इस्लामाबाद, अंतरराष्ट्रीय मीडिया निगरानी समूह ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह बिना दस्तावेज वाले 200 से अधिक उन अफगान पत्रकारों को निर्वासित न करे जिन्होंने 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान शासन की वापसी के चलते अपनी मातृभूमि छोड़ दी थी। Another shameful action taken by Pakistan on Afghan media reporters. All the un-profiled media personals has been asked to leave the country by the given deadlines. Why indian labral media and pro-Pakistani’s are silent along with Bollywood and congress etc.
मीडिया निगरानी समूह ने यह आग्रह अपंजीकृत विदेशियों, जिनमें से ज्यादातर अनुमानित तौर पर 17 लाख अफगान नागरिक हैं, पर कार्रवाई शुरू होने के एक हफ्ते बाद किया है।

अपंजीकृत विदेशियों को स्वेच्छा से देश छोड़ने के लिए दी गई एक महीने की छूट की अवधि समाप्त होने के बाद एक नवंबर को पाकिस्तान ने कार्रवाई शुरू कर दी थी। गिरफ्तारी और जबरन निष्कासन से बचने के लिए लगभग 2,70,000 अफगान वापस अपने देश लौट गए हैं। इनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जो चार दशकों से पाकिस्तान में रह रहे थे।
कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने कभी भी संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के साथ पंजीकरण नहीं कराया क्योंकि उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों का व्यवहार अच्छा लगता था, और उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि उन्हें अल्प सूचना पर देश छोड़ने के लिए कहा जाएगा।

जो अफगान नागरिक अभी भी पाकिस्तान में हैं उनमें लगभग 200 पत्रकारों के साथ-साथ करीब 25,000 ऐसे भी लोग हैं जो एक विशेष शरणार्थी कार्यक्रम के तहत अमेरिका में बसाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अमेरिकी नियमों के तहत, आवेदकों को अपने मामलों पर कार्रवाई के लिए पहले किसी तीसरे देश- इस मामले में पाकिस्तान – में स्थानांतरित होना होगा।
इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास ने ऐसे आवेदकों को निर्वासन से बचाने के लिए पत्र जारी किए हैं, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इनका कोई कानूनी महत्व नहीं है।
‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पाकिस्तान में कुछ अफगान पत्रकारों को ‘पाकिस्तानी पुलिस अधिकारियों की ओर से उत्पीड़न और जबरन वसूली, मनमानी गिरफ्तारी, मकान मालिकों पर अफगान किरायेदारों को निकालने का दबाव और कभी न खत्म होने वाली वीजा आवेदन प्रक्रियाओं का शिकार होना पड़ा है।’
इसमें कहा गया कि कुछ लोगों ने अफगानिस्तान में संवेदनशील जानकारी प्रकाशित की थी और सुरक्षा के लिए पाकिस्तान में शरण मांगी थी।

समूह ने कहा, “उन्हें (पत्रकारों) अफगानिस्तान वापस भेजना स्पष्ट रूप से उन्हें बड़े खतरे में डाल देगा। उसे उनमें से किसी को भी गिरफ्तार करने से बचना चाहिए और पाकिस्तान में उनकी सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए।”
पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि वे घरेलू खतरे का सामना कर रहे किसी भी अफगान पत्रकार को निष्कासित नहीं करेंगे, लेकिन वे केवल ‘वास्तविक पत्रकारों’ के मामलों पर विचार करेंगे।

‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने अपने नवीनतम विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में अफगानिस्तान को 180 देशों में से 152वां स्थान दिया है।