भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और आयुष मंत्रालय के बीच गुरुवार को एकीकृत चिकित्सा के क्षेत्र में स्वास्थ्य अनुसंधान पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि समझौते से पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक अनुसंधान और नवाचार के साथ जोड़कर आयुर्वेद को वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर अपनी पहचान बनाने के लिए बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी का एकीकृत चिकित्सा के विकास और पहुंच में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह समझौता साक्ष्य-आधारित अनुसंधान क्षमताओं को और मजबूत करते हुए इस गति को तेज और व्यापक बनाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में सकारात्मक प्रगति है और दो संस्थानों की ताकत, संसाधनों और क्षमताओं को मजबूत करने से वास्तव में उपयोगी परिणाम आएंगे।