के स्वास्थ्य की निगरानी और दृष्टिबाधित व्यक्तियों की मदद करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल को दर्शाया गया।

झांकी के साथ छात्र इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटर का उपयोग करते हुए कर्तव्य पथ पर चलते हुए दिखाई दे रहे थे।

दिल्ली पुलिस के सर्व महिला दस्ते ने किया कर्तव्य पथ पर मार्च

दिल्ली पुलिस के सर्व महिला दस्ते ने शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड के इतिहास में पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च में भाग लिया।

दस्ते का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्वेता के. सुगाथन ने किया।

दिल्ली पुलिस के दस्ते में एक महिला राजपत्रित अधिकारी, तीन महिला उप-निरीक्षक, 44 महिला हेड कांस्टेबल और 100 महिला कांस्टेबल शामिल थीं। ये सभी लाल ‘साफा’ बांधे हुई थीं।

इससे पहले सुगाथन ने 2023 में पुरुष मार्चिंग दस्ते का भी नेतृत्व किया था। यह पहली बार था जब किसी महिला अधिकारी ने पुरुष सैनिकों का नेतृत्व किया था।

दिल्ली पुलिस का दस्ता 26 जनवरी 1950 के बाद से प्रत्येक गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले रहा है।

इसे 15 बार सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ता घोषित किया जा चुका है। इसका आदर्श वाक्य है ”शांति, सेवा और न्याय।”

दिल्ली पुलिस के सर्व महिला पाइप बैंड ने भी मार्च में भाग लिया, जिसका नेतृत्व बैंड मास्टर उप निरीक्षक रुयांगुनुओ केन्से ने किया।

वैज्ञानिक सुनीता जेना की अगुवाई वाली डीआरडीओ की झांकी ने महिला सशक्तीकरण को प्रदर्शित किया

देश के 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में शुक्रवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी का नेतृत्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक सुनीता जेना ने किया और इसमें महिला सशक्तीकरण को दर्शाया गया।

‘भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष के पांच आयाम में रक्षा कवच प्रदान करके राष्ट्र की रक्षा करने में महिला शक्ति’ के योगदान की विषय वस्तु पर आधारित इस झांकी में अनुसंधान और विकास के क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को दिखाया गया।

डीआरडीओ ने रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कई उच्च तकनीकी प्रणालियां विकसित की हैं। झांकी का नेतृत्व उत्कृष्ट वैज्ञानिक एवं निर्देशित मिसाइलों की विशेषज्ञ सुनीता जेना ने किया। उन्होंने स्वदेशी तरल रैमजेट प्रौद्योगिकी के विकास में भी अहम योगदान दिया है।

वैज्ञानिक पी लक्ष्मी माधवी, जे सुजाना चौधरी और ए भुवनेश्वरी भी झांकी में शामिल रहीं।

झांकी में मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम), उपग्रह रोधी (एएसएटी) मिसाइल, अग्नि -5 मिसाइल समेत डीआरडीओ द्वारा विकसित प्रणालियों के मॉडल दिखाए गए।

देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर परेड की शुरूआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सलामी लेने के साथ हुई।

भारत ने राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान अपनी सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन किया। देश की महिला शक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों पर केंद्रित इस भव्य समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

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