Super CM Yogi admired UP Police workings on law and order in state. He said UP Police is presenting a model of Good work.
लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस की तारीफ करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस के अधिकारी और जवान कानून व्यवस्था बनाये रखने की नजीर देश के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।
रिजर्व पुलिस लाइंस में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित कार्यक्रम में श्री योगी ने कहा कि पुलिस बल ने हानि-लाभ की चिंता के बिना कर्म को प्रधान माना। जिस पुलिस व प्रदेश को सबसे फिसड्डी मान लिया गया था। आज वह देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है। कानून व्यवस्था का मॉडल प्रस्तुत कर रहा है। अब प्रदेश में हर ओर सुख, शांति व सद्भावना है। प्रदेश के सभी 1585 थानों, 75 पुलिस लाइंस, 90 से अधिक जेलों में भव्यता से यह आयोजन हो रहा है, लेकिन 10 साल पहले यह संभव नहीं था। सरकारें डरती थीं कि आयोजन करेंगे तो क्या लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन व भगवान श्रीकृष्ण के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद भी लिया। उन्होने कहा कि श्रीमद्भगवतगीता में भगवान श्रीकृष्ण भी अर्जुन से यही कहते हैं कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन… हे अर्जुन, तुम कर्म करो, फल की चिंता न करो। उन्होंने कहा कि हम अक्सर कर्म से पहले लाभ-हानि की चिंता करते हैं। ऐसा करने से हम उसके पुण्य से वंचित हो जाते हैं। अच्छा करेंगे तो अच्छा होगा, बुरा करेंगे तो पाप से कोई मुक्त नहीं कर सकता। लोककल्याण का कार्य किया है तो उसके पुण्य से कोई ताकत वंचित नहीं कर सकती। कर्म की प्रेरणा महत्वपूर्ण है।
योगी ने कहाकि भगवान श्रीकृष्ण श्री हरि विष्णु के पूर्व अवतार के रूप में मान्य हैं। यह वर्ष भारत के शास्त्रों की मान्यता के अनुसार लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव का है। उनकी लीलाओं का क्रम जन्म से ही प्रारंभ हुआ। इस धराधाम पर 125 वर्ष 8 महीने व्यतीत करने के बाद अपनी लीला को उन्होंने विश्राम दिया। अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से लंबे समय तक उनकी लीलाओं को हम लोग प्रमाण के रूप में प्रयोग करते हैं।
उन्होने कहा कि श्रीमद्भगवतगीता दुनिया का एकमात्र ऐसा पावन ग्रंथ है, जिसका अमर ज्ञान उन्होंने युद्ध भूमि में अर्जुन को दिया। घर-घर में ग्रंथ के रूप में श्रीमद्भगवतगीता की हम लोग पूजा करते हैं तो भारत की न्यायपालिका भी उस ग्रंथ के प्रति उतनी ही श्रद्धा का भाव रखती है, जितना सनातन धर्मावलंबी रखता है। श्रीमद्भगवतगीता को मोक्ष ग्रंथ भी माना गया है।
योगी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में चार महत्वपूर्ण पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) हैं। आधारशिला धर्म से प्रारंभ होती है। वह कर्मों के माध्यम से अर्थ का उपार्जन करता है। जब कामनाओं की सिद्धि में उसका उपभोग करता है तो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह सामान्य मान्यता है, लेकिन श्रीमद्भगवतगीता के महत्वपूर्ण उपदेश आज भी हर भारतवासी को नई प्रेरणा प्रदान करते हैं।
उन्होने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मुख्य समारोह में पीएम ने कहा था कि हमें अगले 25 वर्ष की कार्ययोजना के मुताबिक कार्य करना है यानी 2047 की जो पीढी़ होगी, उसे हम विकसित भारत देंगे। जहां हर चेहरे पर खुशहाली होगी। कहीं दुख, दरिद्रता, अराजकता, गुंडागर्दी नहीं होगी। हर हाथ को काम और हर खेत को पानी होगा। इस संकल्प के साथ हम आगे बढ़ेंगे। 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएम मोदी ने पंच प्रण की बात कही। पंचप्रण में सबसे महत्वपूर्ण प्रण नागरिक कर्तव्य है।
योगी ने कहा कि हर नागरिक के अपने कर्तव्य भी होंगे। हर कोई अधिकार की बात करता है,लेकिन कर्तव्यों की चर्चा नहीं करता। जीवन में सफलता के लिए समाधान का मार्ग अपनाइए। जब लक्ष्य समाधान होगा तो सफलता प्राप्त होगी। जब समस्या पर चिंतन करेंगे तो दस बहाने मिल जाएंगे। टालमटोल से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। समाधान के लिए बहाना नहीं, बल्कि परिश्रम, कर्म और पुरुषार्थ चाहिए। श्रीमद्भगवतगीता जैसा ग्रंथ कर्म की प्रेरणा देता है। प्रभु ने कुरुक्षेत्र में आमने-सामने खडी़ लाखों सेनाओं के बीच यही संदेश दिया। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसने धर्म व कर्म की प्रेरणा दी। उसका उपदेश रणभूमि में दिया गया है। यह उपदेश कर्म का है। कर्म के बिना धर्म, अर्थ व कामनाओं का साधन पूर्ण नहीं हो सकता है। न ही मुक्ति प्राप्त हो सकती है। भारतीय मनीषा ने हमेशा कर्म को प्रधानता दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मन में विरासत के प्रति गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। विरासत का सम्मान करते हुए विकास को बढ़ाएंगे। उन्होंने आह्वान किया कि हर कोई अपने क्षेत्र में नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करे। हमारे सामने लक्ष्य होना चाहिए कि मेरा हर कर्म देश के नाम होगा। देश के लिए सब कुछ समर्पित करुंगा, इस भाव के साथ कार्य करेंगे तो प्रभु की कृपा बनी रहेगी।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यसभा सांसद डॉ.दिनेश शर्मा, संजय सेठ, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, ओपी श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, मुख्य सचिव मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार आदि मौजूद रहे।