Economy -सरकार ने mobile parts पर आयात शुल्क 15 से घटा 10 प्रतिशत किया: राष्ट्रपति मुर्मू

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भारत नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता के लिहाज से दुनिया में चौथे स्थान पर: राष्ट्रपति मुर्मू / President Murmu

सरकार खेती-बाड़ी agriculture को लाभकारी बनाने के लिए कर रही है काम: राष्ट्रपति मुर्मू

आयकर Income tax दाखिल करने वालों की संख्या सवा तीन करोड़ से बढ़कर सवा आठ करोड़ हुई : मुर्मू

सरकार ने मोबाइल फोन कलपुर्जों पर आयात शुल्क Import duty 15 से घटाकर 10 प्रतिशत किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिर्वतन की चुनौतियों के बीच सरकार हरित ऊर्जा पर जोर दे रही है और नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता की दृष्टि से हम दुनिया में चौथे स्थान पर पहुंच गये हैं।

राष्ट्रपति ने संसद के बजट सत्र के पहले दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश ने 2030 तक अपनी स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत हरित ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

बिजली मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार वर्तमान में कुल स्थापित क्षमता में पवन, सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली की स्थापित उत्पादन क्षमता 31.3 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा, ”विश्व में आज ऐसे उत्पादों की विशेष मांग है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। इसीलिए सरकार पर्यावरण पर शून्य प्रभाव के उम्दा गुणवत्ता वाले उत्पादों (जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट) पर ध्यान दे रही है।”

मुर्मू ने कहा, ”हमारा हरित ऊर्जा पर विशेष ध्यान है। इसी कारण 10 साल में गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) से बढ़कर 188 गीगावाट हो चुकी है।

इस दौरान सौर बिजली क्षमता में 26 गुना बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह पवन ऊर्जा क्षमता दोगुनी हो गई है। इसके साथ नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता की दृष्टि से हम दुनिया में चौथे स्थान पर हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, ”बीते 10 साल में 11 नए सौर पार्क बन चुके हैं। नौ सौर पार्कों पर आज काम चल रहा है।”

उन्होंने कहा, ”कुछ दिन पहले ही घर की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए एक नई योजना घोषित की गई है। इसके तहत एक करोड़ परिवारों को मदद दी जाएगी। इससे बिजली का बिल भी कम होगा और अतिरिक्त बिजली की खरीद बाजार में की जाएगी।”

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत एक करोड़ घर की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने का लक्ष्य है।

एथनॉल का जिक्र करते हुए मुर्मू ने कहा, ”सरकार ने एथनॉल के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। देश, 12 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर चुका है। बहुत ही जल्द, 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य भी पूरा होने वाला है।”

उन्होंने कहा, ”इससे हमारे किसानों की आय बढ़ेगी। अभी तक सरकारी कंपनियां एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का एथनॉल खरीद चुकी हैं। इन सारे प्रयासों से अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी।”

राष्ट्रपति ने कहा, ”हाइड्रोजन ऊर्जा के इस क्षेत्र में भी भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हम अभी तक लद्दाख और दमन-दीव में दो परियोजनाएं शुरू कर चुके हैं।”

उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। सरकार ने 10 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को स्वीकृति दी है।

आयकर दाखिल करने वालों की संख्या सवा तीन करोड़ से बढ़कर सवा आठ करोड़ हुई : मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि देश में आयकर दाखिल करने वालों की संख्या करीब सवा तीन करोड़ से बढ़कर लगभग सवा आठ करोड़ हो चुकी है।

उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकार ने भारत में कारोबार सुगमता को बेहतर किया है। सरकार कारोबार के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने को लेकर लगातार काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का प्रयास रहा है कि सामान्य देशवासी की जेब में अधिक से अधिक बचत कैसे हो। पहले भारत में दो लाख रुपये की आय पर कर लग जाता था। आज भारत में सात लाख रुपये तक की आय पर भी कर नहीं लगता। कर छूट और सुधारों के कारण भारत के करदाताओं को 10 साल में करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।”

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आयकर दाखिल करने वालों की संख्या करीब सवा तीन करोड़ से बढ़कर लगभग सवा आठ करोड़ हो चुकी है। यह बढ़ोतरी दो गुना से भी कहीं अधिक है। वहीं दिसंबर, 2017 में 98 लाख लोग माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देते थे, आज इनकी संख्या एक करोड़ 40 लाख है।”

देश में व्यापारिक महौल पर मुर्मू ने कहा, ‘‘कारोबार सुगमता की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। बीते कुछ वर्षों में 40 हजार से ज्यादा अनुपालन हटाए या सरल किए गए। कंपनी अधिनियम और सीमित देयता भागीदारी अधिनियम में 63 प्रावधानों को अपराध की सूची से बाहर किया गया।”

