Exclusive- मोदी का नया आह्वान ‘भारत में डिजाइन, दुनिया के लिए डिजाइन’

WhatsAppFacebookTwitterLinkedIn

Modi model for farmers – कृषि में आमूल चूल परिवर्तन के प्रयास: मोदी

Modi model for Defence –रक्षा विनिर्माण केन्द्र के रूप में उभर रहा है भारत: मोदी

Modi Model for UCC – देश में सेक्युलर सिविल कोड अब समय की मांग: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुरुवार को ‘भारत में डिजाइन, दुनिया के लिए डिजाइन’ का आह्वान करते हुए स्वदेशी डिजाइन क्षमताओं की सराहना की और कहा कि ऐसे उत्पाद बनाये जाने चाहिए जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा कर सकें।

Glimpses of 78th Independence Day celebrations at Red Fort, in Delhi on August 15, 2024.

श्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश में डिजाइनरों की कमी नहीं है और ऐसे डिजाइन बनाये जाने चाहिए जो घरेलू के साथ ही वैश्विक जरूरतों को भी पूरा कर सके। उन्होंने कहा, “भारत अपनी बेहतर गुणवत्ता के लिए पहचाना जाये, ये बहुत जरूरी है। अब विश्व के लिए हमें डिजाइन के क्षेत्र ‘डिजाइन इन इंडिया’ पर बल देना है। हमें कोशिश करनी है कि भारतीय मानक अंतरराष्ट्रीय मानक बनेंगे तब हमारी हर चीज पर सरलता से मुहर लग जाएगी। और ये हमारे उत्पादन के गुणवत्ता पर निर्भर करेगा। हमारी सेवा की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा। इसलिए हमें गुणवत्ता पर बल देकर के आगे बढ़ना है। हमारे पास टेलेंट है। डिजाइन के क्षेत्र में हम दुनिया को बहुत कुछ नया दे सकते हैं। डिजाइन इन इंडिया आह्वान को लेकर के हमें आगे चलना है।”

Glimpses of 78th Independence Day celebrations at Red Fort, in Delhi on August 15, 2024.

उन्होंने कहा कि भारत को मेड इन इंडिया गेमिंग उत्‍पाद बनाने के लिए अपनी समृद्ध प्राचीन विरासत और साहित्य का लाभ अवश्‍य उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय पेशेवरों को न केवल गेम खेलने में बल्कि गेम बनाने में भी वैश्विक गेमिंग बाजार का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय गेम को दुनिया भर में अपनी पहचान बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, “ मैं देख रहा हूं गेमिंग की दुनिया का बहुत बड़ा बाजार है। लेकिन आज भी गेमिंग की दुनिया पर प्रभाव, खासकर के उन खेलों को बनाने वाले लोग, उत्पादन करने वाले लोग विदेश के हैं और इससे उनकी कमाई होती है। भारत के पास बहुत बड़ी विरासत है। हम गेमिंग की दुनिया में बहुत नये टैलेंट को लेकर के आ सकते हैं। विश्व के हर बच्चे को हमारे देश की बनी हुई गेमिंग की ओर आकर्षित कर सकते हैं। मैं चाहता हूं कि भारत के बच्चे, भारत के नौजवान, भारत के आईटी पेशेवर , भारत के एआई के पेशेवर गेमिंग की दुनिया को लीड करें। खेलने में नहीं, गेमिंग की दुनिया में हमारे प्रोडक्ट पूरे विश्व में पहुंचने चाहिए और पूरी दुनिया में हमारे एमिनेटर काम कर सकते हैं। एमिनेशन की दुनिया में हम अपनी धाक जमा सकते हैं, हम उसी दिशा में काम करें।”

उन्होंने कहा कि भारत मोबाइल फोन निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बन गया है, जिसका निर्यात अब वैश्विक बाजारों तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि कभी भारत मोबाइल फोन के लिए आयात पर निर्भर रहता था, लेकिन आज घरेलू जरूरतों के साथ ही निर्यात भी किया जा रहा है।

Glimpses of 78th Independence Day celebrations at Red Fort, in Delhi on August 15, 2024.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हर उपकरण के लिए मेड इन इंडिया चिप विकसित करने का सपना पूरा करने की क्षमता है। सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए उन्होंने उल्लेख किया, “एक समय था जब हम मोबाइल फोन आयात करते थे लेकिन आज हमने देश में एक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और भारत एक बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है”। उन्होंने कहा कि अब हमने मोबाइल फोन का निर्यात भी शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “सेमीकंडक्टर, आधुनिक तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे भविष्य से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं और हमने भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है।” उन्होंने सवाल किया कि हर उपकरण में ‘मेड इन इंडिया’ चिप क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में इस सपने को पूरा करने की क्षमता है और इसलिए उत्पादन और सेमीकंडक्टर से संबंधित काम यहीं भारत में होगा। भारत के पास दुनिया को एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करने की प्रतिभा और साधन हैं।

