If you are facing multiple problems in life personal or professionally take a deep look at your home vastu. Specially for health of a house lady her kitchen brings many untold issues. Here we are trying to unfold the Kitchen mystery of Vastu and its health connection.
घर के भीतर रसोई एक ऐसी जगह है जो आपकी सेहत ही नहीं सुख-समृद्धि से भी जुड़ी हुई है। ऐसे में किचन से जुड़े वास्तु की शुभता और अशुभता का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। ध्यान रखें इस सबसे महत्वपूर्ण स्थान की अनदेखी करना आपके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है।
जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहे इसके लिए आपका घर वास्तु दोष से मुक्त होना जरुरी है। घर से भी ज्यादा जरुरी है आपका रसोई घर। रसोई घर में यदि वास्तु दोष हों तो उनका असर आपके पूरे परिवार पर पड़ता है। खासतौर पर गलत दिशा में बनी किचन गृहणी की सेहत पर बुरा असर डालती है।
ध्यान रहे कि रसोई का वास्तु दोष हो या अव्यवस्था उसका दुष्प्रभाव आपके जीवन पर जरूर पड़ता है। मसलन, अव्यवस्थित रसोई में सही प्रकार से नकारात्मक ऊर्जा का निस्तारण नहीं हो पाता है। ऐसे में यह नकारात्मक ऊर्जा वातावरण में घूमकर प्राणियों को विचलित कर घर में ने नई-नई समस्याओं को जन्म दे सकती है। किचन से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातों का यदि ध्यान रखा जाये तो घर के भीतर होने वाली कलह को दूर कर सुख-शांति से जीवन व्यतीत किया जा सकता है। आइए सुख-समृद्धि और शांति के लिए जानते हैं किचन से जुड़े चमत्कारिक उपाय —
1. रसोई बनवाते समय हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि उसका दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा में न हो।
2. ध्या रहे कि रसोई घर में रखा इंडक्शन-माइक्रोवेव आदि हमेशा दक्षिण पूर्व के कोने में रखा जाये।
3. रसोई घर में प्रकाश की व्यवस्था जैसे खिड़की या बल्व पूर्व और उत्तर दिशा में अवश्य होना चाहिए।
4. रसोई घर में फ्रिज हमेशा उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
5. रसोई घर में चूल्हा उत्तर और दक्षिण की ओर मुख करके नहीं होना चाहिए क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर की है और कुबेर की अग्नि देव से नहीं बनती है। साथ ही चूल्हे को कभी भी दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए।
6. रसोई घर के प्लेटफार्म पर हरे और काले रंग का पत्थर नहीं लगा होना चाहिए। यह यदि लाल रंग का हो तो अधिक उचित है।
7. रसोई घर में रखा कूड़ेदान हमेशा उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए।
8. रसोई घर में रखे चूल्हे और सिंक में हमेशा दूरी होनी चाहिए।
9. जहां तक संभव हो खाना स्वयं ही बनायें तथा स्वच्छता का पूरा ख्याल रखें।
यदि उपरोक्त में से कोई एक या एक से अधिक बातों का आपके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, तो आपके लिए एक और उपाय है जिससे आपकी रसोई का वास्तु दोष जरूर दूर हो जायेगा। तांबे की एक छोटी कटोरी में सेंधा नमक के ढेले डालकर उसे पूर्व की दिशा में रसोई में ही रख दें, ऐसा करने से आपकी रसोई दोषमुक्त होगी।
अंत में एक बात और जान लें कि यदि आपकी रसोई में चीटियों या चीटों का बोलवाला है तो यह भी एक प्रकार से धन के व्यय का मार्ग प्रसस्त करने की घटना की तरफ इशारा करता है। चीटियों या चीटों के मार्ग में छोटे—छोटे कपूर के ढेले रखें। ऐसा करने से आपको अद्भुत लाभ होगा।
