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मां अन्नपूर्णा रसोई घर- गर्मियों के मौसम में अक्सर लोग खाने के साथ लस्सी (lassi) का सेवन करते हैं। लस्सी पीने में जितनी स्वादिष्ट होती है, सेहत के लिए भी उनती ही फायदेमंद मानी जाती है। लस्सी का सेवन त्वचा, बालों के लिए, एसिडिटी में, कब्ज दूर करने, वजन कम करने और हड्डियां मजबूत करने आदि में लाभकारी माना जाता है। बता दें लस्सी में कार्बोहाइड्रेट, कई तरह के विटामिन्स, प्रोटीन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, गुड बैक्टीरिया, लैक्टिक एसिड, कैल्शियम आदि मौजूद होते हैं, जो व्यक्ति की सेहत को किसी ना किसी रूप में लाभ पहुंचाते हैं। लेकिन अगर आप गलत समय पर लस्सी का सेवन करते हैं तो इससे लाभ की जगह आपको नुकसान भी हो सकता है। जानते हैं लस्सी से क्या फायदे नुकसान हो सकते हैं।

छाछ या लस्सी, सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद ? जानें इनके पोषक तत्व
छाछ और लस्सी में अंतर- 𝗗𝗶𝗳𝗳𝗲𝗿𝗲𝗻𝗰𝗲 𝗕𝗲𝘁𝘄𝗲𝗲𝗻 𝗕𝘂𝘁𝘁𝗲𝗿𝗺𝗶𝗹𝗸 𝗮𝗻𝗱 𝗟𝗮𝘀𝘀𝗶
छाछ नमकीन स्वाद की होती है वहीं लस्सी का स्वाद मीठा होता है।
छाछ की कंसिस्टेंसी ज्यादा पतली होती है और लस्सी गाढ़ी होती है।
लस्सी, छाछ से ज्यादा एसिडिक होती है।
छाछ को काला नमक, जीरा पाउडर, धनिया जैसी हेल्दी सामग्रियों के साथ तैयार किया जाता है।
लस्सी में चीनी, दूध, फल मिलाए जाते हैं।

छाछ में मौजूद पोषक तत्व- 𝗕𝘂𝘁𝘁𝗲𝗿𝗺𝗶𝗹𝗸 𝗡𝘂𝘁𝗿𝗶𝗲𝗻𝘁𝘀
छाछ में प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं। छाछ का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है। छाछ में कैल्शियम, विटामिन-बी12, जिंक और प्रोटीन मौजूद होता है। विटामिन-बी12 की मदद से ब्लड ग्लूकोज को एनर्जी में बदलना आसान हो जाता है। विटामिन-बी12 की कमी (𝗩𝗶𝘁𝗮𝗺𝗶𝗻 𝗕12 𝗗𝗲𝗳𝗶𝗰𝗶𝗲𝗻𝗰𝘆) से कब्ज की समस्या हो सकती है। रोज छाछ पीने से यह कमी दूर होती है।
लस्सी में मौजूद पोषक तत्व– 𝗟𝗮𝘀𝘀𝗶 𝗡𝘂𝘁𝗿𝗶𝗲𝗻𝘁𝘀
लस्सी में कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। लस्सी में मौजूद कैल्शियम का सेवन करने से हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। लस्सी में रिबोफ्लेविन और पोटेशियम मौजूद होने के कारण, बीपी कंट्रोल करने में मदद मिलती है। लस्सी में लैक्टिक एसिड पाया जाता है। इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। लस्सी को खुद में एक कंप्लीट मील माना जाता है। कई लोग लस्सी में फल और सीड्स मिलाकर इसे खाने की जगह खाते हैं।

