भारत के करीब 100 एथलीट और अधिकारियों ने जैसे ही मार्च के लिए स्टेडियम में प्रवेश किया, वैसे ही तालियों की तेज गड़गड़ाट हुई जिसमें दल के ध्वजवाहक हरमनप्रीत सिंह और लवलीना बोरगोहेन तिरंगा लिये सबसे आगे थे। भारतीय दल की परेड आठवें नंबर पर रही।
चीन की सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशु खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार कर दिया जिसके बाद भारत ने अपने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का दौरा रद्द कर दिया। China refused to give visa to 3 of our international Wushu players from Arunachal Pradesh in Asia Games thus Bharat decided to cancel China trip of National Sports minister Shri Anurag Thakur.
हांगझोउ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उपस्थिति में हांगझोउ ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में शनिवार रात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी के साथ 19वें एशियाई खेल का आधिकारिक शुभारंभ हुआ। इन खेलों में इस बार 12 हजार से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। एशियाई खेल 2023 के उद्घाटन समारोह में चीन की समृद्ध विरासत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी के साथ देश के आधुनिक दृष्टिकोण को भी दुनिया के सामने पेश किया।
यह एशियाई खेल 2023 खेलों का पहला संस्करण है जिसमें डिजिटल मशाल-प्रज्ज्वलन समारोह का आयोजन किया गया है। समारोह में लाखों मशाल-वाहक क़ियानतांग नदी पर डिजिटल लौ को डिजिटल मानव आकृति में बदला। 3डी एनिमेशन हांगझोउ ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाज़ी भी की गई। चीन हांगझोउ के साथ पांच अन्य शहर हुझोउ, निंग्बो, शाओजिंग, जिन्हुआ और वेंझोउ में खेलों को आयोजित किया जायेगा। लगभग दो घंटे तक चले इस समारोह में नये युग में चीन, एशिया और दुनिया के अंतर संबंधों के साथ-साथ एशियाई लोगों की एकता, प्रेम और दोस्ती को दिखाया गया।
समारोह में चीन और एशिया के विशिष्ट भाव दिखायी दिये। इसमें देश की सांस्कृतिक विरासत, हजारों साल पुरानी सभ्यता और आधुनिक प्रौद्योगिकी के मिश्रण को बेहद सुंदर दृश्यों से दिखाया गया। इसमें चीन के आधुनिकीकरण के प्रयासों को खूबसूरती से पेश किया गया। पूरे कार्यक्रम में चीन की प्रौद्योगिकी की ताकत हर जगह दिख रही थी जिसमें खेलों की ‘फ्लेम’ (लौ) को डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से अनूठे तरीके से प्रज्वलित किया गया।
पारंपरिक तौर पर लौ प्रज्वलित करने के लिए एक मशालवाहक का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन पहली बार इसके लिए कई डिजिटल मशालवाहक दिखे जो ‘वर्चुअल’ और ‘वास्तविक’ दुनिया का मेल था। इस बार एशिया में करोड़ों लोगों की उम्मीदों और सपनों को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों को ‘डिजिटल’ मशालवाहक के तौर पर चुना गया जिन्होंने चलते हुए स्टेडियम के अंत में एक साथ लौ प्रज्वलित की।
‘थ्री-डी डुअल एरियल परफोरमेंस’ प्रौद्योगिकी का भी पहली बार किसी बड़े स्टेडियम में इस्तेमाल किया गया जिसके जरिये कियानतांग नदी के ज्वारिय क्षेत्र को दिखाया गया। एक पुरुष और एक महिला कलाकार ने ‘एलईडी ग्राउंड डिस्पले’ (जमीन में एलईडी लाइट से आकृति बनाना) से दिखाये गये ज्वारिय क्षेत्र के साथ साथ हवा में नृत्य किया। दर्शकों को ‘एलईडी’ से खूबसूरत नजारा देखने को मिला। चीनी के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने खेलों की शुरुआत की घोषणा की जिससे 45 देशों के 12,000 एथलीट आठ अक्टूबर तक शीर्ष सम्मान हासिल करने के लिए एक दूसरे से भिड़ेंगे।
