Modi Mantra -भव्य भारत के निर्माण के लिए सोच के दायरे का विस्तार जरूरी : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को एक मजबूत भारत के निर्माण के लिए सोच के दायरे को बढ़ाने का आह्वान किया और कहा कि सभी सुधारों और नए कानूनों में देश की बढ़ती आकांक्षाएं प्राथमिकता होनी चाहिए। पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि एक छोटे से कैनवास पर एक बड़ी तस्वीर चित्रित नहीं की जा सकती और अगर सदस्य बड़ा नहीं सोचते हैं तो एक ‘भव्य भारत’ की कल्पना नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या एक छोटे कैनवास पर एक बड़ी तस्वीर खींचना संभव है? नहीं! इसी तरह, अगर हमारे पास सोच का एक छोटा कैनवास है तो हम ‘भव्य भारत’ की तस्वीर को चित्रित नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास एक समृद्ध विरासत है!

PM meets the members of Parliament at the Central Hall of the old Parliament building, in New Delhi on September 19, 2023.

अगर इस समृद्ध विरासत को हमारे सपनों, हमारे संकल्पों से जोड़ दिया जाए और हमारे चिंतन के कैनवास का विस्तार हो तो हम निश्चित रूप से ‘भव्य भारत’ की तस्वीर चित्रित करने में सक्षम होंगे, हम निश्चित रूप से इस तस्वीर में रंग भरने में सक्षम होंगे और हमारी आने वाली पीढ़ियों को ‘मां भारती’ की यह सुंदर, रंगीन और भव्य तस्वीर पेश करेंगे।’’ मोदी ने सदस्यों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की प्रतिबद्धता दोहराने का आग्रह किया और नए संसद भवन में कार्यवाही स्थानांतरित किए जाने के कदम को एक नए भविष्य की दिशा में एक नई शुरुआत बताया।

पुराने संसद भवन की विरासत का जश्न मनाने के लिए आयोजित समारोह में मोदी ने कहा, ‘‘नए संसद भवन में हम नए भविष्य के लिए, नई शुरुआत करने जा रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 1952 से अब तक दुनिया भर के 41 राष्ट्राध्यक्षों ने केंद्रीय कक्ष में सांसदों को संबोधित किया है और पिछले सात दशकों में संसद ने 4,000 से अधिक विधेयक पारित किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्पबद्ध होना और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।’’ पुराने संसद भवन में पारित विधेयकों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मुस्लिम माताओं और बहनों को न्याय मिला क्योंकि ‘तीन तलाक’ के खिलाफ विधेयक यहां से एकजुट होकर पारित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में संसद ने ट्रांसजेंडरों को न्याय देने वाले विधेयक पारित किए हैं।

हमने एकजुट होकर ऐसे विधेयक पारित किए हैं जो विशेष रूप से विकलांग लोगों के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी देंगे। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का अवसर मिला।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद ने अनुच्छेद 370 से छुटकारा पाने और अलगाववाद तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया।’’ उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढ़ने का कोई मौका अब छोड़ना नहीं चाहते।

अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था।

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