Budget Express -बजट-26 में मध्यम वर्ग को राहत, कृषि और निवेश को प्रोत्साहन,बिहार को सौगात

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Exclusive report on Indian Budget presented today by Finance minister Nirmala Sitharaman Ji. Here are the Highlights for you.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने के साथ ही अर्थव्यवस्था को गति देने वाले चार इंजनों कृषि, एमएसएमई, निवेश तथा निर्यात को विशेष प्रोत्साहन देने के उपाायों करते हुए बिहार के लिए कई घोषणायें की है।

बजट में वित्त मंत्री ने 12.75 लाख रुपए तक की आय वाले करदाताओं और वेतनभोगियों के लिए शून्य कर के प्रावधान के साथ साथ किराये से प्राप्त पर आय और बुजुर्गों की ब्याज से आय पर टीडीएस की कटौती की सीमा बढ़ाने के उपाय किये हैं। उन्होंने एमएसएमई इकाईयों को नई परिभाषा दी है जिसमें उनके निवेश और कारोबार की सीमा 2.5 गुना और दो गुना हो गयी है।

श्रीमती सीतारमण ने शनिवार को संसद में तेलुगु कवि और नाटककार गुरजादा अप्पा राव की प्रसिद्ध पंक्ति, -‘एक देश सिर्फ उसकी मिट्टी नहीं है; एक देश उसके लोग हैं’-को उद्धृत किया और सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करते हुए “सबका विकास” थीम के साथ केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि उधार के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमशः 34.96 लाख करोड़ रुपये और 50.65 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। शुद्ध कर प्राप्तियाँ 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में उधार के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से शुद्ध कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये हैं। कुल व्यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग 10.18 लाख करोड़ रुपये है। राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 2024-25 सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत है जबकि बजट 2025-26 में जीडीपी का 4.4 प्रतिशत होने का अनुमान है।

राजकोषीय समेकन को जारी रखने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार हर साल राजकोषीय घाटे को इस तरह बनाए रखने का प्रयास करती है कि केंद्र सरकार का कर्ज जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घटता रहे और इसके लिए अगले छह वर्षों के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है।

वित्त मंत्री ने विकसित भारत के सिद्धांतों को रेखांकित किया, जिसमें शून्य गरीबी, सौ प्रतिशत अच्छी गुणवत्ता वाली स्कूली शिक्षा, उच्च गुणवत्ता वाली, सस्ती और व्यापक स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच, सार्थक रोजगार के साथ सौ प्रतिशत कुशल श्रम, आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएँ और किसानों पर जोर दिया गया है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-2026 विकास को गति देने, समावेशी विकास को सुरक्षित करने, निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने, घरेलू भावनाओं को ऊपर उठाने और भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों को जारी रखने का वादा करता है। बजट में गरीब, युवा, किसान और महिला पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकास उपायों का प्रस्ताव है। बजट का उद्देश्य भारत की विकास क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए कराधान, बिजली क्षेत्र, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक सुधारों में परिवर्तनकारी सुधार शुरू करना है। बजट में कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को विकसित भारत की यात्रा में इंजन बताया गया है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग, विकसित भारत की यात्रा के प्रमुख स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग भारत के विकास को ताकत देता है और सरकार ने उनके योगदान को मान्यता देते हुए समय-समय पर ‘शून्य कर’ स्लैब में बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित नई कर संरचना मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक पैसा देकर उपभोग, बचत और निवेश को काफी बढ़ावा देगी। बजट में किये गये प्रस्ताव के तहत एक लाख रूपए तक मासिक औसत आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इससे मध्यमवर्ग परिवारों की आय व खपत में वृद्धि होगी। वेतनभोगी करदाताओं को नई कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपए तक कोई आयकर नहीं देना होगा। बजट में किये गये इस प्रस्ताव से 24 लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय वाले करदाताओं को 1.10 लाख रुपये की बचत होगी। हालांकि इससे सरकार का एक लाख करोड़ रुपये का राजस्व कम हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि बजट में राज्यों के साथ साझेदारी में देश के 100 जिलों में 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत 100 जिलों को शामिल किया जाएगा, ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके, फसल विविधीकरण को अपनाया जा सके, कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाया जा सके, सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया जा सके और दीर्घकालिक तथा अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाया जा सके। कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के माध्यम से कृषि में अल्प रोजगार की समस्या दूर करने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए, ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित करने का है।