श्री मोदी ने कहा, “एक जमाना हमने देखा है, 2जी के लिए हम कैसा संघर्ष करते थे। आज हर उपकरण में हम देख रहे हैं, हम तेजी से आगे बढ़े और 5जी जिस तेजी से पूरे देश में लागू किया गया है। हिन्‍दुस्‍तान के करीब-करीब सभी क्षेत्रों में 5जी पहुंच गया। वो विश्‍व में तेज गति से 5जी पहुंचाने में आगे रहे हैं और साथियों मैंने कहा हम रुकने वाले नहीं हैं, 5जी पर रुक जाना अब हमें मंजूर नहीं है। हम 6जी पर अभी से मिशन मोड में काम कर रहे हैं और विश्‍व में हम उसमें भी अपनी धमक जमाएंगे। ये मैं विश्‍वास से कहता हूं।”

कृषि में आमूल चूल परिवर्तन के प्रयास: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान करते हुए कहा है कि भारत के पास विश्व में जैविक खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग को पूरा करने का सामर्थ्य है।

श्री मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले की प्राचीन से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि हजारों साल से जकड़े कृषि क्षेत्र में सरकार आमूल चूल परिवर्तन का प्रयास कर रही है। किसानों को सशक्त बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में समग्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है और जैविक खाद्य पदार्थ की मांग में वृद्धि हो रही है। भारतीय कृषि क्षेत्र में जैविक कृषि का परिवेश अनुकूल है और भारत में विश्व की जीवित खाद्य पदार्थों की मांग पूरा करने का सामर्थ्य है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि में आमूल चूल परिवर्तन करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने का प्रयास किया है। इसके लिए युवाओं और महिलाओं का कौशल विकास किया जा रहा है।

Glimpses of 78th Independence Day celebrations at Red Fort, in Delhi on August 15, 2024.

रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभर रहा है भारत: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है और वह दिन दूर नहीं जब भारत रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभरेगा।

श्री मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से देशवासियोंं को संबोधित करते हुए कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र के बजट का बड़ा हिस्सा विदेशोंं से रक्षा खरीद में ही खर्च हो जाता था, लेकिन सरकार की नीतियों से अब स्थिति बदली है। अब भारत अपनी जरूरत पूरी करने के साथ साथ निर्यात कर रहा है तथा रक्षा विनिर्माण के केन्द्र के रूप में उभर रहा है।

उन्होंने कहा, “पहले रक्षा क्षेत्र का बजट खरीदी में चला जाता था, लेकिन अब हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते चले जा रहे हैं और हमारी एक पहचान बनी है। कई देशोंं में हम रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं और विनिर्माण केन्द्र के रूप मेंं उभर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थिति के लिए हमारी सेनाएं विशेष रूप से सराहना की पात्र हैं। सेनाओं ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार की योजनाओं और पहलों का समर्थन करते हुए सहयोग किया है। रक्षा मंत्रालय ने सैकड़ोंं ऐसे उत्पादोंं की सूची तैयार की है जिनके आयात पर पाबंदी लगायी जा रही है। इन उत्पादों का देश मेंं उत्पादन बढाया जायेगा और धीरे-धीरे इनका आयात बिल्कुल बंद कर दिया जायेगा।

देश में सेक्युलर सिविल कोड अब समय की मांग: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मौजूदा नागरिक संहिता को सांप्रदायिक और भेदभाव पर आधारित बताते हुए गुरुवार को कहा कि अब समय की मांग है कि पूरे देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (सेक्युलर सिविल कोड) लागू हो।

श्री मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिक संहिता भेदभावपूर्ण तथा सांप्रदायिक है और अब इसकी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस बारे में बार-बार चर्चा की है और आदेश भी दिये हैं। उन्होंने कहा , “सुप्रीम कोर्ट ने यूनीफोर्म सिविल कोड को लेकर बार-बार चर्चा की है और आदेश दिये हैं तथा देश का बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड एक तरह से सांप्रदायिक सिविल कोड है, भेदभाव करने वाला है और इसमें सच्चाई भी है।”

A panoramic view on the occasion of 78th Independence Day celebrations at Red Fort, in Delhi on August 15, 2024.

उन्होंने कहा कि अभी संविधान के 75 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं और उच्चतम न्यायालय तथा संविधान की भी यही भावना है तो संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा , “ हम जब संविधान के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है और संविधान की भावना भी कह रही है और तब संविधान निर्माताओं का जो सपना था उसे पूरा करना हम सबका दायित्व है।”

उन्होंने कहा कि अब समय की मांग है कि पूरे देश में इस पर चर्चा हो और देश में सेक्युलर सिविल कोड लागू किया जाना चाहिए। उन्होंंने कहा कि देश ने सांप्रदायिक नागरिक संहिता में 75 वर्ष बिताये हैं लेकिन अब इस भेदभाव वाले कानून में बदलाव का समय आ गया है। उन्होंंने कहा , “ मैं मानता हूं कि इस गंभीर विषय पर देश में चर्चा हो। व्यापक चर्चा हो और सब अपने सुझाव लेकर आयें और उन कानूनों को जो धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं जो ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं, उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है और इसीलिए मैं तो कहूंगा, अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। हमने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताये हैं अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा और तब जाकर देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहे हैं सामान्य नागरिक को उससे मुक्ति मिलेगी।”

Share Reality:
WhatsAppFacebookTwitterLinkedIn

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *