PM Modi to release 18th installment of Kisan Nidhi Yojana on coming Saturday. Shri Shivraj Singh Chauhan informed media.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी करेंगे, जिससे प्रत्यक्ष अंतरण में 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा। देश में रहने वाले करोड़ों किसान भाइयों के लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी की खबर निकलकर आ रहा है। बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर शनिवार को 9.5 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को डीपीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए 20000 करोड़ों रुपए से अधिक की रकम ट्रांसफर करेंगे। मीडिया रिपोर्टर से मिली जानकारी के मुताबिक आप लोगों को बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर को महाराष्ट्र के वाशिम जिले में एक समारोह में प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि स्कीम की धार्मिक किस्त जारी करने वाले हैं।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां बताया कि पीएम-किसान के साथ ही राज्य के वाशिम में महाराष्ट्र सरकार की नमो शेतकरी महासम्मान निधि योजना की पांचवीं वीं किस्त का भी वितरण होगा।
मंत्रालय के अनुसार श्री मोदी कृषि अवसंरचना कोष के अंतर्गत पूरी की गयी 7516 परियोजनाओं का ओनलाइन लोकार्पण करेंगे और लगभग 9,200 एफपीओ राष्ट्र को समर्पित किये जायेंगे। अब तक 3.45 लाख करोड रुपए से अधिक राशि किए गए हैं ट्रांसफर
मीडिया रिपोर्टर से मिली जानकारी के मुताबिक आप लोगों को बता दें कि महाराष्ट्र के वाशिम जिले में एक समारोह में देश में करीब 2.5 करोड़ किसान देव कास्ट के जरिए कार्यक्रम से जुड़ेंगे जिसमें 732 कृषि विज्ञान केंद्र एक लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां और 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर शामिल रहने वाले हैं। बता दें कि पीएम किसान की 18 में किस्त जारी होने के साथ ही इस स्कीम के तहत कुल वितरण 3.45 लाख करोड रुपए से अधिक हो जाएंगे। बता दें कि इससे 11 करोड़ किसानों को सहायता मिलेंगे।

मवेशियों के लिए एकीकृत जीनोमिक चिप और स्वदेशी सेक्स-सॉर्टेड सीमेन तकनीक का शुभारंभ होगा।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फड़नवीस तथा महाराष्ट्र के मृदा एवं जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), एक लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और देश भर के पांच लाख सामान्य सेवा केन्द्रों समेत लगभग 2.5 करोड़ किसान वेबकास्ट के माध्यम से शामिल होंगे। निधि जारी होने के दिन को पीएम-किसान उत्सव दिवस के रूप में मनाया जाएगा तथा इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

पीएम-किसान योजना में तीन बराबर किस्तों में भूमिधारक किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं। 18वीं किस्त जारी होने के साथ ही इस योजना के तहत कुल वितरित निधि 3.45 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगी। इस कार्यक्रम से देश भर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को सहायता मिलती है।
महाराष्ट्र में, योजना की 17 किस्तों में लगभग 1.20 करोड़ किसानों को करीब 32,000 करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं, जो सभी राज्यों में दूसरी सबसे अधिक धनराशि है। 18वीं किस्त में लगभग 91.51 लाख किसानों को 1,900 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा।
पीएम-किसान किस्त वितरण के साथ-साथ, प्रधानमंत्री नमो शेतकारी महासम्मान निधि योजना की पांचवीं किस्त के तहत महाराष्ट्र के किसानों को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ भी जारी करेंगे।

महाराष्ट्र के91. 51 लाख किसान भाइयों को दिया जाएगा फायदा
आपको बता दें कि पीएम किसान सम्मन निधि स्कीम ग्रामीण विकास और कृषि समृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। ऐसे वासिम जिला प्रशासन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कह गए हैं कि अब तक महाराष्ट्र में लगभग 91. 20 करोड़ किसानों को 17 किस्तों में 32000 करोड रुपए हस्तांतरित किए जा चुके हैं। जो सभी राज्यों के लिए दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। कह गए हैं की धार्मिक किस्त में राज्य के लगभग 91.51 लाख किसानों को 19000 करोड रुपए से ज्यादा का फायदा मिलेगा।
Pm Kisan 18 Installment : महाराष्ट्र में रहने वाले किसान भाइयों को मिलेगा अतिरिक्त फायदा

