Shri Surendra Nayar is a New Delhi based senior writer and political, social analyst. He credits many top listed books on Life science, Moral values, Spirituality, and personality development. etc. Here he share his views on current political development, social challenges for Original natives (Sanatan following hindus struggling for safety) across the country.
भारत आज वैश्विक पटल पर एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है एवं भारत विश्व को कई क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करने की स्थिति में भी आ गया है। कुछ देश (चीन एवं पाकिस्तान सहित) भारत की इस उपलब्धि को सहन नहीं कर पा रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर समस्त विघटनकारी शक्तियां मिलकर भारत को तोड़ना चाहती हैं। इन विघटनकारी शक्तियों द्वारा भारत में जातीय संघर्ष खड़ा करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। जबकि भारत के कई सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठन समस्त भारतीय समाज में एकजुटता बनाए रखना चाहते हैं ताकि भारत को एक बार पुनः विश्वगुरु बनाया जा सके। परंतु, आज विघटनकारी शक्तियों के निशाने पर मुखर रूप से हिंदुत्व, भारत एवं संघ आ गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने स्वयंसेवकों में राष्ट्रीयता का भाव विकसित किया है। स्वयंसेवक समाज की सज्जन शक्ति के साथ मिलकर समाज में जागरुकता लाने का प्रयास कर रहे हैं कि किस प्रकार इन विघटनकारी शक्तियों को परास्त किया जा सकता है। भारत में शीघ्र ही निर्वाचन काल प्रारंभ होने जा रहा है। भारतीय लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने के लिए आज राष्ट्र को भारत माता के प्रति समर्पण का भाव रखने वाले नागरिकों की बहुत अधिक आवश्यकता है।
अतः भारतीय समाज द्वारा निर्वाचन में 100 प्रतिशत मतदान किया जाय एवं राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत उम्मीदवार ही चुनाव जीत सकें, इसके लिए समाज को साथ लेकर भारतीय नागरिकों द्वारा विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। इस संदर्भ में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा भी कई तरह के प्रयास समय समय पर किए जाते हैं ताकि देश के नागरिकों द्वारा 100 प्रतिशत मतदान किया जा सके।
निश्चित ही 50 प्रतिशत नागरिकों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि की तुलना में 90 अथवा 100 प्रतिशत नागरिकों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि बेहतर प्रतिनिधि ही साबित होंगे। अतः अधिक से अधिक मतदान किया जाना आज समय की आवश्यकता है। इससे चुने गए प्रतिनिधियों की गुणवत्ता में तो सुधार होगा ही साथ ही, वर्तमान समय में भारत की आर्थिक प्रगति भी जारी रह सकेगी एवं भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित होते हुए भी हम लोग देख सकेंगे।
कई बार विभिन्न दलों के समस्त उम्मीदवार कुछ मतदाताओं को पसंद नहीं आते हैं, इन परिस्थितियों में ऐसे मतदाताओं को नोटा का बटन दबाने का अधिकार रहता है। परंतु, कोई उम्मीदवार मतदाता की नजर में 100 प्रतिशत खरा उम्मीदवार होगा, ऐसा सम्भव भी तो नहीं है। इन परिस्थितियों में कम से कम बुरे उम्मीदवार को चुना जा सकता है।
नोटा का बटन दबाकर तो कम बुरे उम्मीदवार के स्थान अधिक बुरा उम्मीदवार ही चुना जा सकता है। संघ के परम पूज्य सर संघचालक भी कहते हैं कि ‘नोटा में हम लोग सर्वोत्तम को भी किनारे कर देते हैं और इसका फायदा सबसे बुरा उम्मीदवार ले जाता है।
होना यह चाहिए कि हमारे पास जो सर्वोत्तम उपलब्ध है, उसे चुन लें। प्रजातंत्र में सौ फीसदी लोग सही मिलेंगे, ऐसा बहुत मुश्किल है। ‘ यह आकलन पूर्णत: सही ही कहा जा सकता है क्योंकि मतदाता भले ही नोटा दबा कर यह समझे कि उसने सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार कर दिया है लेकिन शायद उसे यह नहीं पता होता कि इस से किसी ऐसे उम्मीदवार की कम अंतर से हार हो सकती है जो उन सबमे सबसे बेहतर हो। ऐसे में नोटा को गए वोट अगर उस हारे उम्मीदवार को जाते तो वह जीत सकता था। अगर इस कारण किसी बुरे उम्मीदवार की जीत हो जाती है तो फिर नोटा दबाने के कोई मायने ही नहीं रह जाते।
भारत में चुनावों पर हजारों करोड़ रुपए की राशि खर्च होती है। अतः केंद्र एवं राज्यों में मजबूत सरकारों का चुना जाना अति आवश्यक है, ताकि वे अपने पांच वर्ष के कार्यकाल को सफलता पूर्वक सम्पन्न कर सकें। यदि 100 प्रतिशत मतदान के साथ किसी भी सरकार को चुना जाता है तो निश्चित ही मजबूत सरकार होगी एवं वह अपना कार्यकाल पूर्ण कर सकने में सफल भी होगी और इस प्रकार मध्यावधि चुनावों की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। इस प्रकार, देश के करोड़ों रुपये के खर्च को बचाया जा सकेगा।
इसलिए भारत में आज पढ़े-लिखे एवं समझदार वर्ग को भी आगे आकर 100 प्रतिशत मतदान के लिए प्रयास करने चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में भारत आज आगे बढ़ रहा है, यह कार्य लम्बे समय तक जारी रहना चाहिए। इजराइल के नागरिकों में देश प्रेम की भावना के चलते ही तीन लाख से अधिक नागरिकों ने आगे आकर सेना में भर्ती होने के वहां की सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। भारत में भी देश के प्रतिनिधि राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव रखने वाले ही होने चाहिए।
भारतीय समाज की एकजुटता के कारण ही आज भारत में रामसेतु का विध्वंस रुक सका है, जम्मू एवं कश्मीर में लागू धारा 370 एवं धारा 35ए हटाई जा सकी है, 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में निर्मित हो रहा है, जिसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 में पूज्य संत महात्माओं के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों द्वारा सम्पन्न होने जा रहा है।
जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता आज भारत के पास है और भारत इस समूह के समस्त देशों को एकजुट बनाए रखने में सफल रहा है। भारत ने चन्द्रयान को चन्द्रमा के दक्षिणी भाग पर सफलता पूर्वक उतारने में सफलता हासिल की है एवं चन्द्रमा की सतह पर ‘शिवशक्ति’ को अंकित करने में भी सफलता पाई है।
भारत आज अपनी सीमाओं की मजबूती के साथ सुरक्षा करने में सफल हो रहा है। खेलों के क्षेत्र में भी नित नए झंडे गाड़े जा रहे हैं। हाल ही में चीन में सम्पन्न हुई एशियाई खेल प्रतियोगिताओं में भारत ने 107 पदकों को हासिल कर एक रिकार्ड बनाया है। इसी प्रकार नागरिकों को आज अच्छी सड़कें मिली हैं। पानी-बिजली की उपलब्धता बढ़ी है।
राज्यों में विकास की यात्रा तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्यों के चुनाव भी बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं, क्योंकि राज्यसभा सदस्य राज्य के विधायकों द्वारा ही चुने जाते हैं। इस दृष्टि से विभिन्न राज्यों के चुनाव में भी 100 प्रतिशत मतदान सुनिश्चित किया जाना चाहिए।