संत की सौगंध
विश्व के अग्रणी संतों में ख्यातिप्राप्त महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज ना सिर्फ धर्माधिकारी, मुखर प्रावाचक, अखिल भारतीय सनातन परिषद एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, नव चंडी सेवा आश्रम सहस्त्रधारा देहरादून उत्तराखंड देवभूमि के अधिपति और सत्य सनातन के ज्योति स्तंभ के रूप में विख्यात हैं साथ ही महाराज जी भारत भर में चलाए जा रहे एक महा-अभियान के लिए भी जाने जाते हैं।
These days we observe many people suffering from Skin Psoriasis and other painful diseases skin disorder of all kinds due to impurities in blood, heredietry, poor lifestyle or other hidden effects of hormones etc. Most tragic fact is about the treatment cost and duration is not only taxing but harrassening reason being the mentality of medical practitioners and lack of in depth knowledge. Hospitals and private medical centers have become a money minting business for many. It is also observed that many patients leave the treatment in the middle when no permanent progress is there due to lack of money and resources.

We recently have the luck to meet Mahamandleshwar Shri Shri 1008 Swami Maheshanand Giri Maharaj Ji who is a ray of light to the patients of Skin Psoriasis. Maharaj ji is helping the suffering lives by organizing regular Free medical camps all across the country. Where one not only gets free consultation from the Sr. Vaidhy and Doctors but also All free medicines specially prepared with forest herbs and energised with mantras. Cure and success rate 100% when treatment is applied as per guidance of Maharaj ji and vaidhyas. Thousands of patients cured from painful disease in the past many years.
यह अभियान है भारत भूमि से भयावह चर्म रोग सोरायसिस, सफेद दाग, शरीर पर हुई किसी भी प्रकार की चर्म अनियमितता को जड़ से मिटाना।

महाराज जी ने चर्म रोगों से मुक्त भारत का जो दिव्य संकल्प लिया है उसमे नव चंडी आश्रम में उनके साथ वरिष्ठ चिकित्सक एवं वैद्यराज का पूरा दल इन लाइलाज माने जाने वाले रोगों पर शोध करने के साथ साथ दुर्लभ साधनाओं से सिद्ध किए गए गुप्त धनवंतरी मंत्रों से, समय काल दर्शन ऋतुपक्ष के सूत्रों के प्राचीन तंत्र से सभी औषधियों को तैयार और अभिमंत्रित करते हैं। यह महाराज जी की अनंत कृपा ही है जो ऐसी दुर्लभ औषधियां जनमानस में पूर्णतः निशुल्क वितरित की जाती है। सभी शिविर पूर्णतः निशुल्क हैं।

विगत अनेक वर्षों में लाखों की संख्या में चर्म रोगी पीड़ित महाराज जी के चिकित्सा कैंप द्वारा बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, इत्यादि अन्य कई राज्यों में पूरे मास निश्चित दिन यह शिविर आयोजित किए जाते हैं जिसकी जानकारी आपको आश्रम की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जायेगी। वेबसाइट पर हमे महाराज जी के एक दयालु समाज कल्याणक, प्रबुद्ध विचारक महान व्यक्तित्व की झलक उनके जीवन परिचय के रूप में मिली। हमारे पाठक भी महाराज जी के इस महान संकल्प को जानने के इच्छुक होंगे इसलिए हम आपके साथ यह जानकारी सांझा कर रहे हैं।
नवचंडी आश्रम जनकल्याण सेवा आश्रम समिती, सोमेश्वर धाम, नवचंडी आश्रम, सहस्रधारा देरादून, उत्तराखंड, टोल फ्री न01800 200 8055, मोबाइल न09997450702, ईमेल info@jksas.org , https://www.jksas.org/

महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज
महाराज जी बाल्यकाल से ही सन्यासी है सन्यास की दीक्षा के साथ इन्होंने भारत के उच्च कोटी सन्तो के बीच रहकर आयुर्वेद एवं योग की शिक्षा का अध्ययन किया, आध्यात्म के साथ साथ वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर भी गहन विश्लेषण किया।

इसके उपरांत महाराज जी गुरुदेव बाबा काली कमली वाले के पास ऋषिकेश आ गये। यहाँ यह बताना उचित होगा कि पहले सन्यासियों की शिक्षा गुरुकुल आश्रम पद्धति से ही हुआ करती थी । आश्रम ही पाठशाला, आश्रम ही विद्यालय, आश्रम ही कॉलेज हुआ करता था ।

महाराज जी जब आश्रम आए तो उन्होंने आश्रम में अपने एक गुरु-भाई को चर्मरोग से पीड़ित देखा, उन गुरु-भाई का चर्मरोग भयावह रूप ले चुका था कि उन्हें महाकुष्ठ (गैगरीन ) हुआ था और वह अत्यंत कष्ट में जीवन व्यतीत कर रहे थे | उन दिनों यह बीमारी कोई संतोषजनक इलाज चिकित्सा औषधि उपलब्ध ना होने की वजह से छुआछूत की बड़ी बीमारी मानी जाती थी महाराज जी ने जब यह सब देखा तो वो बहुत विचलित हो गए। उनके हृदय में इस चर्म रोग रूपी राक्षस के उन्मूलन का, संहार का भाव आया। मन ही मन संकल्प कर लिया की गुरु भाई के साथ साथ पूरी भारत भूमि को इस भयानक रोग से मुक्ति अभियान चलाएंगे।

