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ओएनजीसी ‘विवाद से विश्वास-2’ योजना लागू करने में जुटी

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम एवं गैस कंपनी ओएनजीसी अनुबंधों से जुड़े विवादों के त्वरित समाधान के लिए घोषित एकमुश्त विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास-2’ को लागू करने में जुट गई है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने बयान में कहा कि उसने अनुबंध से संबंधित विवादों के त्वरित समाधान के लिए एक आंतरिक कार्यबल का गठन किया है। ओएनजीसी ने कहा कि समाधान योजना के तहत 30 अप्रैल के पहले या उस तारीख तक अदालती आदेश पारित हो चुके मामलों में बकाया राशि के 85 प्रतिशत का भुगतान कर दिया जाएगा जबकि 31 जनवरी तक या उसके पहले आए मध्यस्थता निर्णयों के मामलों में 65 प्रतिशत राशि का भुगतान होगा।सरकार ने अनुबंधों से जुड़े लंबित विवादों के निपटान के लिए एकमुश्त समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास-2’ लाने की घोषणा की थी। इसके लिए जीईएम के पोर्टल पर ठेकेदारों को आवेदन करना होगा। यह योजना 15 जुलाई से 31 अक्टूबर तक वैध है। ओएनजीसी ने कहा कि उसने अपने कारोबारी साझेदारों के साथ मजबूत एवं पारदर्शी रिश्ते बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

बिरलासॉफ्ट का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 14 प्रतिशत बढ़कर 137.5 करोड़ रुपये पर

पुणे स्थित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाप्रदाता कंपनी बिरलासॉफ्ट का चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 137.5 करोड़ रुपये रहा। कंपनी को पिछले साल समान अवधि में 120 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। बिरलासॉफ्ट ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि पहली तिमाही में उसका राजस्व 1,263 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल समान अवधि की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक है। उस समय कंपनी का राजस्व 1,154 करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी के शुद्ध लाभ में तिमाही आधार में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। पिछली (जनवरी-मार्च) तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 112 करोड़ रुपये था। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक अंगन गुहा ने कहा, ” मैं इस बात से खुश हूं कि हमारा तिमाही राजस्व पहली बार 15 करोड़ डॉलर को पार कर गया है, जो वित्त वर्ष-2023-24 की पहली तिमाही में तिमाही आधार पर 3.1 प्रतिशत बढ़कर 15.36 करोड़ डॉलर हो गया है। ”

ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में कॉरपोरेट वित्तपोषण पहली छमाही में 55 प्रतिशत घटकर सात अरब डॉलर पर: रिपोर्ट

दुनिया में ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में कॉरपोरेट वित्तपोषण इस कैलेंडर साल की पहली छमाही जनवरी-जून में 55 प्रतिशत घटकर 7.1 अरब डॉलर रहा। शोध कंपनी मेरकॉम कैपिटल ने कहा कि बीते वर्ष इसी अवधि में कॉरपोरेट वित्तपोषण के जरिये 15.8 अरब डॉलर जुटाये गये थे। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब दुनिया के कई देश शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मेरकॉम कैपिटल ने रिपोर्ट में कहा, ”ऊर्जा भंडारण कंपनियों में कॉरपोरेट वित्तपोषण 2023 की पहली छमाही में 7.1 अरब डॉलर रहा। इसके लिये कुल 59 सौदे हुए। यह 2022 की पहली छमाही में जुटाये गये 15.8 अरब डॉलर के मुकाबले 55 प्रतिशत कम है। उस दौरान 60 सौदों के जरिये यह राशि जुटायी गयी थी।” हालांकि, ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में कॉरपोरेट वित्तपोषण में 2023 की दूसरी तिमाही में तेजी आई। इस दौरान 32 सौदों के जरिये 4.9 अरब डॉलर जुटाये गये। यह तिमाही आधार पर 126 प्रतिशत अधिक है। वहीं सालाना आधार पर 67 प्रतिशत अधिक है। इस साल की पहली छमाही में ऊर्जा भंडारण में उद्यम पूंजी वित्तपोषण 27 प्रतिशत बढ़कर 3.8 अरब डॉलर रहा जो 2022 की पहली छमाही में तीन अरब डॉलर था। इस साल की पहली छमाही में स्मार्ट ग्रिड से जुड़ी कंपनियों ने 33 सौदों के जरिये कॉरपोरेट वित्तपोषण के माध्यम से 1.8 अरब डॉलर जुटाये। यह पिछले साल इसी अवधि में जुटाये गये 1.1 अरब डॉलर से 64 प्रतिशत अधिक है।