छाछ और लस्सी में से क्या है ज्यादा हेल्दी ड्रिंक?- 𝗕𝘂𝘁𝘁𝗲𝗿𝗺𝗶𝗹𝗸 𝘃𝘀 𝗟𝗮𝘀𝘀𝗶 𝗪𝗵𝗶𝗰𝗵 𝗜𝘀 𝗛𝗲𝗮𝗹𝘁𝗵𝗶𝗲𝗿
छाछ और लस्सी में से- छाछ ज्यादा हेल्दी विकल्प है। 1 गिलास छाछ में करीब 40 से 45 कैलोरीज पाई जाती हैं और वहीं लस्सी में करीब 150 से 200 कैलोरीज मौजूद होती हैं। हाई कैलोरीज के कारण लस्सी पीने से वजन बढ़ सकता है। आयुर्वेदिक दृष्टि से देखें, तो छाछ, लस्सी के मुकाबले ज्यादा हल्की होती है। इसे पीने से कफ दोष नहीं बढ़ता। छाछ में दूध या लस्सी से लगभग 50 प्रतिशत कम कैलोरीज होती हैं। साथ ही 75 प्रतिशत कम फैट भी होता है। इसलिए जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, उनके लिए छाछ पीना ज्यादा बेहतर विकल्प है। छाछ में पानी भी मिलाया जाता है। इससे छाछ की कैलोरीज और कम हो जाती हैं। वहीं लस्सी में लो-फैट मिल्क इस्तेमाल करने के बावजूद भी, छाछ से ज्यादा कैलोरीज होती हैं। जिन लोगों को अल्सर या पेट में एसिडिटी की शिकायत रहती हैं। उनके लिए छाछ और लस्सी दोनों ही पीना हेल्दी ऑप्शन है। इन दोनों पेय पदार्थों को पीने से पाचन क्रिया आसान हो जाती है।
𝗕𝘂𝘁𝘁𝗲𝗿𝗺𝗶𝗹𝗸 𝘃𝘀 𝗟𝗮𝘀𝘀𝗶: छाछ और लस्सी में से, छाछ ज्यादा बेहतर विकल्प है। लस्सी में कैलोरीज ज्यादा होती हैं। वहीं छाछ को पचाना ज्यादा आसान होता है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।
गर्मियों के मौसम में अक्सर लोग खाने के साथ लस्सी (lassi) का सेवन करते हैं। लस्सी पीने में जितनी स्वादिष्ट होती है, सेहत के लिए भी उनती ही फायदेमंद मानी जाती है। लस्सी का सेवन त्वचा, बालों के लिए, एसिडिटी में, कब्ज दूर करने, वजन कम करने और हड्डियां मजबूत करने आदि में लाभकारी माना जाता है। बता दें लस्सी में कार्बोहाइड्रेट, कई तरह के विटामिन्स, प्रोटीन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, गुड बैक्टीरिया, लैक्टिक एसिड, कैल्शियम आदि मौजूद होते हैं, जो व्यक्ति की सेहत को किसी ना किसी रूप में लाभ पहुंचाते हैं। लेकिन अगर आप गलत समय पर लस्सी का सेवन करते हैं तो इससे लाभ की जगह आपको नुकसान भी हो सकता है। जानते हैं लस्सी से क्या नुकसान हो सकते हैं।
लस्सी पीने के नुकसान-
-लस्सी बनाने में चीनी का इस्तेमाल भी किया जाता है। अगर आप डायबिटीज (Diabetes) के मरीज हैं तो ज्यादा लस्सी का सेवन आपके रोग को बढ़ा सकता है।
-छाछ में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। ऐसे में किडनी (kidney) रोग से ग्रस्त लोगों के लिए इसका अधिक सेवन ठीक नहीं है। अगर आप किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं, तो इसे पीने से बचें।
-जिन लोगों को एग्जिमा की समस्या होती है, उन्हें छाछ का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे त्वचा पर जलन, खुजली की समस्या हो सकती है।
-रात के वक्त लस्सी पीने से पाचन तंत्र (digestion) प्रभावित होता है, जिसके कारण आपको उल्टी की भी समस्या हो सकती है।
-घुटनों और जोड़ों के दर्द की परेशानी से गुजर रहे लोगों के लिए रात के समय लस्सी का सेवन करना नुकसानदेय होता है।
अगर आप रात में लस्सी पीकर सोते हैं, तो यह सही से पच नहीं पाती है। इसकी वजह से आपकी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और इस कारण से पेट में दर्द, अपच, मतली जैसी परेशानी हो सकती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।