चार्ल्स्टन, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि वेस्ट बैंक में नयी इजराइली बस्तियां अवैध हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप नहीं हैं। ब्लिंकन का यह बयान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल के दौरा अपनाए गए अमेरिकी रुख के विपरीत है। America have objected on new colony setup of Israel in Philistines land.
अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में विदेश मंत्री डायना मोनडिनो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ब्लिंकन ने कहा कि बस्तियों के विस्तार की इजराइल की नयी योजना से वह निराश हैं।

ब्लिंकन ने एक सवाल के जवाब में कहा, “हमने खबरें देखी हैं और मैं कहना चाहता हूं कि हम घोषणा से निराश हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के प्रशासन के दौरान लंबे समय से अमेरिका की नीति रही है कि नयी बस्तियां स्थायी शांति के लिहाज से प्रतिकूल हैं।”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा ये अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार भी नहीं हैं। हमारा प्रशासन बस्तियों के विस्तार का कड़ा विरोध करता रहा है। और हमें लगता है कि इससे इजराइल की सुरक्षा मजबूत नहीं बल्कि कमजोर होगी।”
इससे एक दिन पहले इजराइल के धुर दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेलालेल स्मोटरिच ने बस्तियों में तीन हजार से अधिक मकान बनाने का संकेत दिया था।
ब्लिंकन का यह बयान पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के रुख के विपरीत है। बाइडन प्रशासन का यह रुख पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इजराइल समर्थक नीतियों से भी अलग है।

ट्रंप प्रशासन के दौरान 2019 में तत्कालीन विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने दावा किया था कि वेस्ट बैंक में इजराइली नागरिक बस्तियां बसाया जाना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ नहीं है।
यह हालांकि स्पष्ट नहीं हो पाया है कि तीन साल से अधिक कार्यकाल होने पर ब्लिंकन ने पॉम्पियो के फैसले को पलटने के लिए यह समय क्यों चुना है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाजा में जारी युद्ध को लेकर अमेरिका-इजराइल के बीच तनाव बढ़ रहा है। साथ ही यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय इजराइली कब्जे की वैधता को लेकर सुनवाई कर रहा है।
इजराइल-हमास युद्ध खत्म होने के बाद गाजा के भविष्य को लेकर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू की योजना के बारे में पूछे जाने पर ब्लिंकन ने कहा, “गाजा पर इजराइल का दोबारा कब्जा नहीं होना चाहिए। गाजा का आकार कम नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जो भी योजना सामने आए वह निर्धारित सिद्धांतों के अनुरूप हो।”