Good News – त्यौहारी सीजन में यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे चलाएगा 10 हजार विशेष ट्रेनें

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Good news for Train Travellers for this festival season Indian Railways have decided to run 10,000 special trains.

सभी ट्रेनों में हादसा रोकने लगेगा कवच, पांच साल में हो जाएगा काम पूरा

नई दिल्ली, 28 सितंबर (वेब वार्ता)। त्यौहारी सीजन में रेलवे यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखते हुए दीपावली और छठ पूजा में ट्रेनों में होने वाली भीड़ को देखते हुए 10 हजार से ज्यादा विशेष ट्रेनें चलाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसके अलावा, 108 ट्रेनों में जनरल कोच भी बढ़ाए जाएंगे, जिससे करीब एक करोड़ यात्रियों को सुविधा मिलेगी। रेलवे ने इसके लिए विशेष तैयारियां कर ली हैं, जिसमें दीपावली और छठ पूजा के दौरान 12,500 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। 2024-2025 में 5,975 ट्रेनों को अधिसूचित किया गया है, जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने में आसानी होगी।

पिछले साल 2023-2024 में पूजा विशेष ट्रेनों की संख्या 4,429 थी। ट्रेन में भीड़ को ध्यान में रखते हुए आनंद विहार से बरौनी के बीच विशेष एसी ट्रेन 6 अक्टूबर से 17 नवंबर तक चलेगी। यह ट्रेन सुबह 9 बजे आनंद विहार से चलकर अगले दिन सुबह 6:30 बजे बरौनी पहुंचेगी। इस ट्रेन में 16 थर्ड एसी और 2 पावर कार समेत कुल 18 कोच होंगे, यह कई स्टेशनों पर भी रुकेगी। दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग यूपी और बिहार जाते हैं, छठ पूजा न केवल धार्मिक महत्व हैं, बल्कि परिवार से मिलने का भी एक अहम मौका होता है। इस दौरान अक्सर ट्रेन की टिकटे वेटिंग लिस्ट में चली जाती हैं, जिससे यात्रा करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इन सब परेशानियों को देखते हुए रेलवे ने यह फैसला लिया है।

सभी ट्रेनों में हादसा रोकने लगेगा कवच, पांच साल में हो जाएगा काम पूरा

भारतीय रेल दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। रेल मंत्रालय ने ‘कवच’ नामक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम को तेजी से लागू करने की योजना बनाई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कार्यक्रम में बताया कि अगले पांच से छह वर्षों में यह प्रणाली पूरे रेल नेटवर्क पर लागू कर दी जाएगी। वैष्णव ने जोर देकर कहा कि कवच प्रणाली, जो यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली की तरह ही प्रभावी है, अधिक लागत-प्रभावी भी है।

कवच को पहली बार 2016 में डिज़ाइन किया गया था और 2019 में इसे एसआईएल-4 (सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल) प्रमाणन प्राप्त हुआ था। इस वर्ष 16 जुलाई 2023 को इसे फिर से प्रमाणित किया गया। वर्ष 2021 में रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने कवच का एक विशेष परीक्षण किया, जिसमें दो ट्रेनों को विपरीत दिशा में चलाया गया था, जिससे यह साबित हुआ कि कवच दुर्घटना टालने में सक्षम है। आगामी महीनों में यह प्रणाली 9,600 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइनों और 10,000 से अधिक लोकोमोटिव में स्थापित की जाएगी। इस योजना के तहत संबंधित टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, 3,000 किलोमीटर ट्रैक पर ‘कवच’ का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और इसे जल्द ही अन्य मार्गों पर लगाया जाएगा।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 80 प्रतिशत रेल दुर्घटनाएं ड्राइवर की गलती के कारण होती हैं। कवच प्रणाली का मुख्य उद्देश्य इन मानवीय त्रुटियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है। इसके साथ ही, रेल मंत्रालय रेलवे ट्रैक की उचित देखरेख और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए भी कई कदम उठा रहा है। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि ट्रैक पर पशुओं के आ जाने के कारण प्रतिदिन लगभग 800 घटनाएं होती हैं। इसे रोकने के लिए अहमदाबाद-मुंबई मार्ग पर ट्रैक के दोनों ओर बाड़ लगाई जा चुकी है, जिससे वहां पशु दुर्घटनाओं की घटनाएं शून्य हो गई हैं। यह व्यवस्था वंदे भारत जैसी तेज गति वाली ट्रेनों के अन्य मार्गों पर भी लागू की जाएगी।

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