Astro Guru -राहुकाल में “राहु शान्ति से होते हैं दुष्प्रभाव समाप्त

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Rahu is considered as a ruthless planet in Astrology when not favorable in horoscope. But at the same time there are remedies that can help you get the maximum benefits from it through some simple remedies. Like Deep-daan of a specially prepared oil that shuns the ill effects of Rahu. Know the symptoms and solution.

वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएँ आदि का कारक कहते हैं। जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में राहु अशुभ स्थान पर बैठा हो, अथवा पीड़ित हो तो यह जातक को इसके नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। ज्योतिष में राहु ग्रह को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन मिथुन राशि में यह उच्च होता है और धनु राशि में यह नीच भाव में होता है 27 नक्षत्रों में राहु आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों का स्वामी है। ज्योतिष में राहु ग्रह को एक छाया ग्रह कहा जाता है। राहु का रत्न गोमेद है, लेकिन इसे कभी भी किसी जानकार की सलाह के बिना धारण नहीं करना चाहिए।

दिक ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में स्थित लग्न भाव में राहु होता है वह व्यक्ति सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है। व्यक्ति साहसिक कार्यों से पीछे नहीं हटता है।

लग्न का राहु व्यक्ति को समाज में प्रभावशाली बनाता है। वहीं इसके प्रभाव बहुत हद तक लग्न में स्थित राशि पर निर्भर करता है। इसके अलावा ज्योतिष में लग्न का राहु व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है।

ऐसे समझें राहु को..
ज्योतिष में राहु को बुरा और अशुभ ग्रह माना गया है। लोग राहु का नाम सुनते ही परेशान हो उठते हैं। कुंडली में राहु का असर होने से बीमारियां, परेशानियां और असफलता पीछे लग जाती हैं। आइए जानते हैं कुंडली में राहु के अन्य ग्रहों से युति होने से व्यक्ति के जीवन पर क्या-क्या असर पड़ता है।

राहु ही केतु के साथ योग कर कालसर्प योग का भी निर्माण करता है। ऐसी स्थिति जब सभी ग्रह राहु केतु के बीच में स्थित हो जाए उसे ही कालसर्प योग माना जाता है।

अशुभ राहु देता है दुःख, दारिद्रि रोग पीड़ा, असफलता और रुकावट जाने कारण

  • पल भर में ऐश्वर्य हीन हो जाना,
  • अचानक धन का नाश,
  • शेयर-सट्टे से बर्बादी,
  • किसी अपनों के द्वारा नुकसान पहुंचाना
  • दुश्मनों द्वारा बर्बाद करने की योजना बनाना,
  • अकस्मात रोगों से धिर जाना,
  • बहुत बड़ी मुसीबत आना,
  • शादी में विलंब भी राहु दोष का ही एक लक्षण है।
  • वैवाहिक जीवन में तनाव और विवाह के बाद तलाक की स्थिति भी राहु पैदा करता है।
  • राहु जब अशुभ या क्रूर हो, तो किसी पर कृपा, रहम या दया नहीं करता
  • रोज-रोज रोजा रखने की मजबूरी यानि भूखे रहकर दिन गुजारना,
  • रो-रोकर रहना, अर्थात आर्थिक तंगी,
  • शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां बनी रहना
  • घुट-घुट कर जीना
  • रिश्तेदारों की रुसवाई
  • प्यार में वेवफाई,
  • पेट की बीमारियां
  • दुश्मन हो जाए भाई,
  • ‎किसी की भी मदद नहीं मिलना,
  • अपने-परायों का रहम (दया) नहीं करना,
  • आये दिन एक नई उलझन खड़ी होना। उपरोक्त ये सब राहु का ही दुष्प्रभाव के कारण होता है।
  • सब ग्रहों पर भारी है राहु!…
  • राहु और शुक्र
  • राहु ग्रह के साथ शुक्र की युति से व्यक्ति गलत आदतों का शिकार हो सकता है। व्यक्ति के अंदर से नैतिकता का पतन होने लगता है। व्यक्ति अधर्म के मार्ग पर चलने को विवश हो जाता है। शुक्र के शुभ असर राहु समाप्त कर देता है।
  • राहु और मंगल
  • इसे अंगारक योग भी कहते हैं। ये योग भाई के लिए अशुभ रहता है। खून से संबंधित समस्या हो सकती है। वहीं यह भी माना जाता है कि राहु और मंगल दोनों साथ होते हैं तो एक दूसरे को अस्त कर देते हैं।
  • राहु और गुरु
  • कुंडली में राहु और गुरु का योग होने से कुछ शुभ तो कुछ अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है। इस योग से व्यक्ति लंबी आयु तक जीवित रहता है, लेकिन इनके जीवन में परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं।
  • राहु और शनि
  • कुंडली में अगर किसी के शनि के साथ राहु स्थित है तो ऐसा व्यक्ति रहस्यमयी और चालक किस्म के होते हैं। ये लोग गलत तरीके से बहुत अधिक पैसा कमाते हैं।
  • राहु और सूर्य
  • इस योग का प्रभाव बहुत ही अशुभ होता है। पिता पुत्र में विवाद रहता है और परेशानियां आती हैं। वहीं राहु ही सूर्य का ग्रास भी करता है।
  • राहु और चंद्र
  • इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक परेशानी आती हैं। व्यक्ति सबसे ज्यादा तनावग्रस्त रहता है।
  • राहु और बुध
  • राहु के इस योग से व्यक्ति को सिर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

राहु के अशुभ प्रभाव!
1- राहु के अशुभ असर से व्यक्ति को अपमान का दंश झेलना पड़ता है।

2- राहु के अशुभ प्रभाव से किसी काम में व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती।

3 – जब कुंडली में राहु अशुभ होता है व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है।

4 – राहु राजनीति में तो ले जाता है लेकिन बदनामी का कारण भी यही ग्रह होता है।

5- अशुभ राहु के प्रभाव से व्यक्ति की व्यवहार और नैतिकता में लगातार गिरावट आती है।

Rahu Shanti puja

राहु खराब होने के यह हैं लक्षण!…
अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो यह आपको बुरे प्रभाव देगा। लेकिन समस्या यह है कि आप कैसे पहचानेगे कि राहु दोष है। तो हम आपको बताते है कि किन लक्षणों से आप जान सकते है कि राहु दोष है कि नहीं।

अगर आपके घर-परिवार में बिना बात घर में कलह, हर काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं, शत्रु बिना बात परेशान करें, आपकी सेहत ठीक न रहें या फिर आपका सम्मान कोई न करें तो समझ लीजिएं कि आपका कोई ग्रह खराब है।

लक्षण-
1. अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो आपको मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं को ले कर ग़लतफहमी, आपसी तालमेल में कमी, बात बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना और अपशब्द बोलना साथ ही अगर आपकी कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ हौ तो आपके हाथ के नाखून अपने आप टूटने लगते हैं।

2. इसके साथ ही वाहन दुर्घटना, पेट में कोई समस्या, सिर में दर्द होना, भोजन में बाल दिखना, अपयश की प्राप्ति, संबंध ख़राब होना, दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहता है, शत्रुओं की ओर से परेशान आदि आपकी कुंडली में राहु के खराब होने के संकेत है।

अगर आप इन समस्याओं से परेशान है तो इन उपायों को अपनाकर आप अपनी कुंडली से राहु को शांत कर सकते है।

राहु ग्रह अगर आपकी कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो तो शांति के लिए राहु के बीजमंत्र का 18000 बार जप करें।
बीजमंत्र: ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।।

राहु के उपाय:
– अपने घर के पूजा-स्थल में राहु यंत्र की स्थापना करें और रोज इसकी विधि-विधान से पूजा करें। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा।

– अगर आपका राहु खराब है तो शनिवार के दिन व्रत करें। इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है।

– साथ ही इस दिन कौए को माछी रोटी खिलाएं। इसके साथ ही ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल खिलाएं।

– राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए। गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए।

– राहु की दशा को शांत करने ते लिए सोते समय अपने सिरहाने जौ रखें और सुबह इनका दान कर दें। ऐसा करने से राहु ग्रह शांत हो जाता है।

– माता सरस्वती की पूजा करें। साथ ही रोज ऊं ऐं सरस्वतयै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें।

– तांबे के बर्तन में गुड, गेहूं भरकर बहते जल में प्रवाहित करें। इससे भी राहु ग्रह थोड़ा शांत रहता है।

– माता सरस्वती के चरणों में 6 दिन लगातार नीलें रंग के फूल की माला बनाकर चढाएं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।

– राहु के प्रकोप से बचने के लिए भोजन में लहसुन, प्याज और मसूर न लें। इससे बी राहु ग्रह के दोष में अंतर पड़ता है।

राहु के कारण होने वाली बीमारी और परेशानी:
– गैस की परेशानी
– बाल झड़ना
– पेट संबंधी रोग
– बवासीर
– पागलपन
– यक्ष्मा रोग
– निरंतर मानसिक तनाव
– लगातार सिरदर्द
– व्यक्ति पागल खाने, दवाखाने या जेलखाने तक जा सकता है
– कोई बड़ी बीमारी या मृत्यु तक हो सकती है

राहु को सुधारने के तरीके :-
– भगवान भैरव के मंदिर में रविवार को तेल का दीपक जलाएं।
– हर सोमवार शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
– शराब का सेवन कतई न करें।
– हनुमान और सरस्वती की पूजा करें।
– बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें।
– किसी हनुमान मंदिर में तिल और जौ का दान करें।
– सिर में चोटी वाले स्थान पर बाल बांधकर रखें।
– ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध रखें।
– जौ या अनाज को दूध में धोकर बहते पानी में बहाएं।

राहु को सुधारने के ये भी हैं कुछ खास तरीके ….
1. ॐ रां राहवे नमः प्रतिदिन एक माला जपें।

2. नौ रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें। शनिवार को राहु के बीज मन्त्र द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।

राहु बीज मन्त्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: (108 बार)

3. दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

4. पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं।

5. सप्तधान्य का दान समय-समय पर करते रहें।

6. एक नारियल ग्यारह साबुत बादाम काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें।

7. शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।

8. अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं।

9. तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल न करें।

10. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल, ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

इस मंत्र को विशुद्ध उच्चारण के साथ तेज स्वर में पूरी राहु की दशा के दौरान कीजिए।

राहु का शुभ प्रभाव:
1- जातक की कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत ही सम्मान प्राप्त करता है। वह हाजिर जवाबी के लिए जाना जाता है।

2- राहु के शुभ होने पर जातक विदेशों की यात्राएं करता है।

3- कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को राजनीति में बहुत ही ऊंचे मुकाम पर ले जाता है।

4- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी नहीं थकता

5- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अचानक से धन लाभ प्राप्त करता है।

राहु बनाये रहीस और मालामाल

  • राहु के रहम से ही व्यक्ति रहीस बन सकता है। राहु यदि शुभ है, तो जो भाग्य में है, तो वह भागकर एक दिन अपने पास जरूर आता है और यदि राहु अशुभ है, तो धन-सम्पदा, यश- कीर्ति सौभाग्य आदि आकर भी भाग जाएगा। नष्ट हो जाता है।
  • अनिष्ट कारण राहु को शुभदाई बनाने और सौभाग्य जगाने के लिए सौ तरफ भाग-दौड़ करते रहो। सौ तरह के प्रयास करो, अतः शिवपूजन के साथ-साथ कर्म करो, कष्ट काटो। प्रसन्न-मन अमृतम जीवन का यही उपाय है।
  • रंक से राजा बनाता है राहु
  • दुःख-दरिद्रता मिटाकर, गरीब से गरीब को अमीर बनाना, राजनीति में अपार सफलता दिलाना राहु का काम है।
  • राहु, राह दिखाने वाले मार्ग दर्शक हैं। ज्योतिषशास्त्र में शनि, मंगल, केतु और राहु को पाप ग्रह के रूप में बताया गया है। कुण्डली में अगर इनकी स्थिति ठीक नहीं हो तो जीवन में बार-बार उलझन और समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • भगवान और सूर्य-चंद्र को भी नहीं छोड़ते राहु–‎भगवान सूर्य एवं चंद्रमा भी गलती करते हैं, तो ‎उन्हें भी राहु नहीं छोड़ते, ग्रहण लगाकर इन्हें भी ‎पीड़ित कर देते हैं।
  • राहु ऐसा पाप ग्रह है जो आपकी बुद्घि को सही से काम नहीं करने देता और गलत निर्णय के कारण बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है।
  • राहु ही सही राह, दिखाकर जीवन हरा-भरा बनाते हैं।
  • राहु ही ‎सिद्धि-समृद्धि के सर्वाधिक साधक हैं। राहु ही इसके मालिक भी हैं ।
  • ‎इंसान ओर भगवान के कर्म व धर्म, सबका डाटा राहु के पास सुरक्षित है।
  • कैसे मिले सुख और सफलता —
  • जीवन में सफलता के लिए पंचतत्व की कृपा बहुत आवश्यक है, क्यों कि इन पर राहु का अधिकार है।
  • पंचमहाभूतों की दया पाने के लिए 54 दिन तक रोज राहुकाल में “राहु शान्ति तेल” का दीपदान कर, बड़े से बड़े दुर्भाग्य को दूर किया जा सकता है।
  • कैसे बनता है राहु शान्ति तेल- राहु की शान्ति के लिए राहुदोष नाशक जड़ीबूटियों जैसे नागबल्ली, चिड़चिड़ा, वंग, नागदमणि,, काले तिल सर्पपुंखा, गरुण छाल, वरुण छाल, सर्पगंधा, अश्वगंधा आदि का काढ़ा निकालकर कर पंचमी तिथि को राहु के “आद्रा नक्षत्र” में काढ़ें से भगवान शिवकल्यानेश्वर का राहुकाल के दरम्यान वेद ध्वनि से रुद्राभिषेक कराकर काढ़े को तिल, सरसों, बादाम, के तेल में 18 दिन तक पकाया जाता है।
  • राहु शान्ति तेल 200 ml की पेकिंग में उपलब्ध है। राहु शान्ति तेल में राहु के दुष्ट और दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए बहुत सी वस्तुओं को मिलाया गया है। राहुकी तेल” के रोज 5 दीपक 54 दिन तक नियमित जलाना सौभाग्य में सहायक होता है।
  • अतिशीघ्र गरीबी मिटाने का विशेष उपाय हर महीने की दोनों पंचमी, अष्टमी, एवं चतुदर्शी
    तिथियों में अपने घर या शिवमंदिर में “राहु तेल” के अपनी उम्र के अनुसार दीपक जलावें।‎
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