CBI is not leaving any stone unturned to reach the roots of paper leak syndicate. Arrested accused will be brought to Delhi for further investigation. सीबीआई दल आज पहुंच सकता है बिहार, नीट मामले में गिरफ्तार आरोपियों को ला सकता है दिल्ली
पटना, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक दल सोमवार को पटना पहुंच सकता है तथा राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक 2024 (नीट-यूजी) पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किये गये लोगों को पूछताछ के लिए दिल्ली ला सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इस मामले में अबतक 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
उन्होंने बताया कि ऐसी संभावना है कि सीबीआई के अधिकारी ईओयू द्वारा इस मामले में जुटाये गये सबूत उससे ले सकते हैं। केंद्र द्वारा इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिये जाने से पहले ईओयू ही इसकी जांच कर रही थी।
सीबीआई ने चिकित्सा प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय की संस्तुति पर रविवार को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। यह परीक्षा पांच मई को हुई थी। परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लीक हो जाने के आरोपों पर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और कई अभ्यर्थी अदालत पहुंच गये हैं।
एक ईओयू अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीआई दल के ईओयू दफ्तर पहुंचने और सभी सबूतों को अपने हाथों में लेने की संभावना है। इनमें यहां एक मकान से बरामद किये गये जले हुए प्रश्नपत्र, गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन, सिमकार्ड, आगे की तारीख वाले चेक, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी से प्राप्त संदर्भ प्रश्नपत्र आदि शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग गिरफ्तार किये गये हैं वे सभी पटना में न्यायिक हिरासत में हैं और सीबीआई का दल यहां एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड हासिल कर उन्हें सघन पूछताछ के लिए दिल्ली ले जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि सीबीआई सबूतों को नष्ट करने की जांच के सिलसिले में कई प्राथमिकियां दर्ज कर सकती है तथा वह कुछ आरोपियों के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज कर सकती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘गिरफ्तार किये गये आरोपी, दानापुर नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता सिकंदर प्रसाद यादवेंदु के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जा सकता है क्योंकि उसने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से काफी अधिक संपत्ति कथित रूप से अर्जित की है।’’
उन्होंने बताया कि मूल रूप से समस्तीपुर के रहने वाले यादवेंदु की पहचान इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘उसकी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की पृष्ठभूमि है। 2012 में कनिष्ठ अभियंता बनने से पहले वह रांची में ठेकेदारी करता था। वह तीन करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में अभियुक्त रहा है। वह उस मामले में अपनी भूमिका को लेकर जेल की सजा काट चुका है।’’