आर्सेलरमित्तल का शुद्ध लाभ अप्रैल-जून तिमाही में 50 प्रतिशत घटा

इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 50 प्रतिशत घटकर 186 करोड़ डॉलर रहा है। कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले साल की समान तिमाही में 392.3 करोड़ डॉलर रहा था। आर्सेलरमित्तल की ओर से जारी बयान के अनुसार, 2023 की दूसरी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 186 करोड़ डॉलर रहा, जबकि 2023 की पहली तिमाही में यह 109.6 करोड़ डॉलर था। वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 392.3 करोड़ डॉलर था। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य मित्तल ने कहा कि इस वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत रही, जो बाजार की बेहतर स्थितियों और हाल ही में किए गए रणनीतिक अधिग्रहणों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है। चालू साल की पहली छमाही जनवरी-जून में कंपनी का शुद्ध लाभ घटकर 295.6 करोड़ डॉलर रह गया, जो 2022 की समान अवधि में 804.8 करोड़ डॉलर रहा था। दूसरी तिमाही में कंपनी की इस्पात बिक्री पिछले साल की समान अवधि के 1.44 करोड़ टन से 1.2 प्रतिशत घट गई। चालू साल की पहली तिमाही की तुलना में कंपनी की इस्पात बिक्री 1.7 प्रतिशत कम रही है।

इंडियन बैंक का पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 41 प्रतिशत बढ़कर 1,709 करोड़ रुपये पर

सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में 1,709 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है, जो साल भर पहले की समान तिमाही के 1,213 करोड़ रुपये से 41 प्रतिशत अधिक है। बैंक ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों को तिमाही नतीजों की सूचना देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी कुल आय 14,759 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 11,758 करोड़ रुपये थी। आलोच्य अवधि में बैंक की ब्याज आय भी साल भर पहले के 10,153 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,049 करोड़ रुपये हो गई। इस अवधि में इंडियन बैंक की परिसंपत्ति की गुणवत्ता में भी सुधार आया है। बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात सुधरकर सकल अग्रिम का 5.47 प्रतिशत हो गया जबकि अप्रैल-जून, 2022 की तिमाही में यह 8.13 प्रतिशत पर था। बैंक का फंसा कर्ज यानी शुद्ध एनपीए भी घटकर 0.70 प्रतिशत पर आ गया जो पिछले साल की समान अवधि में 2.12 प्रतिशत था। इस वजह से बैंक का फंसे कर्जों के लिए वित्तीय प्रावधान भी घटकर 930 करोड़ रुपये रह गया जबकि साल भर पहले यह 2,002 करोड़ रुपये था। हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात घटकर 15.78 प्रतिशत पर आ गया। पिछले साल की समान तिमाही में यह 16.51 प्रतिशत था।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत 10 साल में वह हासिल करेगा, जो चीन तीन दशक में नहीं कर पाया : चंद्रशेखर

