सर्वश्रेष्ठ जीवन के लिए व्यवस्थित दिनचर्या जरूरी : संत वसंत विजय जी

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समस्याओं का सामना करने के लिए परिस्थिति नहीं सक्षमता मायने रखती है

कृष्णगिरी , 2 अगस्त : श्री कृष्णगिरी पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठाधिपति राष्ट्रीय संत श्री वसंत विजय जी महाराज साहेब ने कहा कि समस्याओं का सामना करने के लिए परिस्थिति नहीं सक्षमता मायने रखती है। मनुष्य को सक्षम बनाने में सबसे बड़ा योगदान जीवनशैली का है।

जीवनशैली की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी व्यवस्थित दिनचर्या है । दिनचर्या जिसमें सोना, जागना, वाकिंग, ध्यान, प्राणायाम को शामिल कर लिया जाए तो हर क्षेत्र में सफलता, सुख समृद्धि का द्वार खुल जाएगा । आप सर्वश्रेष्ठ जीवन का आनंद ले सकोगे। 48 दिन में आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलेंगे।

श्री कृष्णगिरी पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम (तमिलनाडु) में आए भक्तों को प्रवचन देते हुए संत वसंत विजय जी महाराज ने कहा कि बेवक्त सोना और जागना, डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है। समय पर उठोगे तो सोचने का एंगल बदलेगा और इस बदले हुए एंगल का नया दृष्टिकोण आपके जीवन में सूर्य का उदय कराता है। 

यदि सुबह समय पर उठने और रात को समय पर सोने की आदत बना ली तो निश्चित रूप से डिप्रेशन से मुक्त हो जाओगे।  दिनचर्या में सबसे पहले समय पर सोना और समय पर जागना शामिल है। पलंग को सुबह 5 से 7 बजे के बीच में छोड़ देना चाहिए। रात को 10 से 11 बजे के बीच में सो जाओ । 

संत ने कहा कि दिनचर्या का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वाकिंग है जिसके कारण पृथ्वी से मिलने वाली शक्ति आपके मूलाधार चक्र को मजबूत करती है । वाकिंग मूलाधार चक्र की खुराक है जिससे हमारा शरीर का स्नायतंत्र मजबूत होता है । गुरुदेव ने कहा कि वैसे तो वाकिंग नंगे पैर करनी चाहिए क्योंकि आपके पैर का चक्र जब धरती के चक्र से जुड़ेगा तो मूलाधार चक्र जागृत होगा और मूलाधार चक्र जागृत हो गया तो संसार की समृधि तो क्या ईश्वरीय कृपा को भी तुरंत खींचने लगोगे । 

संत ने कहा कि तीसरे व्यायाम और प्राणायाम को हमें दिनचर्या का अहं हिस्सा बनाना चाहिए है । व्यायाम और स्वास्थ्य से हमारी समृद्धि का क्या संबंध है इस बारे में बताते हुए संत ने कहा कि शरीर मन की रचना है मन को व्यवस्थित करने का व्यायाम कर लोगे तो अपने आप शरीर व्यवस्थित होगा और शरीर और मन व्यवस्थित हो जाएगा तो समृद्धि, यश कीर्ति सफलता को खींचने का आभामंडल और तरंग आपके जीवन में प्रकट हो जाएगी समृद्धि खींचने के लिए आपके शरीर में उसको आकर्षित करने की ताकत और तेज भी चाहिए । व्यायाम से हमारे शरीर की जितनी भी कोशिकाएं मृत हो जाती हैं वे व्यायाम और प्राणायाम से पुनर्जीवित हो जाती हैं । 

चौथे व्यायाम प्राणायाम के दस मिनट के बाद स्नान करो प्राकृतिक साबुन से स्नान की कोशिश करो । शरीर प्राकृतिक रूप से संभाला जाता है तो वह शुद्ध उर्जा को खींचता है जिससे आपका आभामंडल बहुत ताकतवान बनता है। स्नान सुगंध के लिए नहीं ताजगी के लिए करना चाहिए । दातुन भी ऐसी करो  जिसमें लवंग इलायची की सुगंध हो जिससे दिमाग के सभी कोषों में ताजगी महसूस हो।

वसंत विजय जी महाराज साहेब ने कहा कि जब भी कोई परेशानी आपके जीवन में आती है तो आप कमजोर पड़ते हो वह कमजोरी धीरे-धीरे आपको खोखला कर देती है। एक कमजोरी कई कमजोरियों का कारण बन जाती है। नुकसान इतना प्रभावित नहीं करता जितना हर समय नुकसान का विचार मनुष्य को प्रभावित करता है । इसलिए जरूरी है अपनी दिनचर्या में बदलाव करे जिससे आपमें उर्जा को बढ़े उर्जा बढ़ते ही घर में सुख शांति आने लगती है ।

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