एशिया ओलंपिक परिषद (ओसीए) के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर सिंह, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख थॉमस बाक, कई देशों के प्रमुख, राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस समारोह में मौजूद थे। रणधीर सिंह ने खिलाड़ियों से साथी एथलीट और जज का सम्मान करने का अनुरोध किया और इन खेलों में दोस्ती की भावना और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की भावना से हिस्सा लेने की बात कही।
चीन में पिछले साल कोविड-19 मामलों के बढ़ने के कारण इन खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था। ‘हरित एशियाई खेलों’ या ‘कार्बन रहित खेल’ की सोच को ध्यान में रखते हुए उद्घाटन समारोह में पटाखों के बजाय डिजिटल आतिशबाजी का इस्तेमाल किया गया लेकिन इससे भी रोमांचक माहौल बन गया। करीब 80,000 दर्शकों की क्षमता वाला ‘बिग लोटस’ स्टेडियम प्रतिभागी देशों के खिलाड़ियों के स्वागत के लिए सजा हुआ था।
चीन की सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशु खिलाड़ियों को वीजा देने से इनकार कर दिया जिसके बाद भारत ने अपने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का दौरा रद्द कर दिया। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी ऊषा भी इस मौके पर उपस्थित नहीं थी क्योंकि इस समय पर संसदीय दल के साथ पराग्वे में हैं, हालांकि समारोह में अन्य अधिकारियों ने शिरकत की।
भारत के करीब 100 एथलीट और अधिकारियों ने जैसे ही मार्च के लिए स्टेडियम में प्रवेश किया, वैसे ही तालियों की तेज गड़गड़ाट हुई जिसमें दल के ध्वजवाहक हरमनप्रीत सिंह और लवलीना बोरगोहेन तिरंगा लिये सबसे आगे थे। भारतीय दल की परेड आठवें नंबर पर रही।
टेनिस टीम से केवल रामकुमार रामनाथन ने परेड में हिस्सा लिया क्योंकि अन्य खिलाड़ियों का रविवार को मैच है। पुरुष एथलीट बंदगले की जैकेट और खाकी कुर्ता पहने थे जबकि महिला खिलाड़ियों ने गर्दन तक ढका ब्लाउज और खाकी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। भारत के 655 एथलीट इन खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। करीब एक घंटे तक चले देश के दलों के स्वागत के बाद 30 मिनट के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दर्शकों को दिल जीत लिया। फिर लौ प्रज्वलित करने के बाद आधिकारिक गान प्रस्तुत किया गया।
महाद्वीप के सबसे बड़े बहु-स्पर्धा आयोजन की मेजबानी करके चीन ने महामारी से उबरने की भी घोषणा की। खिलाड़ियों की संख्या के हिसाब से यह उसके इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है। इसमें कोई शक नहीं की ओलंपिक दुनिया के सबसे बड़े बहु-स्पर्धा खेल हैं लेकिन एशियाई खेलों में काफी अधिक खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं। हांगझोउ में 12,000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे।
तोक्यो में हुए ओलंपिक खेलों में लगभग 11,000 खिलाड़ियों ने भाग लिया था जबकि अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक में लगभग 10,500 खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करेंगे। इंडोनेशिया में हुए 2018 एशियाई खेलों में 11,000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया था। एशियाई खेलों के 19वें सत्र का आयोजन हांगझोउ के अलावा पांच अन्य शहरों में होगा। ये शहर हुझोउ, निंगबो, शाओक्सिंग, जिंहुआ और वेनझोउ हैं।
एशिया के 45 देश और क्षेत्र इस दौरान 40 खेलों और 61 स्पर्धाओं में 481 स्वर्ण पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। इसमें पहली बार ईस्पोर्ट्स को भी पदक वाले खेलों में शामिल किया गया है। शनिवार के हुए उद्घाटन समारोह से पहले ही फुटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, पाल नौकायन, नौकायन, टेबल टेनिस और मॉडर्न पेंटाथलॉन की प्रतियोगिताएं शुरू हो गयी थी।