Defence -क्या सीमावर्ती राज्यों की प्राकृतिक आपदाओं में दुश्मन का हाथ : राजनाथ

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देहरादून, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह पता लगाने के लिए एक विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है कि क्या इसके पीछे भारत के विरोधी हैं। Defence minister of Bharat Shri Raj Nath Singh ji stated during his visit to Joshimath region on the occasion of inauguration ceremony of a BRO bridge and other integrated 34 projects.

उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन अब केवल मौसम संबंधी घटना नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है।

वह विभिन्न राज्यों के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 670 करोड़ रुपये की लागत से कार्यान्वित एक पुल और 34 अन्य सीमा क्षेत्र बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद जोशीमठ के पास ढाक गांव में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

सिंह ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, “उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख जैसे कुछ राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन से जुड़ा है। लेकिन मुझे लगता है कि यह पता लगाने के लिए एक अध्ययन की जरूरत है कि क्या इसमें हमारे विरोधियों की भी कोई भूमिका है।”

उन्होंने कहा कि इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति में वृद्धि को रक्षा मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है।

उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि इस विषय के विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है, जिसके लिए जरूरत पड़ने पर मित्र देशों की मदद भी ली जा सकती है।”

उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मोदी सरकार का दृष्टिकोण पिछली सरकारों से अलग है।

उन्होंने कहा, “हम सीमावर्ती क्षेत्रों को बफर जोन नहीं मानते हैं। हमारे लिए वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं। हम अपनी विकास यात्रा में समुद्र से लेकर सीमा तक जाना चाहते हैं। इसीलिए हम अपने सीमावर्ती इलाकों में भी विश्वस्तरीय अवसंरचना तैयार कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि बीआरओ ने हाल के वर्षों में इसमें असाधारण भूमिका निभाई है।

उन्होंने दुर्गम इलाके में पहाड़ी ढलान पर 1.5 किमी का मार्ग तैयार करके उत्तरकाशी जिले के सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सफलतापूर्वक बचाने के लिए बीआरओ की महिला कर्मियों की भी प्रशंसा की।

शुक्रवार को जिन 35 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के लिए छह सड़कें और 29 पुल शामिल हैं।

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