Health Alert -एम्स में योग से अल्जाइमर का इलाज

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Delhi Aiims to start yoga for Alzheimer cure treatment. एम्स में योग से अल्जाइमर का इलाज किया जाएगा। एम्स तीन वर्ष तक अल्जाइमर के मरीजों पर योग के असर का पता लगाने के लिए शोध करेगा। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर मंजरी त्रिपाठी ने उम्मीद जताई है कि योग हल्के अल्जाइमर के इलाज में मददगार साबित होगा। हालांकि, शोध का परिणाम आने के बाद ही वह स्पष्ट नतीजों पर पहुंचेंगे।

एनाटोमी विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा के मुताबिक, बढ़ती उम्र का असर शरीर के हर हिस्से पर पड़ता है। मस्तिष्क भी इससे प्रभावित होता है। इस वजह से लोगों को भूलने की समस्या होने लगती है। अल्जाइमर की शुरुआत हल्के लक्षणों के साथ होती है, जिसे अक्सर लोग समझ नहीं पाते।

न्यूरोलाजी विभाग की प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि डिमेंशिया की हल्की बीमारी से पीड़ित 25 प्रतिशत मरीजों का रोग हर वर्ष गंभीर डिमेंशिया में तब्दील हो जाता है। जेनेटिक कारणों के साथ-साथ गलत जीवनशैली भी इस बीमारी का कारण बनती है। मोटापा, लंबे समय तक कुर्सी पर बैठने की आदत, हाइपरटेंशन, धूम्रपान, तनाव और मस्तिष्क पर बार-बार चोट लगना इत्यादि डिमेंशिया के कारण हैं।

डॉक्टर मंजरी त्रिपाठी के मुताबिक, काम के दबाव या किसी भी वजह से सात से आठ घंटे की नींद नहीं लेना भी भूलने की बीमारी का कारण है। योग से मस्तिष्क नियंत्रित रहता है। एनाटमी विभाग की प्रोफसर डॉ. रीमा दादा ने कहा कि योग पर पहले हुए अध्ययन में पाया गया है कि योग से न्यूरो प्लास्टिसिटी बेहतर होती है।

योग से तनाव कम होता है। योग बुढ़ापे की प्रक्रिया को भी धीमा करने में सक्षम है। इसे ध्यान में रखते हुए अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी के शुरुआती चरणों का इलाज योग की मदद से शुरू किया गया है। 45 से कम उम्र के वे लोग शोध में हिस्सा ले सकते हैं, जिन्हें भूलने की बीमारी है। वे एम्स के मातृ एवं शिशु ब्लाक में मौजूद योग सेंटर में पहुंच सकते हैं। जांच के बाद उन्हें इस अध्ययन में शामिल किया जाएगा।

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