शुक्र ग्रह अस्त (तारा डूबना) (30 अप्रैल 2024, मंगलवार)
Venus plays a vital role in Indian astrology. It is Considered as a provider of wealth, luxury, love, happiness in interpersonal relationships. It is believed that if Venus is set in down position no matrimonial ceremonies should be organized. This year the phase shall begun from 30th April, 2024.
कोई भी ग्रह सूर्य के नजदीक आता है तो वह अस्त हो जाता है। वर्तमान में मेष राशि में सूर्य गोचर कर रहे हैं और शुक्र ग्रह 24 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र ग्रह सूर्य के जितने नजदीक अंश में आएंगे उसी प्रकार व अस्त अवस्था में चले जाएंगे और 30 अप्रैल तक शुक्र ग्रह पूर्णतया अस्त हो जाएंगे, इसे लौकिक भाषा में तारा डूबना भी कहते हैं और 07 जुलाई को शुक्र ग्रह पश्चिम दिशा में उदय होंगे। अतः लगभग 30 अप्रैल से 07 जुलाई तक किसी भी तरह के मांगलिक कार्य विवाह इत्यादि के शुभ मुहूर्त नहीं मिल पाएंगे।
किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले मुहूर्त का जरूर ध्यान रखा जाता है। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में कार्य करने से उस काम में सफलता जरूर मिलती है। फिर चाहे वह विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ हो या फिर मंदिर निर्माण हो। ऐसे ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य को करने से पहले शुक्र की स्थिति जरूर देखी जाती है।
शुक्र ग्रह को धन, ऐश्वर्य, संपन्न, आकर्षण, सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए अगर शुक्र अस्त होता है, तो विवाह, सगाई आदि करने की पूर्ण रूप से मनाही होती है।
शुक्र क्यों होता है अस्त…?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को सांसारिक और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। इसलिए शुक्र अस्त होने पर कुछ कामों पर रोक लगा दी जाती है। विशेषकर मांगलिक कार्यों में विराम लग जाता है। क्योंकि जब कोई ग्रह सूर्य के करीब आ जाता है, तो वह ग्रह कमजोर पड़ने लगता है। ऐसे में उस ग्रह के सकारात्मक प्रभाव समाप्त होने लगते हैं। इसी कारण इसे अस्त कहते हैं। शुक्र की बात करें, तो इसे भोर का तारा कहा जाता है। जब ये सूर्य के पास आता है, तो इसकी ऊर्जा काफी कमजोर हो जाती है और दिखाई देना बंद कर देता है। इसी कारण इसे शुक्र कहते हैं।
शुक्र अस्त में क्यों नहीं करते है विवाह-:
शुक्र अस्त होने के बाद विवाह जैसे मांगलिक काम जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि पर रोक लग जाती है। माना जाता है कि शुक्र ग्रह सांसारिक सुख- भोग के मुख्य कारक ग्रह है अतः शुक्र अस्त के समय विवाह करने से कुछ समय के बाद ही रिश्तों में खटास उत्पन्न हो जाती है।
शुक्र के अस्त होने से शादी टूटने तक की नौबत आ सकती है। इतना ही जीवनसाथी की तरक्की और सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए शुक्र अस्त होने पर विवाह करने की मनाही होती है।
लग्जरी लाइफ का कारक है शुक्र-:
जिन जातकों के जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह अस्त या कमजोर अवस्था में होते हैं उन्हें लग्जरी लाइफ अर्थात सांसारिक सुख भोग, शादी- विवाह इत्यादि में बाधा उत्पन्न होती है। इसके लिए शुक्र ग्रह को मजबूत करने के प्रयास करने चाहिए, अर्थात संबंधित उपाय करने चाहिए।।