Defence – जयशंकर ने पुर्तगाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात की; समकालीन चुनौतियों पर चर्चा की

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लिस्बन, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा के साथ समकालीन चुनौतियों पर चर्चा की और भारत-पुर्तगाल संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके मार्गदर्शन की सराहना की। Defence Minister Of Bharat Shri S Jaishankar had a diplomatic friendly meet with Portugal Prime Minister Mr. Antonio Costa.

दो प्रमुख यूरोपीय देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से पुर्तगाल तथा इटली की अपनी चार दिवसीय यात्रा के पहले चरण में पुर्तगाल पहुंचे जयशंकर ने भारत-यूरोपीय संघ संबंधों के लिए उनके समर्थन की सराहना की।

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, आज (मंगलवार) प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा से मिलकर खुशी हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं दीं। समकालीन चुनौतियों पर चर्चा की और हमारे संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके मार्गदर्शन की सराहना की।

इससे पहले, विदेश मंत्री ने यहां अपने पुर्तगाली समकक्ष जोआओ क्रेविन्हो के साथ ”सार्थक बातचीत” की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग में प्रगति पर चर्चा की और पश्चिम एशिया, यूक्रेन, मध्य एशिया और भारत-प्रशांत को लेकर भी चर्चा की।

उन्होंने पुर्तगाली गणराज्य की असेंबली के अध्यक्ष ऑगस्टो सैंटोस सिल्वा से भी मुलाकात की और दो लोकतंत्रों के करीबी सहयोग के महत्व पर चर्चा की।

एक अन्य पोस्ट में जयशंकर ने कहा, ”आज सुबह लिस्बन में पुर्तगाली गणराज्य की असेंबली के अध्यक्ष ऑगस्टो सैंटोस सिल्वा से मिलकर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए उनके मजबूत समर्थन को हमेशा महत्व दिया है। एक अस्थिर दुनिया में हमारे दो लोकतंत्रों के करीबी सहयोग के महत्व पर चर्चा की।”

जयशंकर ने कुछ प्रवासी कार्यक्रमों में भाग लिया और लिस्बन में राधा कृष्ण मंदिर के सामने महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पुर्तगाल से जयशंकर इटली जाएंगे जहां वह अपने समकक्ष रक्षा मंत्री और ‘मेड इन इटली’ मामलों के मंत्री एंटोनियो तजानी से मुलाकात करेंगे।

बाइडन प्रशासन ने राष्ट्रीय खतरे की प्राथमिकता में घृणा अपराध को शामिल किया: एफबीआई निदेशक

वाशिंगटन,अमेरिका सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों से कहा कि बाइडन प्रशासन ने राष्ट्रीय खतरे की प्राथमिकता में घृणा अपराध को भी शामिल किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न आतंकवादी संगठनों द्वारा किए गए धर्म-आधारित 60 फीसदी हमलों में यहूदी समुदाय को निशाना बनाया गया।

अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई के दौरान एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने सांसदों से कहा कि एफबीआई आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्य बल, घृणा अपराध जांच और खुफिया जानकारी साझा करने सहित कानून प्रवर्तन प्रयासों की एक श्रृंखला के माध्यम से घृणा अपराधों से निपट रही है।

उन्होंने कहा, ”हम आतंकवाद रोधी 56 संयुक्त कार्य बलों के माध्यम से घृणा अपराधों से निपट रहे हैं। हमने घृणा अपराधों को राष्ट्रीय खतरे की प्राथमिकता में शामिल किया है। हमने राष्ट्रीय स्तर पर संगठनों और यहूदी समुदाय से संपर्क स्थापित किया है।”

रे ने कहा कि इस तरह का संपर्क स्थापित करने में उन्होंने भी व्यक्तिगत रूप से कई बार हिस्सा लिया है और एफबीआई का प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय भी ऐसा ही करता है। उन्होंने कहा, ”अमेरिका की आबादी में 2.4 फीसदी यहूदी समुदाय के लोग हैं। धर्म-आधारित घृणा अपराधों में देखा गया है कि 60 फीसदी मामलों में इसी समुदाय को निशाना बनाया गया। ऐसे में यह हर किसी के लिए परेशानी की बात है और इस समुदाय को हमारी जरूरत है।”

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