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार को कहा कि चिप के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन और सहयोग से भारत एक दशक में सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला में प्रमुख भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने पिछले साल वेदांता और ताइवान की फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित किया था। इन कंपनियों ने चिप विनिर्माण के लिए अरबों डॉलर के निवेश से इकाइयां स्थापित करने का वादा किया था। चिप का उपयोग मोबाइल फोन से लेकर वाहनों तक में किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘वैश्विक सेमीकंडक्टर परिवेश में ऐसा कोई नहीं है जो भारत को निवेश और नवाचार के लिए एक बहुत विश्वसनीय, व्यवहार्य और तेजी से उभरते गंतव्य के रूप में नहीं देखता है।’ उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 10 साल में 10 अरब डॉलर (लगभग 81,993 करोड़ रुपये) के साथ वह उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार है, जिसे प्राप्त करने के लिए चीन ने तीन दशक तक प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ‘हम 10 अरब डॉलर के साथ अगले 10 साल में वह हासिल करने की ओर अग्रसर हैं, जिसे प्राप्त करने में चीन को 25-30 साल लगे और उसके बावजूद वह सफलता हासिल नहीं कर पाया।” उन्होंने कहा कि माइक्रोन के साथ एटीएमपी परियोजना से सेमीकंडक्टर उद्योग में 5,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। उन्होंने कहा, “वैश्विक मेमोरी समाधान क्षेत्र में माइक्रोन दुनिया की अग्रणी कंपनी है।”

चंद्रशेखर ने कहा, “कभी-कभी कुछ लोग या तो समझ की कमी या जानबूझकर पिछले 15 महीनों के प्रयास को अलग-अलग तरीकों से चित्रित करते हैं। लेकिन सेमीकंडक्टर पर भारत की कहानी… भारत को सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनाने का सपना पहली बार कुछ महीने पहले शुरू हुआ है।”

फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज ने आईपीओ के लिए नए सिरे से दस्तावेज जमा कराए

फेडरल बैंक द्वारा प्रवर्तित फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (फेडफिना) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये धन जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बाजार (सेबी) के पास नए सिरे से शुरुआती दस्तावेज जमा कराए हैं। बुधवार को दाखिल दस्तावेजों (डीआरएचपी) के अनुसार, कंपनी के आईपीओ में 750 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा प्रवर्तक फेडरल बैंक व मौजूदा शेयरधारक ट्रू नॉर्थ फंड-6 एलएलपी 7.03 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाएंगे। ओएफएस के तहत फेडरल बैंक 1.65 करोड़ शेयर और ट्रू नॉर्थ फंड 5.38 करोड़ शेयर बेचेगा। इससे पहले बैंक ने 900 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बैंक ने फरवरी, 2022 में सेबी के समक्ष आईपीओ के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे। फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज एक खुदरा केंद्रित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है। यह सोने के बदले कर्ज, आवास ऋण, संपत्ति के एवज में कर्ज और कारोबारी ऋण प्रदान करती है।

चीन ने पाकिस्तान को दिया 2.4 अरब डॉलर का कर्ज

चीन ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद को दो साल के लिए 2.4 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ”चीन के ईएक्सआईएम बैंक ने दो साल के लिए कुल 2.4 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1.2 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.2 अरब डॉलर का कर्ज दिया गया है।” डार ने कहा, ”पाकिस्तान इन दो वित्त वर्ष में सिर्फ ब्याज का भुगतान करेगा।” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कुछ समय पहले ही घोषणा की थी कि चीन ने पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को देखते हुए मदद के लिए उसे 60 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है।

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल को 2,261 करोड़ रुपये के अनुबंध

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल और उसकी इकाइयों को 2,261 करोड़ रुपये के अनुबंध (ऑर्डर) मिले हैं।कंपनी की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, ”कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (केपीआईएल) और उसकी अंतरराष्ट्रीय अनुषंगी कंपनियों ने 2,261 करोड़ रुपये के नए अनुबंध हासिल किए हैं।” इनमें विदेशी बाजारों में पारेषण व वितरण (टीएंडडी) कारोबार के 2,036 करोड़ रुपये के अनुबंध शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी ने 225 करोड़ रुपये की एक तेल एवं गैस पाइपलाइन परियोजना भी हासिल की है। केपीआईएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मनीष मोहनोत ने कहा, ” हमें अपने टीएंडडी कारोबार में लगातार नए अनुबंध मिल रहे हैं। टीएंडडी कारोबार में नए अनुबंधों से हमारी ‘ऑर्डर बुक’ मजबूत हुई है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हमारी स्थिति बेहतर हुई है।”

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