The world is witnessing a different kind of Leadership in Narendra Modi that is never seen before. Modi is the name of Truth, Peace and Progress. The name Modi that knows no fears. Modi have zero tolerance for terrorism and terror supporting forces. Pakistan and all opposition parties alliance alongwith dalal media was completely focused on Mock Drill which was to take place on the evening of April 7, 2025.

Many videos of mocking PM Modi and India were posted by Pakistan supporters with slogans like – India got scared?. But they faced their own Karma s by the changing of date itself. India launched Air strike at 1.05 am and destroyed 9 major spots/ training camps of terrorists and house of top terrorist Masood Azhar swiped them to ashes just in 23min.
पहलगाम में पाकिस्तान के भाड़े के आतंकियों ने भारतीय महिलाओं के मस्तक से 15 दिन पहले जो सिंदूर उजाड़े थे, भारत ने उसका प्रतिशोध ले लिया। 6 और 7 मई की दरमियानी रात देश के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। घातक ड्रोन और मिसाइलों से हुए इस हमलों के जरिए नौ जगहों पर आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया गया। इसी के साथ सेना ने एलान कर दिया कि इंसाफ पूरा हुआ! इसे नाम दिया गया- ऑपरेशन सिंदूर। जानिए इस ऑपरेशन से जुड़े अहम सवालों के जवाब…
क्यों जरूरी थी यह कार्रवाई?

22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ। उसमें 25 पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत इसका जवाब देगा। इसके बाद 29 अप्रैल को सेना के तीनों प्रमुखों, सीडीएस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समेत वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हुई बैठक में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जवाब किस तरह होगा और कब होगा, यह तय करने के लिए सेना को खुली छूट दी गई है। इसके बाद यह तय हो गया था कि भारत जल्द कार्रवाई करेगा।
भारत ने कहां की कार्रवाई?
पहलगाम हमले में आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी थी। हमले के 15 दिन बाद 6 और 7 मई की दरमियानी रात यह कार्रवाई पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, दोनों के अंदर ऐसी जगहों पर हुई, जहां आतंकियों के ठिकाने मौजूद हैं।
भारत ने किस तरह दिया जवाब?
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके के अंदर मिसाइलों से हमला किया। हमले सुनियोजित थे। कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें यह ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान का कोई सैन्य ठिकाना इसकी जद में न आए। भारत ने इस मामले में संयम बरता और सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया।
कितने सशस्त्र बल इस ऑपरेशन में शामिल रहे?
न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर एक संयुक्त ऑपरेशन था। इसमें वायुसेना, थलसेना और नौसेना की लक्ष्य को सटीक तरीके से भेदने वाली हथियार प्रणालियों यानी प्रीसिशन स्ट्राइक वेपन्स का इस्तेमाल किया गया। हमले में लॉयटरिंग म्यूनिशंस यानी घातक ड्रोन शामिल थे। हमला कहां होना है, इसके बारे में भारत की खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी। वहीं, हमले को भारतीय सरजमीं से ही अंजाम दिया गया।
इसका खुलासा किस तरह हुआ?
खुलासा थलसेना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन यानी एडीजीपी के एक्स हैंडल के जरिए हुआ। इस हैंडल के जरिए सेना ने पहले रात 1:28 बजे 64 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया, जिस पर लिखा था- “प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः”। यानी हमले को तैयार और जीत के लिए प्रशिक्षित। इसके बाद रात 1:51 बजे दूसरा पोस्ट जारी हुआ, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की तस्वीर के साथ लिखा था- इंसाफ पूरा हुआ, जय हिंद। इसके बाद पत्र सूचना कार्यालय यानी पीआईबी की तरफ से शुरुआती सूचना इस बयान के साथ जारी की गई कि बाद में इस पर विस्तार से ब्रीफिंग दी जाएगी।

