राजौरी में शहीद हुए ‘अग्निवीर’ अजय सिंह के परिजनों ने कहा- वह हमेशा सेना में शामिल होना चाहते थे. We salute the martyrdom of Shaheed Ajay Singh Agniveer for his bravery and sacrifice. His memories are immortal in our hearts. His family remembers his forever dream for serving nation with heavy heart. Om Shaanti
चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हुए ”अग्निवीर” अजय सिंह के परिजनों ने शुक्रवार को कहा कि वह हमेशा सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते थे।
मूल रूप से लुधियाना के खन्ना के रामगढ़ सरदारन गांव के निवासी सिंह के परिवार में उनके माता-पिता और छह बहनें हैं। अजय के पिता चरणजीत सिंह दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं जबकि उनकी मां परिवार का भरण-पोषण करने के लिए छोटी-मोटी नौकरी करती हैं।
उनकी एक बहन ने कहा, ”मेरा भाई सेना में शामिल होना चाहता था और देश की सेवा करना चाहता था। वह हमारे लिए सहारा था।”
चरणजीत सिंह ने कहा कि उनके बेटे को 2022 में ”अग्निवीर” के रूप में भर्ती किया गया था।
उन्होंने कहा, ”हमने बुधवार शाम को फोन पर बात की थी। उसने मुझसे मेरा हालचाल पूछा। उसने मां से भी बात की।”
सिंह की बहन ने बताया कि उन्हें बृहस्पतिवार शाम को उनकी मौत की खबर मिली।
अजय सिंह की गमगीन मां ने कहा, ”फोन पर मुझसे बात करते हुए उसने पूछा था कि क्या मैंने खाना खा लिया है।”
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को अजय सिंह की मौत पर दुख व्यक्त किया।
एक बयान में उन्होंने कहा, ”खन्ना (लुधियाना) के पास गांव रामगढ़ सरदारन के रहने वाले अग्निवीर अजय सिंह एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए।”
मान ने कहा कि साहसी जवान ने बहादुरी से अपना कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि इस दुख की इस घड़ी में पंजाब सरकार उनके परिवार के साथ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार शोक संतप्त परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास बृहस्पतिवार को एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सिंह की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। विस्फोट के वक्त सैनिक नौशेरा सेक्टर में अग्रिम इलाके में गश्त कर रहे थे।