उन्होंने कहा, ‘‘जन विश्वास अधिनियम द्वारा 183 प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया। अदालत के बाहर विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान को मध्यस्थता पर कानून बनाया गया है। वन और पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिलने में जहां 600 दिन लगते थे, वहीं आज 75 दिन से भी कम समय लगता है। साथ ही ‘फेसलेस असेसमेंट’ योजना से कर व्यवस्था में और पारदर्शिता आई है।”

सरकार ने मोबाइल फोन कलपुर्जों पर आयात शुल्क 15 से घटाकर 10 प्रतिशत किया

भारत ने मोबाइल फोन विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम का मकसद स्थानीय उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देना है।

वित्त मंत्रालय ने सेल्युलर मोबाइल फोन के लिए स्क्रू, सिम सॉकेट या धातु की अन्य यांत्रिक वस्तुओं सहित कलपुर्जों के आयात पर शुल्क में कटौती संबंधी अधिसूचना 30 जनवरी को जारी की।

इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि यह भारत में मोबाइल विनिर्माण को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप है।

महेंद्रू ने कहा, ”इलेक्ट्रॉनिक 2024 में भारत का 5वां सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र बन गया है, जो कुछ साल पहले 9वें स्थान पर था।”

उन्होंने कहा, ‘‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की बदौलत इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में 52 प्रतिशत से अधिक मोबाइल का योगदान है। यह पिछले आठ वर्षों के भीतर आयात से निर्यात आधारित विकास में योगदान देने वाला पहला उद्योग है।”

सरकार खेती-बाड़ी को लाभकारी बनाने के लिए कर रही है काम: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि सरकार खेती-बाड़ी को लाभकारी बनाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। इसके लिए लागत में कमी लाने और लाभ को अधिकतम करने के उपाय किये जा रहे हैं।

राष्ट्रपति ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने पहली बार 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को देश की कृषि नीति और योजनाओं में प्रमुखता दी है।

उन्होंने कहा, ”सरकार का लक्ष्य खेती-बाड़ी की लागत में कमी लाकर लाभ को अधिकतम करने के साथ इसे लाभकारी बनाना है और इस दिशा में काम जारी है।”

कृषि क्षेत्र में उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मुर्मू ने कहा कि पिछले 10 साल में लगभग 18 लाख करोड़ रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में धान और गेहूं की खेती करने वाले किसानों को मिले हैं। यह 2014 से पहले के 10 साल की तुलना में ढाई गुना अधिक है।

उन्होंने तिलहन और दलहन फसलों के बारे में कहा कि पहले इसकी सरकारी खरीद नहीं के बराबर थी। पिछले दशक में तिलहन और दलहन की खेती करने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में सवा लाख करोड़ रुपये मिले हैं।

मुर्मू ने कहा, ”सरकार ने पहली बार देश में कृषि निर्यात नीति बनाई है। इससे कृषि निर्यात चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।”

उन्होंने कहा कि किसानों को सस्ती खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिऐ 10 साल में 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं।

मुर्मू ने कहा, ”सरकार ने पौने दो लाख से ज्यादा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र स्थापित किए हैं। अभी तक लगभग आठ हजार किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) बनाए जा चुके हैं।”

उन्होंने कहा, ”सरकार कृषि में सहकारिता को बढ़ावा दे रही है। इसलिए, देश में पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया गया।

सहकारी क्षेत्र में, दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शुरू की गई है। जिन गांवों में सहकारी समितियां नहीं हैं, वहां दो लाख समितियां बनाई जा रही हैं।”

मत्स्य पालन का जिक्र करते हुए मुर्मू ने कहा, ”मत्स्य-पालन क्षेत्र में 38 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके कारण मत्स्य उत्पादन पिछले 10 साल में 95 लाख टन से बढ़कर 175 लाख टन यानी लगभग दोगुना हो गया है।”

उन्होंने कहा, ”मत्स्य-पालन क्षेत्र में निर्यात भी 30 हजार करोड़ रुपये से बढकर 64 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में पहली बार पशुपालकों और मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया गया है।

सरकार ने पहली बार 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को भी देश की कृषि नीति और योजनाओं में प्रमुखता दी है।

पीएम-किसान सम्मान निधि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अबतक दो लाख 80 हजार करोड़ रुपये किसानों को मिल चुके हैं। साथ ही 10 साल में किसानों के लिए बैंक से आसान कर्ज में तीन गुना वृद्धि की गई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों ने 30 हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम भरा है। इसके बदले उन्हें डेढ़ लाख करोड़ रुपये का दावा मिला है।

उन्होंने कहा, ”पिछले दशक में, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 40 प्रतिशत बढ़ी है। पशुओं को खुरपका और मुंहपका बीमारियों से बचाने के लिए पहली बार मुफ्त टीकाकरण अभियान चल रहा है। अबतक, चार चरणों में, 50 करोड़ से ज्यादा टीके, पशुओं को दिए जा चुके हैं।”

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