किचन की दिशा: वास्तु के हिसाब से किचन का निर्माण घर के दक्षिण-पूर्व हिस्से में होना चाहिए। इसके अलावा खाना पकाते वक्त आपका मुंह दक्षिण या फिर उत्तर दिशा में होना चाहिए। ऐसा करने से रसोई घर में बरकत हमेशा बनी रहती है।
दरवाजे की दिशा: रसोई-घर का दरवाजा क्लॉक वाइस उत्तर से पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। खाना पकाते वक्त आपकी पीठ दरवाजे की तरफ नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से घर आने वाली लक्ष्मी का अपमान समझा जाता है। साथ ही इसका असर गृहणी यानि खाना पकाने वाली औरत की सेहत पर भी पड़ता है।
रसोई-घर का सामान: रसोई में किसी तरफ का भारी सामान या फिर गेहूं रखने वाला बड़ा कंटेनर कभी भी ईशान कोण में स्थापित न करें। इन्हें रखने के लिए रसोई का दक्षिण-पूर्व हिस्सा सबसे बेस्ट माना जाता है।
रंग: रसोई के रंग घर के वास्तु शास्त्र से बहुत मेल खाते हैं। घर में बरकत बनाए रखने के लिए रसोई घर में हमेशा शांतमयी रंगों का इस्तेमाल करें। जैसे कि पीला या फिर हल्का नीला। नीला रंग आसमान से मेल खाता है, ऐसे में ये रंग घर के वास्तु को ठीक रखने में काफी मददगार सिद्ध होते हैं।
डाइनिंग टेबल: अगर आपका डाइनिंग टेबल रसोई घर में रखा है तो उसे किचन के सेंटर में रखें। डाइनिंग टेबल रखने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा ही चुनें।
गैस रखने की दिशा: रसोई घर में गैस चूल्हा हमेशा साउथ-ईस्ट कॉर्नर में रखें। गैस के साथ-साथ और भी अन्य बिजली के उपकरण अगर इसी दिशा में रखें जाएं तो बेहतर रहेगा।
किचन और टॉयलेट सटा हुआ तो लगाएं पायरा
यदि रसोई घर का दरवाजा टॉयलेट के सामने है या किचन और टॉयलेट सटे हुए बने हैं तो ऐसा होना कर्ज, मानसिक अशांति, रोग का कारण हो सकता है. ऐसे में दोनों के बीच पायरा यानी पिरामिड वास्तु प्रोडक्ट स्ट्रिप लगाकर गुणात्मक रूप से इन्हें अलग कर देना चाहिए, ताकि टॉयलेट की निगेटिविटी को कम किया जा सके.
अपने किचन को हमेशा साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित रखें. रसोई में जूठे बर्तनों का जमाव, गंदे पानी का भंडार, मकड़ी के जाले या धुएं से काली दीवारें स्वास्थ्य एवं समृद्धि का नाश करती हैं. रात में किचन को साफ करने के बाद ही सोएं.
मिक्सी ग्राइंडर, माइक्रोवेव के लिए दिशा
आजकल मॉडर्न किचन में मिक्सी, ग्राइंडर, माइक्रोवेव तमाम आधुनिक प्रकार के उपकरणों का उपयोग भी किया जाता है. इन उपकरणों को रखने के लिए किचन का दक्षिण-पूर्वी भाग उपयुक्त रहता है. यदि किचन में खाना बनाने में उठने वाले धुएं को निकालने के लिए चिमनी भी लगाई है तो धुएं के वेग को दक्षिण-पूर्वी भाग से निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए.
रसोई घर का प्लेटफार्म हमेशा पूर्व दिशा की ओर बनाना चाहिए, ताकि भोजन बनाते समय गृहिणी का मुंह भी पूर्व दिशा की ओर ही रहे. एक बात और ध्यान देने वाली है कि इस प्लेटफार्म को उत्तर की तरफ की दीवार से न जोड़कर दक्षिण की दीवार से जोड़ना चाहिए और प्लेटफार्म का विस्तार भी इसी तरफ करना चाहिए.
तो ये थे किचन से जुड़े कुछ आसान वास्तु टिप्स। जिन्हें ध्यान में रखकर आप घर और किचन दोनों के वास्तु दोष दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी तोड़-फोड़ की भी जरुरत नहीं पड़ेगी।