जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) ने सभी बैंकों से 31 अगस्त तक अपनी वेबसाइट और इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर अपना लोगो और क्यूआर कोड प्रमुखता से प्रदर्शित करने को कहा है।
डीआईसीजीसी ने जमा बीमा योजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए ऐसा कहा है।
बैंकों में पांच लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा डीआईसीजीसी करता है। इस योजना में वाणिज्यिक बैंकों, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों (एलएबी), भुगतान बैंकों (पीबी), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और सहकारी बैंकों की जमाएं शामिल हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अनुषंगी कंपनी ने एक परिपत्र में कहा कि जमा बीमा विशेष रूप से छोटे जमाकर्ताओं की सुरक्षा करने, बैंकिंग प्रणाली में भरोसा पैदा करने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
परिपत्र में कहा गया, ”केंद्रित और सतत तरीके से जमा बीमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक की सलाह से यह फैसला किया गया है कि डीआईसीजीसी के साथ पंजीकृत सभी बैंक अब से अपनी वेबसाइट और इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल पर डीआईसीजीसी के लोगो और डीआईसीजीसी वेबसाइट से जुड़े क्यूआर कोड को प्रमुखता से प्रदर्शित करेंगे।”
इसमें कहा गया कि लोगो और क्यूआर कोड को दर्शाने से ग्राहकों को डीआईसीजीसी की जमा बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले बैंकों को पहचानने में मदद मिलेगी और जमा बीमा के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
सभी संबंधित बैंकों को एक सितंबर, 2023 से इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
डीआईसीजीसी के पास पंजीकृत बीमाकृत बैंकों की संख्या 31 मार्च, 2023 तक 2,027 थी। इसमें 140 वाणिज्यिक बैंक शामिल थे।