फिलिस्तीन के साथ जारी गतिरोध के बीच चरमपंथी गुट हमास इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट दाग रहा है. इजरायल का दावा है कि हमास साढ़े तीन हजार से ज्यादा रॉकेट रॉकेट दाग चुका है.
गाजा, फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) की सशस्त्र शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने गुरुवार को शपथ लेते हुए कहा कि यदि इजरायल गाजा पर जमीनी हमला करता है तो उसे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। विश्लेषकों का कहना है कि पिछले संघर्षों के मुकाबले हमास तेजी से इजरायल पर हमले कर रहा है. माना जा रहा है कि ईरान के समर्थन के चलते हमास इतना आक्रामक हुआ है. ब्रिटेन के टेलीग्राफ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने फिलिस्तीनी चरमपंथी गुट हमास को अपनी मिसाइलों को विकसित करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है . It is proved now that Iran is along with other anti Israel countries is openly supporting Terror Alliance Hamaas with all its capacity.

अल-कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने कहा, उनका समूह ऐसे विकल्पों को तलाशेगा जिससे यदि इज़रायल गाजा में जमीनी हमले को अंजाम देने की हिम्मत करता है तो उसे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और जान-माल का भारी नुकसान होगा।
अल-कसिम को हमास के खूंखार ब्रिगेड के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी स्थापना साल 1991 में की गई थी। यह ब्रिगेड गाजा में सक्रिय है।
ओबैदा ने चेतावनी दी, “हमारे पास भारी हथियार हैं जो हमें सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं जिसे दुश्मन ने इससे पहले कभी नहीं देखा होगा और हमारी ब्रिगेड दुश्मन की सेना को कुचल सकते हैं।” ओबैदा ने कहा कि उनकी ब्रिगेड ने इजरायली जेलों में सभी फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली करने के लिए पर्याप्त इजरायली नागरिकों को बंदी बना रखा है। उन्होंने फिलिस्तीनी युवाओं और अरब और इस्लामी देशों से इजरायल के खिलाफ चल रही जंग में शामिल होने के लिए सभी मोर्चों पर आगे आने का भी आह्वान किया है।
इजराइल ने गत शनिवार से हमास द्वारा किए गए विध्वंशकारी हमले के जवाब में जमीनी हमले के लिए रिकॉर्ड 360,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाया है।
1600 आस्ट्रेलियाई Australian नागरिकों ने स्वदेश वापसी के लिए पंजीकरण कराया: अल्बानीज़

कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया की सरकार इज़राइल, गाजा और वेस्ट बैंक में फंसे अपने नागरिकों को स्वदेश वापस लाने के लिए निरंतर काम कर रही है। आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
श्री अल्बानीज ने कहा कि इस इजरायल, गाजा और वेस्ट बैंक में फंसे 1600 ऑस्ट्रेलियाई लोगों को लाने के लिए एक असाधारण लॉजिस्टिक अभ्यास किया जा रहा है। इन सभी नागरिकों ने स्वदेश वापसी के लिए अपना पंजीकरण कराया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने तेल अवीव के बेन गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से देश के ध्वजवाहक क्वांटास द्वारा संचालित दो मुफ्त उड़ानों को शुरू किया है, जिनमें से पहली शुक्रवार को 200 से अधिक यात्रियों के साथ रवाना होगी। उन्होंने बताया कि दो मुफ्त उड़ानों के बाद तीसरी उड़ान को किराए पर ली है।
श्री अल्बानीज़ ने मीडिया ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) को बताया कि युद्धग्रस्त क्षेत्र से सहायता प्राप्त प्रस्थान के लिए विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डीएफएटी) में पंजीकरण कराने वाले 1,600 ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से 19 गाजा में स्थित हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार दक्षिण आस्ट्रेलियाई चार लोगों के एक परिवार को गाजा से दक्षिणी सीमा के रास्ते बाहर निकालने के लिए मिस्र सरकार से बातचीत कर रही है।
इजरायली हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 1,569 हुई: स्वास्थ्य मंत्रालय
गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक पर इजरायली हमलों में मरने वालों की संख्या कुल 1,569 हो गई है, जबकि 7,212 अन्य घायल हुए हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गाजा में मरने वालों की संख्या 1,537 तक पहुंच गई है, जिनमें 500 बच्चे और 276 महिलाएं भी शामिल हैं।
फ़िलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) द्वारा शनिवार को बड़े पैमाने पर किए गए अचानक हमले के जवाब में इज़रायल हमास गाजा पट्टी पर हमले की और गुरुवार को भी गाजा के विभिन्न क्षेत्रों पर इजरायली हवाई हमले जारी रखे।
इजराइल के सार्वजनिक प्रसारक कान ने बताया कि हमास की ओर से इजरायल पर किए गए हमले में अब तक मरने वालों की संख्या 1,300 से अधिक हो गई है।
युद्ध प्रभावित इजराइल से 254 नेपाली Nepal छात्रों की घर वापसी

काठमांडू, युद्ध प्रभावित इजराइल से बचाए गए 254 नेपाली छात्रों का एक समूह विदेश मंत्री एन पी सऊद के नेतृत्व में शुक्रवार को काठमांडू पहुंच गया।
इजराइल के बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बृहस्पतिवार को उड़ान भरने वाला नेपाल एयरलाइंस का एक विमान दुबई रुकने के बाद आज सुबह यहां त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा।
विदेश मंत्री सऊद ने हवाई अड्डे पर उतरने के बाद संवाददताओं से कहा कि स्वदेश लौटने के लिए अनुरोध करने वाले अन्य नेपाली नगारिकों को भी जल्द वापस लाया जाएगा।
मंत्री ने बताया तेल अवीव में नेपाल के दूतावास ने स्वदेश लौटने और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने के इच्छुक नागरिकों से आवेदन मांगे थे, इसके बदले में 557 नेपालियों ने अपना विवरण दिया।

‘हिमालयन टाइम्स’ अखबार ने मंत्री के हवाले से कहा, ”557 नेपालियों में से 503 ने स्वदेश लौटने के लिए आवेदन किया था और उनमें से 254 आज हमारे साथ घर लौट आए हैं।”
मंत्री सऊद ने बताया कि जिन 54 नेपालियों ने जोखिम वाले क्षेत्रों से स्थानांतरित होने का अनुरोध किया था, उन्हें इजराइल में सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
फलस्तीन चरमपंथी समूह हमास ने शनिवार को दक्षिणी इजराइल में हवाई हमले किए, जिसमें 10 नेपाली छात्र मारे गए थे। छह छात्रों को बचा लिया गया और एक लापता है।
सऊद ने कहा, ”हमलों के बाद लापता हुए बिपिन जोशी की तलाश जारी है। जैसे ही हमें इस बारे में अतिरिक्त जानकारी मिलेगी, हम साझा करेंगे।”
उन्होंने बताया, ”इजराइल की ओर से कहा गया है कि शवों को सौंपने में कुछ समय लगेगा क्योंकि कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना और प्रत्येक मृतक का विवरण अलग-अलग रखना आवश्यक है और इजराइल में शवों की संख्या काफी अधिक है।”
उन्होंने मृतकों के परिजनों और रिश्तेदारों से धैर्य रखने का अनुरोध किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, नेपाल के 265 छात्र इजराइली सरकार की ‘सीखो और कमाओ’ योजना के तहत, इजराइल के विभिन्न हिस्सों में पढ़ रहे थे और लगभग 4,500 नेपाली नागरिक विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।