उसी समय महाराज जी ने आयुर्वेद, मंत्र और वैदिक ज्ञान के सुयोग से चर्म रोग की दिव्य औषधि तैयार की और गुरु भाई की चिकित्सा आरंभ कर दी। महाराज जी के लिए उनके गुरु भाई ना सिर्फ आश्रम के अधिकारी थे बल्कि गुरु भाई का महाराज जी पर माता पिता जैसा ही स्नेह भी था। महाराज जी का लालन -पालन उनके गुरुभाई ने माता -पिता बनकर किया था उनको इस भयंकर बीमारी से पीड़ित देखकर स्वामी जी का हृदय विदिर्ण हो उठता था। दिन रात की सेवा, चिकित्सा ने अंततः बेहद शुभ फल दिया और गुरुभाई को दो से तीन वर्षो कि निरंतर सेवा के बाद और भगवन धनवंतरी की कृपा से रोग मुक्त किया |

स्वामी जी ने प्रतिज्ञा ली की संपूर्ण भारत को सोरायसिस मुक्त बनाना है अब वषों से देश के कई प्रदेशो में स्वामी जी का एक ही ध्येय एक ही उद्देश्य चर्मरोग (सोरायसिस ) सफ़ेद दाग मुक्त भारत अभियान सफलता पूर्वक चल रहा है अब तक भारत में लाखो रोगी रोग मुक्त हो चुके है |
हर माह जनकल्याण सेवा आश्रम समिति सहस्त्रधारा देहरादून उत्तराखंड में स्थित आश्रम में स्वामी जी ने निःशुल्क शिविर के बारे में बताया कि अब तक हज़ारो लोग उनके शिविर में आकर देश में असाध्य बनती जा रही बीमारी सोरायसिस की दवा प्राप्त कर रहे हैं बहुत लोग जो देश के सुदूर हिस्से से आते हैं तब उनके रहने एवं भोजन की व्यवस्था भी आश्रम द्वारा की जाती है स्वामी जी के इस कार्य को स्थानीय संस्थाओं समाचार पत्रों एवं न्यूज़ चैनल के द्वारा भी सराहा गया है |

महामंडलेश्वर जी एवं आयुर्वेदाचार्य द्वारा संचालित सोरायसिस मुक्त भारत अभियान को पूरे भारत में चलाए जाने की योजना है | यह औषधि इतनी कामयाब है की नियमित प्रयोग से ५ से १० साल तक त्वचा रोग (सोरायसिस ) से कष्ट झेल रहे मरीजों का सफल इलाज स्वामी जी और उनके आयुर्वेदाचार्य जी द्वारा हुआ |
महाराज जी और आश्रम के आयुर्वैदाचार्यों के परिश्रम और निशुल्क चिकित्सा एवम् मुफ्त औषधि ने उन हज़ारो लोगो को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है जो महंगी दवाइयां खरीद पाने में अक्षम थे। एलोपैथिक दवाइयों के भारी दाम गरीब की जेब से बाहर हैं और डॉक्टरी सलाह पर भी स्किन एक्सपर्ट मोटी रकम ऐंठते हैं ये वर्षों तक ठगने के बाद ठेंगा दिखा देते हैं किंतु रोगी स्वस्थ नहीं होता। ऐसे गरीब जन को रोशनी दिखाई है महाराज के इस अभियान ने। मानव सेवा और धर्म की पुनर्स्थापना ही इनके जीवन का लक्ष्य है महाराज जी की प्रचंड वाणी में दिए गए जन संबोधन अत्यंत कल्याणकारी और अनुकरणीय हैं।

महाराज जी स्वयं रोगियों का निरीक्षण करते हैं महाराज जी के इस महान अभियान में जन कल्याण सेवा आश्रम समिति, सोमेश्वर धाम, नव चंडी आश्रम, सहस्त्रधारा देहरादून उत्तराखंड आश्रम के वरिष्ट आयुर्वेदाचार्य श्री वैद्य नकुल कुमार गोस्वामी जी, श्री वैध धर्मगिरि जी, श्री वैध लखन गिरी जी, डॉक्टर अतुल गोस्वामी जी, डॉक्टर वरुण गोस्वामी जी एवम् डॉक्टर रामचंद्र मिश्र जी से भी आप को परामर्श प्राप्त होता है जिनका वर्षों का गहन शोध और विशेषज्ञता असाध्य रोगियों के लिए रामबाण है और आश्रम की दिव्य औषधि स्वयं भगवान धनवंतरी का अमृत कलश।
शिविर में निशुल्क दवा, परामर्श के साथ साथ, दैनिक चर्या, खान पान और जीवनशैली से जुड़ी सभी सावधानियां भी बताई जाती हैं जिनके प्रयोग से अनगिनत रोगों से सुरक्षित रहा जा सकता है आपकी सुविधा हेतु आश्रम का फोन नंबर वेबसाइट लिंक भी दिया गया है जिस पर अन्य जानकारी के लिए निश्चिंत होकर संपर्क करें।
नवचंडी आश्रम जनकल्याण सेवा आश्रम समिती, सोमेश्वर धाम, नवचंडी आश्रम, सहस्रधारा देरादून, उत्तराखंड, टोल फ्री न01800 200 8055, मोबाइल न09997450702, ईमेल info@jksas.org , https://www.jksas.org/
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Dear Sir/ mam you can contact at the given number, email, address in the article to help the patient reach their support team. Regards
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