महाशिवरात्रि पर बना है यह अद्भुत संयोग, शिव भक्तों पर होगी विशेष कृपा । महाशिवरात्रि का त्योहार इस बार एक साथ कई शुभ योग के बीच में मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग समेत 4 शुभ एक साथ बन रहे हैं और इस दिन की पूजा बहुत ही शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जा रही है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से आपको सभी सुखों की प्राप्ति होती हैं। आपके जीवन से कष्ट और समस्याएं दूर होती हैं और शिव कृपा से सभी इच्छित कार्य पूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं शिवरात्रि पर कौन-कौन से शुभ योग बने हैं। Exclusive insightful Maha Shivratri feature by renowned and globally praised Saint Mahamandleshwar Shri Shri 1008 Swami Maheshanand Giri Ji Maharaj of Nav-Chandi Sewa ashram at Sahastradhara, Dehradun Uttarakhand.
विश्व के अग्रणी संतों में ख्याति प्राप्त महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज ना सिर्फ धर्माधिकारी, मुखर प्रावाचक, अखिल भारतीय सनातन परिषद एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, नव चंडी सेवा आश्रम सहस्त्रधारा देहरादून उत्तराखंड देवभूमि के अधिपति और सत्य सनातन के ज्योति स्तंभ के रूप में विख्यात हैं साथ ही महाराज जी भारत भर में चलाए जा रहे एक महा अभियान के लिए भी जाने जाते हैं। यह अभियान है भारत भूमि से भयावह चर्म रोग सोरायसिस, सफेद दाग, शरीर पर हुई किसी भी प्रकार की चर्म अनियमितता को जड़ से मिटाना।
महाशिवरात्रि इस साल 8 मार्च, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग एक साथ बने हैं। इसलिए इस साल यह त्योहार बहुत ही शुभ फल देने वाला माना जा रहा है। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।
इस साल की महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई बेहद शुभ योग के बीच में मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की वैवाहिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शिवपुराण में बताया गया है कि जो लोग विवाहित हैं उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ इस दिन पूरे विधि विधान से शिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा कौन-कौन से शुभ मुहूर्त बने हैं और इनका क्या महत्व है।
महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि जैसे महापर्व का होना शिवजी की विशेष कृपा देने वाला माना जा रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि का व्रत करने और पूजा करने से आपको हर कार्य में मनचाही सफलता प्राप्त होगी और आपके काम बिना किसी बाधा के पूर्ण होंगे। आपके शिवजी की कृपा से सभी रुके कार्य पूर्ण होंगे और कारोबार में सफलता प्राप्त होगी। इसके अलावा खास बात यह है कि सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार को होने से इसका शुभ प्रभाव और भी बढ़ जाता है। इस साल शिवरात्रि आपके भौतिक सुखों में वृद्धि करने वाली मानी जा रही है।
महाशिवरात्रि पर शिव योग
महाशिवरात्रि पर शिव योग का संयोग भी बना है। शिव योग साधना, मंत्र, जप और तप के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इस योग में महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव तक आपकी प्रार्थना शीघ्र ही पहुंच जाती है। महाशिवरात्रि के दिन शुभ योग होने से आपकी साधना पूर्ण होती है और आपको भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
महाशिवरात्रि पर सिद्धि योग
महाशिवरात्रि पर निशीत काल की पूजा के वक्त सिद्धि योग होगा और इस काल में शिव साधना का संपूर्ण फल आपको प्राप्त होता है। इस योग में शिव पूजा के लिए किए जाने वाले सभी उपाय बहुत ही असरदार माने जाते हैं और भोले बाबा बहुत जल्द आपसे प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण करते हैं। आपके सुख में वृद्धि होती है और सभी कार्य सरलता से पूर्ण हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र
महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र के होने यह दिन और भी शुभफलदायी बन गया है। श्रवण नक्षत्र के स्वामी शनिदेव माने जाते हैं जो कि शिवजी के परम भक्त हैं। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र होने से यह व्रत और भी परमफलदायी हो गया है। श्रवण नक्षत्र में शिव पूजा करने से आपको शिवजी की कृपा का लाभ बहुत ही जल्द देखने को मिलता है।
इस खास मौके पर पूरे देश में भगवान शिव जी के मंदिर में भीड़ लगेगी। कई लोग इस पावन अवसर पर भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं। उपवास रखने से मन को शांति मिलती है। अगर आप भी इस खास अवसर पर उपवास करने जा रहे हैं, तो अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि इस अवसर पर क्या खाएं और क्या न खाएं। आज हम आपको इस लेख में व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए के बारे में विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं शिवरात्रि पर क्या खाएं और क्या न खाएं?
शिवरात्रि के व्रत में क्या न खाएं ?
