Exclusive – हनुमान जयंती: विश्वभर में मंदिरों में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया गया पावन पर्व

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Hanuman Janmotsav jayanti special report on celebration worldwide.

हनुमान जयंती, हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा, आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन को लेकर देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय समुदाय और विभिन्न हिन्दू मंदिरों में भी विशेष आयोजन किए जाते हैं।

भगवान हनुमान को संकटमोचन, अंजनीपुत्र, बजरंगबली, केशरीनंदन जैसे कई नामों से जाना जाता है। वे रामभक्त, अजेय योद्धा और अपार बल, बुद्धि व भक्ति के प्रतीक हैं। उनका जन्मोत्सव विश्व के अनेक मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाता है, जिससे यह पर्व एक वैश्विक सांस्कृतिक आयोजन बन गया है।

भारत में हनुमान जयंती के आयोजन

भारतवर्ष में हनुमान जयंती का उत्सव अत्यंत भव्य और भक्ति से परिपूर्ण होता है। देश के प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, हवन, भजन-कीर्तन, शोभायात्रा और प्रसाद वितरण जैसे आयोजन किए जाते हैं।

वाराणसी

काशी स्थित संकटमोचन मंदिर में हनुमान जयंती का उत्सव एक महापर्व के रूप में मनाया जाता है। यहाँ विशेष हनुमान चालीसा पाठ, अखंड रामायण, और रात्रि जागरण का आयोजन होता है। हजारों भक्त इस दिन दर्शन हेतु आते हैं और ‘संकटमोचन हनुमान’ के दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं।

हनुमानगढ़ी, अयोध्या

अयोध्या स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहाँ विशेष झांकियाँ सजाई जाती हैं, साथ ही अखंड कीर्तन व भंडारा भी आयोजित होता है। मान्यता है कि यहां हनुमान जी स्वयं राम दरबार की रक्षा के लिए विराजमान हैं।

महावीर मंदिर, पटना

बिहार के पटना स्थित महावीर मंदिर में भी हनुमान जयंती पर लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचते हैं। विशेष सजावट, लंबी कतारें, और हनुमानजी को चढ़ाया जाने वाला विशेष लड्डू प्रसाद इस दिन की विशेषता होती है।

दक्षिण भारत में

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के अनेक मंदिरों में हनुमान जयंती पूरे महीनेभर मनाई जाती है। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थित कोंडापल्ली हनुमान मंदिर और कर्नाटक के हम्पी में अंजनेय हिल्स मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

विदेशों में हनुमान जयंती का आयोजन

भारत से बाहर भी जहाँ-जहाँ भारतीय प्रवासी रहते हैं, वहाँ के मंदिरों में हनुमान जयंती अत्यंत श्रद्धा और धूमधाम से मनाई जाती है। यह पर्व अब एक वैश्विक हिन्दू त्योहार बन चुका है।

नेपाल

नेपाल में हनुमानजी को ‘बजरंगबली’ के रूप में पूजा जाता है। काठमांडू स्थित ‘हनुमान ढोका’ मंदिर में जयंती पर विशेष आयोजन होता है। यहाँ भक्त जन हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ करते हैं और भव्य आरती का आयोजन होता है।

श्रीलंका

रामायण की कथाओं से गहराई से जुड़ा हुआ श्रीलंका भी हनुमानजी की पूजा करता है। यहाँ के ‘रामायण ट्रेल’ में आने वाले मंदिरों में हनुमान जयंती विशेष रूप से मनाई जाती है, जैसे नुवारा एलिया स्थित ‘सेता एलिया’ मंदिर जहाँ हनुमानजी के चरणों के निशान भी बताए जाते हैं।

अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका में कई बड़े हिन्दू मंदिरों जैसे अटलांटा का हनुमान मंदिर, न्यू जर्सी का बालाजी मंदिर, और लॉस एंजेलिस स्थित हिन्दू टेंपल में हनुमान जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। प्रवासी भारतीय समाज के लोग इस दिन विशेष पूजा, हनुमान चालीसा पाठ, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

यूके (ब्रिटेन)

लंदन, लीसेस्टर और बर्मिंघम में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा, मंदिरों में विशेष पूजा, और युवाओं द्वारा प्रस्तुत रामायण नाट्य मंचन होता है। ब्रिटेन के हिन्दू समाज में यह पर्व एकता और सांस्कृतिक पहचान का माध्यम बन गया है।

मारीशस और त्रिनिदाद

मारीशस और त्रिनिदाद जैसे देशों में जहाँ भारतीय मूल की बड़ी जनसंख्या है, वहाँ हनुमान जयंती को पारिवारिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बड़े मंदिरों में झांकियाँ, वाद्य यंत्रों के साथ भजन संध्या, और विशेष अन्नदान का आयोजन होता है।

इंडोनेशिया और थाईलैंड

इन दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में, जहाँ रामायण की परंपरा आज भी जीवित है, हनुमानजी को वीरता और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। बाली द्वीप पर विशेष जयंती समारोह और रामायण के नाट्य मंचन के साथ इस दिन को मनाया जाता है।

प्रमुख अनुष्ठान और आयोजन

  1. हनुमान चालीसा पाठ: मंदिरों और घरों में सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। कई स्थानों पर 108 बार पाठ करने की परंपरा है।
  2. सिंदूर अर्पण: हनुमानजी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। भक्त उन्हें सिंदूर चढ़ाकर अपने संकटों से मुक्ति की कामना करते हैं।
  3. भंडारे और अन्नदान: हनुमान जयंती के अवसर पर अनेक स्थानों पर भंडारे आयोजित किए जाते हैं, जहाँ हजारों लोगों को भोजन कराया जाता है।
  4. राम कथा और कीर्तन: रामभक्त हनुमान की जयंती पर राम कथा का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कई स्थानों पर अखंड रामायण पाठ होता है।
  5. विशेष सजावट और झांकी: मंदिरों में हनुमानजी की झांकियाँ सजाई जाती हैं, जिनमें उनके रामभक्ति, संजीवनी लाने, लंका दहन आदि प्रसंगों का चित्रण होता है।

हनुमान जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, विश्वास, सेवा और समर्पण की भावना का उत्सव है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि सच्चे भक्त की भक्ति कभी व्यर्थ नहीं जाती। भगवान हनुमान की पूजा से मनोबल, साहस, संयम और आस्था का संचार होता है।

विश्वभर में मंदिरों में मनाया जाने वाला यह पर्व भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक बन चुका है। हनुमान जयंती, भक्ति की वह ज्वाला है जो भौगोलिक सीमाओं को पार कर संपूर्ण विश्व को एक आध्यात्मिक सूत्र में बांध देती है।

जय श्री राम!
जय बजरंगबली!

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