Dharm Path -कांवड़ नियमों का पालन करें कांवड़िएं : पंडित अधीर कौशिक

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All India President of Shri Akhand Parshuram Akhada Pandit Shri Adhir Kaushik Ji have requested all the devotees and Shiv-Bhakt Kaanwariyas to obey all the rules for a better management and facilitations of the Largest Sanatan event “Shravan Kaanwar Yatra” where millions of Mahadev devotees visit Haridwar for blessings and Jal of Maa Ganga.

National volunteers team of Shri Parshuram Akhada is all set to support local administration with the better regulation of crowd management, food, comfort, sanitisation, health and emergency services in the set camps under the guidance of top Saints. The core team reached to Premsagar ashram Ghat for Mahadev’s Dugdhabhishek, prayers and puja for a successful completion of Shrawan Kaanwar Yatra. A poster with all the basic Kaanwar rules was also released at the ceremony. These posters shall be Free distributed by Akhada team among devotees during Yatra days

कांवड़ मेले के सकुशल संपन्न होने की कामना को लेकर श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े ने किया मां गंगा एवं भगवान शिव का दुग्धाभिषेक. धार्मिक यात्रा के नियमों का पालन करें शिवभक्त कांवड़िएं-पंडित अधीर कौशिक

हरिद्वार, 4 जुलाई : श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के कार्यकर्ताओं ने प्रेमनगर आश्रम घाट पर मां गंगा एवं भगवान शिव का दुग्धाभिषेक कर कांवड़ मेला निर्विघ्न एवं सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना की। इस दौरान कांवड नियमों का पोस्टर भी जारी किया गया। जिन्हें कांवड़ मेले के दौरान वितरित किया जाएगा। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि कांवड़ मेला सनातन धर्म का मुख्य पर्व है।

प्रतिवर्ष होने वाले कांवड़ मेले में देश के विभिन्न राज्यों से करोड़ों श्रद्धालु गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं। कठिन यात्रा कर गंगाजल ले जाने वाले कांविड़यों की सुविधा के लिए सरकार को सभी व्यवस्थाएं करनी चाहिए। कांवड़ियों की सुविधा के लिए मार्गो व पार्किंग स्थलों पर बोर्ड लगाए जाएं।

कांवड़ यात्रा मार्ग में पेयजल व शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। पंडित अधीर कौशिक ने कांविड़यों से अपील करते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक यात्रा के सभी नियमों का पालन करें। बहनों से तिलक कराकर यात्रा पर रवाना हों। निर्धारित मार्ग पर चलें, शुद्ध सात्विक भोजन करें।

फिल्मी गीतों पर किसी प्रकार की हुड़दंग बाजी और नृत्य ना करें। गुलर के पेड़ के नीचे से ना निकलें। कांवड़ यात्रा के दौरान राष्ट्रध्वज का अपमान ना करें।

इस दौरान पंडित अधीर कौशिक, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, शकुंभरी पीठाधीश्वर सहजानंद महाराज, स्वामी विनोद महाराज, पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, गिरीश मिश्रा, विष्णु पंडित, सत्यव्रतानंद महाराज, विपिन जोशी, कुलदीप शर्मा, सोमपाल, पंडित चुड़ामणि, पंडित हिमेश, पंडित हिमाशु, पंडित देवकीनंद, पंडित विष्णु गौड़, अस्मित कुमार, चमन गिरी, हरिओम कुमार आदि मौजूद रहे।

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