अधिक तला-भुना
शिवरात्रि के व्रत में आपको अधिक तला-भुना खाने से परहेज करना चाहिए। अगर आप व्रत में अधिक तला-भुना खाते हैं, तो इससे पाचन से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। मुख्य रूप से इसकी वजह से अपच, कब्ज, एसिडिटी की परेशानियां बढ़ सकती हैं। ऐसे में गलती से भी व्रत में तेलीय चीजों का सेवन न करें।
प्याज-लहसुन
व्रत में प्याज-लहसुन से बनी चीजों का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता है। इसके अलावा सेहत की बात करें, तो व्रत में प्याज-लहसुन का सेवन करने से आपको एसिडिटी और अपच जैसी परेशानी हो सकती है। इसलिए प्याज-लहसुन का सेवन न करें। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि व्रत में सफेद नमक के बजाय सेंधा नमक का सेवन करें।
कैफीनयुक्त चीजें
अधिकतर लोग व्रत के दौरान कई बार चाय और कॉफी पीने लगते हैं। इस तरह के आहार में कैफीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इससे आपको व्रत के दौरान उल्टी, मतली, अनिद्रा की शिकायत हो सकती है। इसलिए अधिक मात्रा में चाय-कॉफी न पिएं।
व्रत में क्या खाएं?
ताजे फल खाएं
व्रत में अगर आप खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो ताजे फलों का सेवन करें। फलों में फाइबर की अधिकता होती है, जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रख सकता है। ऐसे में आप व्रत में सेब, केला, संतरा, अनार जैसी चीजों का सेवन करें। इसका सेवन करने से आप दिनभर एनर्जेटिक रहेंगे।
ठंडाई पिएं
व्रत के दौरान पेट की गर्मी को शांत करने के लिए ठंडाई पिएं । इससे पाचन दुरुस्त हो सकता है। इसके अलावा शिव जी को ठंडाई काफी प्रिय होता है। यह प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है। ठंडाई बनाने के लिए आप इसमें फल और ड्राईफ्रूट्स मिक्स करें। इससे आपकी सेहत को अधिक लाभ होगा।
कुट्टू के आटे से बनी चीजें
व्रत में कुट्टू के आटे से बनी पूरी, हलवा, पराठे जैसी चीजों का सेवन करें। इसके सेवन से आपका पेट भरा रहता है। साथ ही आपको कमजोरी महसूस नहीं होती है।
ड्राई फ्रूट्स है फायदेमंद
शिवरात्रि के व्रत में आप ड्राईफ्रूट्स को स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं। इन ड्राईफ्रूट्स में आप काजू, बादाम, किशमिश, मखाना जैसी चीजों को शामिल करें। इन ड्राईफ्रूट्स को आप रोस्ट करके या फिर कच्चा भी खा सकते हैं। इससे स्वास्थ्य को काफी फायदा होगा।
साबूदाना
व्रत में साबूदाना से बनी खिचड़ी, खीर, पूरी जैसी चीजों का सेवन करें। इससे आपका शरीर एनर्जेटिक रहता है। साथ ही आपको कई तरह के पोषक तत्व जैसे- कैल्शियम, प्रोटीन प्राप्त होते हैं। इससे आपको किसी तरह की कमजोरी महसूस नहीं होती है।
व्रत में शरीर को एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए आप इन चीजों का सेवन करें। इससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा। वहीं, व्रत को करने से पहले इससे जुड़े नियमों को जरूर जान लें।
विश्व के अग्रणी संतों में ख्याति प्राप्त महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज ना सिर्फ धर्माधिकारी, मुखर प्रावाचक, अखिल भारतीय सनातन परिषद एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, नव चंडी सेवा आश्रम सहस्त्रधारा देहरादून उत्तराखंड देवभूमि के अधिपति और सत्य सनातन के ज्योति स्तंभ के रूप में विख्यात हैं साथ ही महाराज जी भारत भर में चलाए जा रहे एक महा अभियान के लिए भी जाने जाते हैं। यह अभियान है भारत भूमि से भयावह चर्म रोग सोरायसिस, सफेद दाग, शरीर पर हुई किसी भी प्रकार की चर्म अनियमितता को जड़ से मिटाना। महाराज जी ने चर्म रोगों से मुक्त भारत का जो दिव्य संकल्प लिया है उसमे नव चंडी आश्रम में उनके साथ वरिष्ठ चिकित्सक एवं वैद्यराज का पूरा दल इन लाइलाज माने जाने वाले रोगों पर शोध करने के साथ साथ दुर्लभ साधनाओं से सिद्ध किए गए गुप्त धनवंतरी मंत्रों से, समय काल दर्शन ऋतुपक्ष के सूत्रों के प्राचीन तंत्र से सभी औषधियों को तैयार और अभिमंत्रित करते हैं। यह महाराज जी की अनंत कृपा ही है जो ऐसी दुर्लभ औषधियां जनमानस में पूर्णतः निशुल्क वितरित की जाती है। सभी शिविर पूर्णतः निशुल्क हैं। विगत अनेक वर्षों में लाखों की संख्या में चर्म रोगी पीड़ित महाराज जी के चिकित्सा कैंप द्वारा बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, इत्यादि अन्य कई राज्यों में पूरे मास निश्चित दिन यह शिविर आयोजित किए जाते हैं जिसकी जानकारी आपको आश्रम की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जायेगी।