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार अरहर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देते हुए छह वर्षीय “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू करेगी। केंद्रीय एजेंसियां ​​(नेफेड और एनसीसीएफ) किसानों से अगले चार वर्षों के दौरान जितनी भी दालें पैदा होंगी, उन्हें खरीदने के लिए तैयार रहेंगी। बजट में सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन और कपास उत्पादकता के लिए पांच वर्षीय मिशन जैसे उपायों की रूपरेखा तैयार की गई है, ताकि कृषि और संबद्ध गतिविधियों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा सके। श्रीमती सीतारमण ने संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की।

वित्त मंत्री ने एमएसएमई को विकास के लिए दूसरा पावर इंजन बताया क्योंकि यह निर्यात का 45 प्रतिशत हिस्सा हैं। एमएसएमई को उच्च दक्षता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने में मदद करने के लिए, सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया गया है। इसके अलावा, गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता बढ़ाने के लिए कदम भी घोषित किए गए हैं। वित्त मंत्री ने पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पहली बार उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू करने की भी घोषणा की। यह अगले पांच वर्षों के दौरान दो करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण प्रदान करेगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार भारत को ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलौनों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की योजना भी लागू करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को कवर करने वाला एक राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करेगी। निवेश को विकास के तीसरे इंजन के रूप में परिभाषित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने लोगों, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश को प्राथमिकता दी है। उन्होंने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए जाएंगे। भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने की घोषणा करते हुये उन्होंने कहा कि स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए डिजिटल रूप में भारतीय भाषा की किताबें उपलब्ध कराने के वास्ते भारतीय भाषा पुस्तक योजना लागू की जाएगी। युवाओं को “मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ कौशल के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता केंद्र 500 करोड़ के कुल परिव्यय के साथ स्थापित किया जाएगा।

बजट में घोषणा की गई कि सरकार गिग कामगार के पहचान पत्र, ई-श्रम पोर्टल पर उनके पंजीकरण और पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था करेगी। अर्थव्यवस्था में निवेश के तहत श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बुनियादी ढांचे से संबंधित मंत्रालय पीपीपी मोड में परियोजनाओं की तीन साल की पाइपलाइन लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन के लिए राज्यों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।

उन्होंने नई परियोजनाओं में 10.18 लाख करोड़ रुपये की पूंजी लगाने के लिए दूसरी परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना 2025-30 की भी घोषणा की। जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया, जिसमें बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और जन भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं के संचालन और रखरखाव पर ध्यान केंद्रित किया गया। सरकार ‘विकास केंद्र के रूप में शहर’, ‘शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास’ और ‘जल एवं स्वच्छता’ के प्रस्तावों को लागू करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का शहरी चुनौती कोष स्थापित करेगी। नवाचार में निवेश के तहत, निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहल को लागू करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री ने आधारभूत भू-स्थानिक बुनियादी ढांचे और डेटा को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन का प्रस्ताव किया है जिससे शहरी नियोजन को लाभ होगा। बजट में शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहकर्ताओं के साथ एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों के सर्वेक्षण, दस्तावेज़ीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन का प्रस्ताव किया गया है। ज्ञान साझा करने के लिए भारतीय ज्ञान प्रणालियों का एक राष्ट्रीय डिजिटल भंडार भी बनाये जाने की बात कही गयी है।

श्रीमती सीतारमण ने निर्यात को विकास के चौथे इंजन के रूप में परिभाषित करते हुये कहा कि वाणिज्य, एमएसएमई और वित्त मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित; निर्यात संवर्धन मिशन एमएसएमई को निर्यात बाजार में प्रवेश करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, ‘भारत ट्रेडनेट’ (बीटीएन) को व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण समाधानों के लिए एक एकीकृत मंच के रूप में प्रस्तावित किया गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ एकीकरण के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को विकसित करने में सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार डोमेस्टिक मार्केटप्लेस को समर्थन देगी। उद्योग 4.0 से संबंधित अवसरों का लाभ उठाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग को प्रोत्साहित किया जायेगा। उभरते द्वितीय श्रेणी शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय रूपरेखा भी प्रस्तावित की गई है। सरकार उच्च मूल्य वाले खराब होने वाले बागवानी उत्पादों सहित एयर कार्गो के लिए बुनियादी ढांचे और गोदाम के उन्नयन की सुविधा प्रदान करेगी।

सुधारों को इंजन के ईंधन के रूप में परिभाषित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए फेसलेस असेसमेंट, टैक्स पेयर्स चार्टर, तेज़ रिटर्न, लगभग 99 प्रतिशत रिटर्न स्व-मूल्यांकन पर होना और विवाद से विश्वास योजना जैसे कई सुधार किये। ‘कारोबार में सुगमता’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए वित्त मंत्री ने अनुपालन को आसान बनाने, सेवाओं का विस्तार करने, मजबूत विनियामक वातावरण बनाने, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेश को बढ़ावा देने और पुराने कानूनी प्रावधानों को अपराधमुक्त करने के लिए भारत में वित्तीय परिदृश्य में बदलाव का प्रस्ताव किया है।

वित्त मंत्री ने बीमा के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया जो उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा जो भारत में पूरा प्रीमियम निवेश करती हैं। उन्होंने उत्पादकता और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सिद्धांतों और विश्वास पर आधारित एक विनियामक ढांचे का प्रस्ताव रखा। उन्होंने 21वीं सदी के लिए इस आधुनिक, लचीले, लोगों के अनुकूल और विश्वास-आधारित विनियामक ढांचे को विकसित करने के लिए चार विशिष्ट उपायों का प्रस्ताव किया। विनियामक सुधारों के लिए उच्च स्तरीय समिति,सभी गैर-वित्तीय क्षेत्र के विनियमनों, प्रमाणन, लाइसेंस और अनुमतियों की समीक्षा करना।

विश्वास आधारित आर्थिक शासन को मजबूत करना और ‘कारोबार में आसानी’ को बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी उपाय करना, खास तौर पर निरीक्षण और अनुपालन के मामलों में एक साल के भीतर सिफारिशें करने के लिए राज्यों को शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्यों का निवेश मित्रता सूचकांक प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए 2025 में राज्यों का निवेश मित्रता सूचकांक जारी किया जाएगा। वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के तहत तंत्र मौजूदा वित्तीय विनियमों और सहायक निर्देशों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए तंत्र बनाया जायेगा। वित्तीय क्षेत्र की उनकी जवाबदेही और विकास को बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। जन विश्वास विधेयक 2.0 विभिन्न कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को अपराधमुक्त करेगा।

बिहार के लिए बजट में कई घोषणायें करते हुये श्रीमती सीतारमण ने मखाना बोर्ड का गठन करने और ग्रीन फील्ड हवाई अडडे सहित कई परियोजनाओं की घोषणा की। उन्होंने मिथिलांचल में वेस्टर्न कोशी कैनाल परियोजना का प्रस्ताव पेश किया है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार आर्थिक मदद करेगी। इस परियोजना से इस क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा और 50 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए जल प्राप्त होगा। साथ ही इससे बाढ़ की त्रासदी को घटाने में भी मदद मिलेगी।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि सभी सरकारी योजना का फायदा इन किसानों को मिले। उन्होंने कहा कि मखाना (फॉक्स नट) के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। मखाना किसानों को सहायता, प्रशिक्षण और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया जाएगा कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। केंद्रीय बजट में बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बनाने का प्रस्ताव है। साथ ही फुटवियर-चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भी बजट में है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी और उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बिहार के कृषि उत्पादों को अलग तरह का बाजार उपलब्ध कराने में मदद करेगा। इससे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोतरी करेगा। साथ ही युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार प्राप्त करने के अवसर पैदा करेगा।

उन्होंने भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिहार में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट परियोजना का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि पटना हवाई अड्डा और ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट बिहटा से यह परियोजना अलग होगी। पटना स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की क्षमता बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी अवसंरचना बनाया जाएगा। छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। साथ ही बिहटा स्थित आईआईटी पटना का विस्तार किया जाएगा।

बजट में कहा गया है कि विकास केन्द्रों के रूप में शहरों के लिए एक लाख करोड़ रुपये का शहरी चुनौती कोष बनाया जायेगा। 20,000 करोड़ के व्यय के साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान एवं विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन बनाया जायेगा। 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए संशोधित उड़ान योजना शुरू की जायेगी। 15,000 करोड़ का स्वामी निधि स्थापित किया जाएगा, ताकि एक लाख से अधिक संकटग्रस्त आवास इकाइयों का निर्माण तेजी से पूरा किया जा सके। निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान विकास और नवाचार पहलों के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जायेंगें।

तीन साल की ब्लॉक अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की आर्म्स लेंथ कीमत निर्धारित करने की योजना पेश की गई है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कराधान में निश्चितता प्रदान करने के लिए सेल्फ हार्बर नियमों का विस्तार किया जा रहा है। रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए, गैर-निवासियों के लिए एक अनुमानित कराधान व्यवस्था की परिकल्पना की गई है जो एक निवासी कंपनी को सेवाएं प्रदान करते हैं जो एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सुविधा स्थापित या संचालित कर रही है। इसके अलावा, मौजूदा टन भार कर योजना के लाभों को अंतर्देशीय जहाजों तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए, निगमन की अवधि को 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है।

बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए, बजट ने सॉवरेन वेल्थ फंड्स और पेंशन फंड्स में निवेश करने की तारीख को पाँच और वर्षों के लिए बढ़ाकर 31 मार्च, 2030 कर दिया है। औद्योगिक वस्तुओं के सीमा शुल्क टैरिफ को युक्तिसंगत बनाने के हिस्से के रूप में, बजट में सात टैरिफ हटाने, प्रभावी शुल्क भार को बनाए रखने के लिए उचित उपकर लागू करने और एक से अधिक उपकर या अधिभार नहीं लगाने का प्रस्ताव किया गया है। दवाओं और औषधियों के आयात पर राहत के रूप में, कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए 36 जीवन रक्षक दवाओं और दवाओं को मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दी गई है। इसके अलावा, 37 दवाओं के साथ-साथ 13 नई दवाओं और रोगी सहायता कार्यक्रमों के तहत दवाओं को मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) से छूट दी गई है।

घरेलू विनिर्माण और मूल्य संवर्धन का समर्थन करने के लिए, 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर बीसीडी, जो घरेलू रूप से उपलब्ध नहीं थे, को जुलाई 2024 में छूट दी गई थी। बजट 2025-26 में कोबाल्ट पाउडर और अपशिष्ट, लिथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप, सीसा, जस्ता और 12 और महत्वपूर्ण खनिजों को पूरी तरह से छूट दी गई है। घरेलू कपड़ा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, पूरी तरह से छूट प्राप्त कपड़ा मशीनरी में दो और प्रकार के शटल-लेस लूम जोड़े गए। इसके अलावा, नौ टैरिफ लाइनों को कवर करने वाले बुने हुए कपड़ों पर बीसीडी को “10प्रतिशत से 20प्रतिशत” से संशोधित कर “20प्रतिशत या ₹ 115 किलोग्राम, जो भी अधिक हो” कर दिया गया।

उल्टे शुल्क ढांचे को सुधारने और “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने के लिए, इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर मूल आयात शुल्क -बीसीडी को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया और ओपन सेल पर घटाकर पंाच प्रतिशत कर दिया गया। ओपन सेल के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, ओपन सेल के भागों पर बीसीडी से छूट दी गई है। देश में लिथियम-आयन बैटरी के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, ईवी बैटरी विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत सामान और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत सामान को छूट प्राप्त पूंजीगत सामान की सूची में जोड़ा गया है। केंद्रीय बजट 2025-26 में जहाज निर्माण के लिए कच्चे माल, घटकों, उपभोग्य सामग्रियों या भागों पर बीसीडी पर छूट अगले दस वर्षों के लिए जारी रहेगी। बजट में कैरियर ग्रेड ईथरनेट स्विच पर बीसीडी को 20प्रतिशत से घटाकर 10प्रतिशत कर दिया गया है ताकि इसे नॉन-कैरियर ग्रेड ईथरनेट स्विच के बराबर किया जा सके। निर्यात संवर्धन के लिए, बजट 2025-26 हस्तशिल्प के निर्यात की सुविधा प्रदान करता है, मूल्य संवर्धन और रोजगार के लिए वेट ब्लू लेदर पर बीसीडी को पूरी तरह से छूट देता है, फ्रोजन फिश पेस्ट पर बीसीडी को 30प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करता है और मछली और झींगा फ़ीड के निर्माण के लिए फिश हाइड्रोलाइज़ेट पर बीसीडी को 15 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करता है।

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