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नमो शेतकरी महा सम्मान निधि स्कीम की 5वीं किस्त के तहत महाराष्ट्र के किसानों को लगभग 2000 करोड रुपए का अतिरिक्त फायदा भी जारी करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि अवसंरचना कोष के तहत पूरी हो चुके हैं 7516 परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। बता दें कि वे 9200 एफपीओ को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और ग्राम पंचायत को सामाजिक विकास अनुदान का ए वितरण के साथ-साथ एमएसकेवीवाई 2.0 के तहत ₹500 पार्कों का शुभ आरंभ करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री कल किसानों के खाते में जारी करेंगे किसान निधि की 18वीं किश्त : शिवराज
भोपाल केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल देश भर के किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किश्त जारी करेंगे।
श्री चौहान ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी कल महाराष्ट्र के वाशिम से पूरे देश के किसानों के खाते में पीएम किसान निधि की 18वीं किश्त जारी करेंगे। पिछले 120 दिनों में किसानों के कल्याण के लिए समर्पित मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अनेक किसान हितैषी फैसले किये हैं और आगे भी यह जारी रहेंगे। सरकार की छह सूत्रीय रणनीति- उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधिकरण, वेल्यू एडिशन और प्राकृतिक खेती हैं। किसानों को ठीक दाम मिलें इसके लिए पिछले दिनों कुछ बड़े निर्णय लिये गये हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में आयात होने वाले खाद्य तेलों को लेकर लिये गये फैसले से तिलहन के उत्पादन और उसकी कीमतों पर व्यापक असर पड़ रहा है। आयात होने वाले खाद्य तेलों-सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, सूरजमुखी, तिल पर पहले 0 फीसदी आयात शुल्क था, लेकिन अब वह साढ़े 27 फीसदी हो गया है। पहले सस्ता पाम ऑयल मध्यप्रदेश में आ रहा था उसके कारण ही सोयाबीन के दाम भी काफी कम हुए थे। इस फैसले से औसत 500 रूपये प्रति क्विंटल सोयाबीन के दाम बढ़े हैं और दाम बढ़ने का क्रम भी जारी है। सरकार ने भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने का फैसला किया है ताकि किसानों को सही दाम दिये जा सकें। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि राज्य भी खरीद करेंगे और उसके सामान्तर भावान्तर भुगतान योजना भी जारी रहेगी।
श्री चौहान ने बताया कि बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क लगा हुआ था जिसके कारण निर्यात महंगा हो गया था। बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है। ग़ैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भी हटा लिया है जिसके कारण भी किसानों को धान के दाम बेहत्तर मिलेंगे। प्याज़ पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत था उसे भी 20 प्रतिशत कम कर दिया गया है। ये सभी फैसले इसलिए किये गये हैं कि किसान को ठीक दाम मिल सके।

उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने कल खाद्य तेलों को लेकर बड़ा फैसला किया है। 10 हजार 1 सौ तीन करोड़ 38 लाख रूपये की लागत से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन बनाया गया है। देश में खाद्य तेलों का उत्पादन काफी कम होता है। आईसीएआर द्वारा बनाये जाने वाले ब्रीडर सीड-उन्नत बीज, सर्टिफाइड सीड, फाउंडेशन सीड किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके लिए पूरे देश में 600 कलस्टर बनाये जायेंगे। 21 राज्यों के 347 ज़िलों में जहां ऑयल सीड-तिलहन का उत्पादन होता है उन्हें विशेष रूप से शामिल किया गया है। इन कलस्टर में किसानों को मुफ्त में बीज, नई तकनीक द्वारा अधिक उत्पादन की ट्रेनिंग और किसानों के उत्पादन की 100 फीसदी खरीद की जायेगी। इस मिशन के अन्तर्गत इस तरह की सुविधायें दी जायेंगी। पूरे देश में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की जायेगी। हर साल ये 10 लाख हेक्टेयर का क्षेत्र बदला जायेगा। 7 सालों में लगभग 70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र इस योजना के अन्तर्गत लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि उन्नत बीजों की कमी पूरा करने के लिए 65 नये बीज केंद्र बनाये जायेंगे, अभी यह केंद्र 35 हैं कुल 100 केंद्र बनाये जायेंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण इकाईयां भी बनाई जायेंगी। उन राज्यों पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं जहां किसान केवल एक फसल ही लेते हैं। इंटर क्रॉपिंग का भी प्रयोग किया जायेगा।

श्री चौहान ने बताया कि किसानों के हित व खाद्य सुरक्षा की रक्षा करने के लिए कैबिनेट ने कल 1 लाख करोड़ रूपये की एक और योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नत योजना बनाई गई हैं। इन योजनाओं में कुल मिलाकर 1 लाख 1 हजार 321 करोड़ 61 लाख रूपये खर्च होंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत मृदा स्वस्थ प्रबंधन, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, कृषि वानिकी, परंपरागत कृषि को बढ़ावा देना, फसल अवशेष प्रबंधन, कृषि का यंत्रिकरण, पर ड्रॉप मोर क्रॉप, क्रॉप डायवर्सिफिकेशन-फसल विविधिकरण, कृषि स्टार्टअप के लिए निधि शामिल है। कृषि उन्नत योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, कृषि विस्तार पर उप मिशन, कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना, डिजिटल कृषि मिशन और कृषि जनगणना अर्थशास्त्र और सांख्यिकी इस पर भी एकीकृत योजनायें बनेंगी। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को लचीला रखा गया है। राज्य अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी योजना को ले सकते हैं और उसमें पैसा लगा सकते हैं और इन सभी योजनाओं के लिए स्वीकृति भी एक बार में ही हो जायेगी। इन योजनाओं से उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी, साथ ही खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने बताया कि डिजिटल कृषि मिशन के बहुत फायदे होंगे। इससे रिकॉर्ड में हेराफेरी नहीं हो सकेगी, रिमोट सेंसिंग के माध्यम से फसल के नुकसान का आंकलन होने से फसल बीमा योजना का पूरा लाभ मिलेगा। किसानों को डिजिटल माध्यम से जितना लाभ दिया जा सकता है उतना देने के प्रयत्न जारी हैं। स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को ड्रोन दिये गये हैं। ड्रोन में बैटरी जल्दी खत्म होने की समस्या आ रही है तो उन्हें अब ड्रोन की 5 बैटरी दी जायेंगी।