PM Modi said It is rather strange that Congress who awarded itself as the most important political family oriented party have emerged like a parasite in these general elections.
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव हारी ही नहीं है बल्कि वह लगातार तीसरी बार 100 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है और जनता ने उस पर भरोसा नहीं करके विपक्ष में बैठे रहने का जनादेश दिया है।
श्री मोदी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस को लगातार तीसरी बार सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है और वह आत्ममंथन करने की बजाए 99 सीटें पाकर बहुत खुश नजर आ रही है जबकि उसे यह आंकड़ा सहयोगी दलों के साथ गठबंधन के कारण मिली है। यदि कांग्रेस अपने बल पर चुनाव लड़ती और सहयोगी दलों का सहयोग उसे नहीं मिलता तो उसका आंकड़ा इससे बहुत पीछे होता। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ में कांग्रेस अपने बल पर चुनाव लड़ी और इन तीन राज्यों की 64 सीटों में से उसे सिर्फ दो सीटें मिली हैं।
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प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस परजीवी बन चुकी है और यह बात वह तथ्यों के आधार पर कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में जहां जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला था या जहां कांग्रेस बड़ी पार्टी थी, वहां उसका स्ट्राइक रेट 26 प्रतिशत रहा।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस को इस चुनाव में तीसरी बार बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस लगातार तीसरी बार 100 पार नहीं कर सकी और शीर्षासन कर रही है। इस परजीवी पार्टी को मिली 99 सीटों पर उसके सहयोगियों ने उसे जिताया है, इसलिए कांग्रेस परजीवी है। जहां यह पार्टी अकेले लड़ी, वहां उसका वोट गिरा है। गुजरात, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपने दम पर लड़ी और 64 में से सिर्फ दो सीटें जीती है। इससे साफ है कि वह सहयोगियों के कंधे पर चढी है और इसके बल पर उसे यह आंकड़ा मिला है।”
श्री मोदी ने कहा “कांग्रेस के इतिहास में यह तीसरी सबसे बड़ी हार है। कांग्रेस का यह तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। अच्छा होता कि कांग्रेस अपनी हार स्वीकार करती और जनता के आदेश को सिर आंखों पर रखकर आत्ममंथन करती लेकिन इतनी बड़ी हार मिलने के बावजूद यह पार्टी शीर्षासन में लगी है।”
उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा “पहले की सरकारें घोटालेबाज रही हैं। पहले हर दिन घोटाले होते रहे हैं। वह घोटालेबाज लोगों का एक कालखंड रहा है, जिसे मेरे नेतृत्व वाली सरकार ने दस साल में खत्म किया है। गैरभाजपा सरकार ने जो घोटाले किए और जो भाई भतीजावाद फैलाया, उससे सामान्य आदमी त्रस्त हो गया था। मुफ्त राशन लेने के मामले में भी घोटाले हो रहे थे और लोगों को मुफ्त राशन के लिए भी पैसे देने पड़ते थे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं सब बुराइयों से परेशान देश के लोगों ने 2014 में उनकी सरकार बनाई और उन्होंने भी पूरी ताकत के साथ काम करते हुए देश की जनता की निराशा को खत्म किया है। जनता की निराशा को उनकी सरकार ने खत्म किया और इसी का परिणाम है कि देश ने तीसरी बार उनको सत्ता सौंपी है और वह संकल्प के साथ लोगों की भावनाओं पर खरे उतरेंगे।
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उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने में उनकी सरकार कामयाब रही है। पहले लगातार बैंक घोटाले हो रहे थे और भ्रष्टाचार में हर हाथ काला हो रहा था। उनकी सरकार ने 2014 के बाद नीतियों में परिवर्तन किया और आज दुनिया के बैंकों में भारत का नाम है। विश्व के सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाले बैंकों में भारतीय बैंक आ गये हैं। घोटाले होते थे तो सरकारें चुपचाप बैठी रहती थी, कोई मुंह तक खोलने को तैयार नहीं था लेकिन आज स्थिति बदली है। देश का हर नागरिक समझ गया है कि अपनी सुरक्षा के लिए भारत कुछ भी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार तीसरी बार हारी ही नहीं है बल्कि उसे 13 राज्यों में शून्य सीटें आई हैं। उन्होंने तंज किया कि पार्टी की लुटिया तो डुबो दी गई, लेकिन फिर भी हीरो बनने का प्रदर्शन कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि दूसरी तरफ भाजपा तेजी से आगे बढ़ रही है। इस चुनाव में पार्टी ने केरल में खाता खेाला है। तमिलनाडु में कई सीटों पर दमदार प्रदर्शन किया है। कर्नाटक में पिछली बार की तुलना में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है। आने वाले तीन राज्यों में चुनाव है। महाराष्ट्र हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होने हैं। इन तीन राज्यों में पिछले चुनाव में जितने वोट मिले, उससे ज्यादा वोट इस बार मिला है। पंजाब में भी हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है।
उन्होंने कहा “2024 के चुनाव में जनता ने कांग्रेस को जनादेश दिया है लेकिन कहा है कि विपक्ष में ही बैठे रहना है। सीट पर बैठकर ही चिल्लाते रहो। पहला मौका है, जब लगातार तीन बार कांग्रेस 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई। कांग्रेस के इतिहास में यह तीसरी सबसे बड़ी हार है। तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन कांग्रेस का है। अच्छा होता कि कांग्रेस अपनी हार स्वीकार करती और जनता के आदेश को सिर आंखों पर रखकर आत्ममंथन करती, लेकिन कांग्रेस शीर्षासन में लगी है।”