नम्बर जेहाद – देश मे चलाया गया है बहुत बड़ा नम्बर जेहाद

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देश मे चलाया गया है बहुत बड़ा नम्बर जेहाद

पूरे विश्व मे ये पहला उदाहरण है। दुनिया चकित है, केरल के महाज्ञानी छात्रों  के नम्बर देख कर। 

आज TV पर बताया गया कि केरल बोर्ड से 100% नम्बर लेकर आये 4000 से ज्यादा छात्र छात्राओं ने दिल्ली वि वि मे फार्म भरा जिसमे एक ही कॉलेज मे, इतिहास मे 38, भूगोल मे 34, गणित मे 45, बायोलॉजी मे 51, अंग्रेजी मे 50 बच्चों को एडमिशन  मिला। जितने भी केरल के छात्रों ने फार्म भरा सब के सब दाखिला पा गए। ये एक कॉलेज का परिणाम था बाकी चार हजार को भी अन्य कॉलेज मे दाखिला मिलना तय है । 

 गौर तलब है कि गणित मे तो समझ मे आता है की 100% नंबर मिल सकते हैं , पर इतिहास, भूगोल, बायोलॉजी, और भाषा मे 100% नम्बर तो नामुमकिन ही है। 

 इस बहुत बड़े जिहाद घोटाले को पकड़ा दिल्ली वि वि के प्रोफेसर राकेश पांडेय ने प्रो.पांडेय 2016 से ही इस बात पर गौर कर रहे थे , पर उनकी बात वि वि प्रशासन और मुख्य मंत्री तक ने नकार दी, तब उन्होंने ये मुद्दा TV पर उठाया तो हड़कंप मच गया, अब जाँच हो रही है। 

ये पूरा खेल केरल की वाम पंथी सरकार का है जो नेहरू के मदरसे JNU / की तरह दिल्ली वि वि को भी अपना /अपराधी अड्डा बनाना चाह रही है। 

वि वि के शिक्षकों का कहना है की केरल का ढिंढोरा पीटने वालों सुनो इन छात्रों की ना हिंदी अच्छी है ना ही अंग्रेजी भाषा उनका उच्चारण ही गलत होता है जो समझ ने नही आता, और जब केरल की शिक्षा का स्तर बहुत ऊँचा बताया जाता है तो 2000 km दूर केरल से कमतर स्तर वाले दिल्ली क्यों आ रहे हैं ये छात्र  ?? 

जब ये बात प्रोफेसर पांडेय ने उठाई तो उनको धमकी मिलना शुरू गयी, शशि थरूर जैसा आदमी उनकी आलोचना करने लगा, असल मे ये सारे वाम पंथी और कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग JNU की तरह दिल्ली वि वि को बना देना चाहते हैं, अब देखना ये है की ये हरकत भारत के और कौन कौन से वि वि मे की जा रही है। 

 सबसे खास बात ये है कि केरल मे आन लाईन परीक्षा भी नहीं हुई है। छात्र को व्यक्तिगत रूप से परीक्षा मे बैठना पड़ा था, जबकि न लाइन परीक्षा देने वाले छात्रों जो किताबें देख कर और कंप्युटर  रख कर परीक्षा दिये हैं उनको भी दो चार को ही 100% नम्बर मिले हैं। 

 इसके पूर्व  UPSC मे उर्दू को माध्यम बना कर षड्यंत्र रचा गया था जिसमे जांचने वाले भी Special Community से ही होते हैं दूसरों को उर्दू आती ही नहीं तो जाँच भी उर्दू जानने वाले ही करते रहे। उसमे भी 100% नंबर देकर Special Community को IAS, IPS, आदि जगह पर yr 2000 से घुसेड़ रहे थे, शाह फ़ैसल आदि ऐसे ही टॉपर बने थे।

 केरल मे कानून की डिग्री मे शरिया कानून एक सब्जेक्ट है। अब ऐसे वकील कल को हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट मे पहुंचेंगे तो क्या हाल करेंगे भारतीय कानून का ये विचारणीय प्रश्न है। 

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