पाकिस्तान में किन ठिकानों को निशाना बनाया गया?
भारत ने बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, भीमबेर, कोटली और मुजफ्फराबाद में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई कि भारत की मिसाइलें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने, मुजफ्फराबाद के सेंट्रल ग्रिड सिस्टम और मुरीदके में हाफिज सईद के ठिकाने पर गिरीं। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना वही मसूद अजहर है, जिसे 1999 में आईसी-814 कंधार विमान अपहरण मामले के बाद रिहा करना पड़ा था। मसूद अजहर के पाकिस्तान लौटने के बाद बहावलपुर आतंकियों को प्रशिक्षण देने का बड़ा ठिकाना बन गया। जैश-ए-मोहम्मद संसद पर 2001 में हुए हमले, 2016 में पठानकोट हमले और 2019 में पुलवामा हमले में शामिल रहा है। वहीं, हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का सरगना है, जो 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। मुरीदके में ही लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है। यह आतंकी संगठन 1990 से मुरीदके से ही ऑपरेट करता है। भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के सरगनाओं को निशाना बनाने के लिए ही इन जगहों को चुना। वहीं, मुजफ्फराबाद और कोटली नियंत्रण रेखा के पास है।

ध्वस्त ठिकानों की सूची
1. मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर (जैश)
2. मरकज तैयबा, मुरीदके (लश्कर)
3. सरजाल, तेहरा कलां (बहावलपुर) (जैश)
4. महमूना जोया सुविधा, सियालकोट (हिजबुल)
5. मरकज अहले हदीस बरनाला, भीमबेर (लश्कर)
6. मरकज अब्बास, कोटली (जैश)
7. मस्कर राहील शाहिद, कोटली (हिजबुल)
8. शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद (लश्कर)
9. मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद (जैश)
पाकिस्तान ने क्या कबूला?
भारत की कार्रवाई के बाद सबसे पहले पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर जनरल अहमद शरीफ चौधरी का बयान आया। इस बयान में चौधरी ने स्वीकार किया कि भारत की एयर स्ट्राइक बहावलपुर के अहमद ईस्ट एरिया में सुभानउल्लाह मस्जिद, कोटली और मुजफ्फराबाद में हुई है। उन्होंने यह भड़काऊ बयान भी दिया कि हम जवाब देंगे। बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से भी बयान आया, जिसमें उन्होंने कबूल किया कि पाकिस्तान में पांच जगहों पर हमला किया गया है। वहीं, पाकिस्तान मीडिया में आ रही खबरों में वहां के लोगों ने ही स्वीकार किया कि मिसाइल स्ट्राइक में मसूद अजहर का मदरसा तबाह हो चुका है।
ऑपरेशन सिंदूर ही नाम क्यों?

22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम स्थित पर्यटक स्थल पर आतंकियों ने गोलियां बरसाई थीं। इन आतंकियों ने लोगों से धर्म पूछा था। हिंदू पुरुषों को अलग किया और उनके परिवार के सामने उन्हें गोली मार दी। हमले में कई महिलाओं ने अपने पति को खोया। इनमें से कुछ महिलाओं की कुछ ही दिन पहले शादी हुई थी और वे पति के साथ पर्यटन के लिए पहलगाम आईं थीं। इस हमले में जिन महिलाओं के माथे का सिंदूर छिन गया, उन्हीं के सम्मान में एक संदेश देने के लिए भारत ने इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या?
पाकिस्तान कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर लगातार सीजफायर तोड़ रहा है। पुंछ, राजौरी और कुपवाड़ा जैसे इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी तेज हो गई। बौखलाए पाकिस्तान की तरफ से किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में वायु रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया है।
अमेरिका और अन्य देशों का क्या रुख है?

संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से अत्यधिक सैन्य संयम बरतने की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी बयान आया, जिसमें उन्होंने बताया कि पहलगाम हमला शर्मनाक था। हमें भारत के ऑपरेशन के बारे में अभी-अभी जानकारी मिली। लोग जानते थे कि कुछ तो होने वाला है। हम उम्मीद करते हैं कि यह सब कुछ जल्द खत्म होगा।
भारत ने कूटनीतिक रूप से क्या किया?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बात कर भारत के ऑपरेशन के बारे में उन्हें जानकारी दी। वहीं, भारत ने कूटनीतिक प्रयास भी तेज कर दिए। भारतीय राजनयिकों ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस में अपने समकक्षों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी है।
बहावलपुर, मुरीदके से कोटली तक, जानिए भारतीय सेना में इन्हीं जगहों को क्यों बनाया निशाना
बुधवार तड़के भारत ने समन्वय तरीके से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें आतंक के वो अहम ठिकाने शामिल हैं, जो लंबे समय से आतंकियों की पनाहगाह बने हुए थे। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में जिन नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, उनमें बहावलपुर, मुरीदके, चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, गुलपुर, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के इलाके शामिल हैं।

इन्हीं नौ इलाकों को क्यों बनाया गया निशाना?
बहावलपुरः बहावलपुर पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब का इलाका है। भारतीय हमले में बहावलपुर मुख्य निशाना था। दरअसल बहावलपुर में ही आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय है। भारत में कई आतंकी हमलों में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता रही है। साल 2001 में हुए संसद हमले और 2019 में हुए पुलवामा हमले में भी जैश का हाथ था। भारत ने बहावलपुर में जैश के ठिकाने मरकज शुभान अल्लाह को निशाना बनाया। मरकज में ही जैश के मुखिया मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर, मौलाना अम्मार का घर भी है।
मुरीदकेः लाहौर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित मुरीदके आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और इसकी शाखा जमात उद दावा का केंद्र माना जाता है। मुरीदके में लश्कर ए तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर है और यह करीब 200 एकड़ इलाके में फैला है। भारत में साल 2008 में हुए मुंबई हमले में भी लश्कर का हाथ था। 26/11 के हमलावरों की ट्रेनिंग भी मुरीदके में ही हुई थी।
मुरीदके में मरकज तैयबा लश्कर का सबसे अहम केंद्र है। इसके अलावा लश्कर के नांगल, सहदान, शेखपुरा में भी लश्कर के ठिकाने हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2000 में मुरीदके में मरकज तैयबा के निर्माण के लिए खूंखार आंतकी ओसामा बिन लादेन ने एक करोड़ रुपये की मदद की थी। मरकज तैयबा में मस्जिद और एक गेस्ट हाउस भी है। मुंबई हमले में पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की ट्रेनिंग भी मरकज तैयबा में ही हुई थी। इसके अलावा डेविड कोलमैन हेडली और फिलहाल भारत की गिरफ्त में मौजूद तहव्वुर हुसैन राणा ने भी मुरीदके का दौरा किया था। हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी के घर भी मरकज तैयबा में ही मौजूद बताए जाते हैं।
कोटलीः कोटली पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का इलाका है। भारत का दावा है कि यह आत्मघाती हमलावरों और उग्रवादियों का प्रशिक्षण केंद्र है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोटली में एक बार में 50 से ज्यादा आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
गुलपुरः जम्मू कश्मीर में आतंकियों का लॉन्चपैड गुलपुर को ही माना जाता है। खासकर राजौरी और पुंछ इलाकों में होने वाली आतंकी घुसपैठ गुलपुर से ही होती है। भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर हमलों को अंजाम देने के लिए अक्सर इस ठिकाने का इस्तेमाल किया जाता है।
सियालकोट का महमूना कैंप: सियालकोट में महमूना कैंप को भी निशाना बनाया गया है। महमूना कैंप हिजबुल मुजाहिदीन का ठिकाना था। हिजबुल मुजाहिदीन हाल के वर्षों में कमजोर हुआ है, लेकिन अभी भी इसकी स्थानीय नेटवर्क पर पकड़ है।
सवाईः पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में तंगधार सेक्टर में सवाई इलाके में लश्कर ए तैयबा का कैंप है। साल 2024 में गांदरबल, गुलमर्ग और अब पहलगाम के आतंकी हमले की योजना भी सवाई में ही बनाई गई थी।
सरजाल और बरनालाः अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद ये इलाके भी कश्मीर में आतंकी घुसपैठ के लॉन्चपैड माने जाते हैं।