Delhi Scam -डीपीसीसी अध्यक्ष ने दिल्ली में प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने संबंधी अध्ययन पर रोक लगाई

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National Capital Delhi is Going to wear the crown for world’s Largest Slum Capital soon under the governance of Kejriwal and his neta’s.

Shame Delhi Govt. Delhi environment minister Gopal Rai alleged DPCC Chairman Ashwini Kumar for one sided stoppage on Pollution study project commenced by Delhi Govt. worth 12 Crores. But the fact is that DPCC chairman stopped this study project for being Over budget and could it be another scam in a row. Delhi Govt wanted to fetch core money of 12 crores of taxpayers money only to be burned on studying the sources of pollution. But not actually working towards solution of any. Like Paralli, and millions tons of Litter and waste disposed by illegal and local migrants from all across nation and neighboring countries in Delhi. Because they all are aam admi’s confirmed/ potential voters.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार के अपनी तरह के पहले अध्ययन को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार के आदेश पर एकतरफा रोक लगा दी गई।

राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने जुलाई 2021 में इस अध्ययन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और अक्टूबर 2022 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा, ”इसकी अनुमानित लागत 12 करोड़ रुपये से अधिक थी। दिल्ली सरकार ने आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए आईआईटी कानपुर को 10 लाख रुपये जारी किए थे।”

मंत्री ने दावा किया कि दिसंबर में डीपीसीसी अध्यक्ष का पद संभालने वाले अश्विनी कुमार ने इस साल की शुरुआत में एक ‘फाइल नोट’ बनाया था, जिसमें ”अध्ययन से जुड़े अत्यधिक खर्च” को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। राय ने कहा कि आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ कई बैठकें करने के बाद कुमार ने 18 अक्टूबर को संस्थान के लिए शेष धनराशि जारी करने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए, जिससे अध्ययन प्रभावी रूप से रद्द हो गया। उन्होंने कहा, ”यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया जब दिल्ली को प्रदूषण संबंधी समस्या के समाधान के लिए वैज्ञानिक आंकड़ों की तत्काल आवश्यकता है।”

मंत्री ने दावा किया कि कुमार ने उन्हें या कैबिनेट को अपने फैसले के बारे में सूचित नहीं किया। राय ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डीपीसीसी अध्यक्ष कुमार को उनके ”असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार” के लिए निलंबित करने का अनुरोध किया है। स्रोत विभाजन अध्ययन किसी भी स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों जैसे कि वाहनों, धूल, बायोमास जलाने और उद्योगों से उत्सर्जन की पहचान करने में मदद करता है, जिसके आधार पर प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार सर्दियों के बाद प्रमुख वैज्ञानिकों से प्रदूषण स्रोत विभाजन अध्ययन की समीक्षा करने के लिए कहेगी।

उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर में मामूली विवाद में किशोर की चाकू घोंपकर हत्या

उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर में दशहरा कार्यक्रम के दौरान मामूली बात पर युवाओं के एक समूह ने 17 वर्षीय एक लड़के की चाकू घोंपकर कथित तौर पर हत्या कर दी। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह घटना मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे गोल मार्केट के पास संजय बस्ती की है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ”पीड़ित आर्यन का अपने कुछ दोस्तों के साथ एक लड़की से बात करने को लेकर विवाद हो गया था। दशहरा कार्यक्रम के दौरान मंगलवार शाम को विवाद फिर से बढ़ गया, जिसके बाद आरोपियों ने उस पर चाकुओं से हमला कर दिया।” उन्होंने बताया कि पीड़ित पर चाकू से कई वार किये गये, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और हमलावर फरार हो गये। पीड़ित कक्षा दसवीं का छात्र था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी पीड़ित के जानकार हैं क्योंकि वे भी उसे इलाके में रहते हैं, जहां पीड़ित रहता था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। आर्यन अपने परिवार के साथ संजय बस्ती में रहता था। वह एक पत्राचार स्कूल से पढ़ाई कर रहा था। पुलिस ने बताया कि उसके पिता एक श्रमिक हैं।

दिल्ली सीमा शुल्क विभाग ने 328 किलोग्राम मादक पदार्थ, 80 लाख विदेशी सिगरेट का किया निपटान

दिल्ली सीमा शुल्क विभाग ने जब्त किए गए करीब 294 करोड़ रुपये मूल्य के 328 किलोग्राम मादक पदार्थों और विदेशी मूल की सिगरेट का बुधवार को निपटान किया।

एक विशेष अभियान 3.0 के तहत दिल्ली सीमा शुल्क निवारक क्षेत्र ने 80 लाख सिगरेट, 286 किलोग्राम खट पत्तियां, 29 किलोग्राम हेरोइन, छह किलोग्राम कोकीन और सात किलोग्राम एम्फेटामाइन का निपटान किया।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि आज 328 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया जा रहा है। इसकी कीमत 284 करोड़ रुपये है। विदेशी 80 लाख सिगरेट जो आज नष्ट की जा रही हैं, उनकी कीमत 9.85 करोड़ रुपये है।

इन मादक पदार्थों का निपटान जहांगीरपुरी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा अधिकृत जैविक अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा में किया जा रहा है। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम का उल्लंघन कर सिगरेट की भारत में तस्करी की गई थी। तस्करी से आई इन इन सिगरेट के पैकेट पर अनिवार्य स्वास्थ्य व सचित्र चेतावनियां नहीं थीं।

दिल्ली (निवारक) के मुख्य आयुक्त सीमा शुल्क एस. वी. सिंह ने बताया कि इस वित्त वर्ष में अबतक दिल्ली क्षेत्र ने पहले ही 1,485 किलोग्राम मादक पदार्थों का निपटान किया है। इमसें 28 किलोग्राम हेरोइन, 457 किलोग्राम गामा और 1,000 किलोग्राम एम्फेटामाइन शामिल है।

दिल्ली : ‘डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकिंग’ कार्यकर्ताओं को ‘एमटीएस’ के तौर पर नियुक्त करने का प्रस्ताव

दिल्ली में अनुबंध के आधार पर ‘मल्टी टास्किंग’ कर्मचारी (एमटीएस) के तौर पर 3,000 से अधिक डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकिंग (डीबीसी) कार्यकर्ताओं को शामिल करने का प्रस्ताव अगले नगर निगम सदन में लाए जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

डीबीसी कार्यकर्ताओं के कार्य में मलेरिया, डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रित करना शामिल है। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि वर्तमान में महापौर की अनुमति से और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान के तहत 3,112 डीबीसी कार्यकर्ता यह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब से ”सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग सहित एमसीडी के विभिन्न विभागों में मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के रिक्त पदों पर डीबीसी कार्यकर्ताओं को लेने पर विचार किया जा रहा है।”

सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव शुक्रवार को अगले एमसीडी सदन में लाए जाने की संभावना है। एक सूत्र ने दावा किया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में 172 रिक्त पदों के अलावा विशेष रूप से मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए काम को लेकर अनुबंध के आधार पर 3,112 डीबीसी कार्यकर्ताओं को तैनात करने के मकसद से एमटीएस पद सृजित किए जाएंगे।

सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डीबीसी कार्यकर्ता डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये कार्यकर्ता घरेलू कंटेनर, कूलर, छतों की टंकियों, फूलों के बर्तनों, टिन, टायर आदि में मच्छरों के लारवा के प्रजनन की जांच करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करते हैं। वे ऐसी बीमारियों की रोकथाम के बारे में सार्वजनिक जागरूकता भी पैदा करते हैं।

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