Story time -आइसक्रीम वाली मौसी

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बिल्ली अपने घर में आराम कर रही थी। तभी उसे एक आइडिया आया। उसने अपने घर के दरवाजे पर एक बडम-सा शीशा लगा दिया। सुबह होते ही रोज की तरह टॉमी दरवाजे पर आकर भौंकने लगा। तभी उसकी नजर शीशे पर पड़ी। उसे अपने जैसा गुस्सैल चेहरा दिखा।

एक थी बिल्ली। वह आइसक्रीम बेचती थी। उसके पास वनिला, स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट, हनीकम्ब आदि कई तरह की आइसक्रीम थीं। उसके पास लाल, हरे, पीले, नीले सभी रंगों में आइसक्रीम थीं।

बिल्ली आइसक्रीम के साथ जैसे ही गली में पहुंचती, बच्चे उसके पीछे दौड़ते, वो देखो आइसक्रीम वाली मौसी आई..। आइसक्रीम वाली मौसी आ गई। बिल्ली बड़े प्यार से बच्चों को रंग-बिरंगी आइसक्रीम देती। बच्चे खुश हो जाते थे। थैंक यू मौसी.. एक सुर में बच्चे चिल्लाते। वे बिल्ली से रोज आने के लिए प्रार्थना भी करते।

वेलकम.. बिल्ली भी मुस्कराकर बच्चों की प्रार्थना स्वीकार कर लेती थी। इस प्रकार बिल्ली आइसक्रीम बेचकर अपना घर चलाती थी।

बिल्ली जिस मोहल्ले में आइसक्रीम बेचती, उसी मोहल्ले में टॉमी नाम का एक मोटा कुत्ता रहता था। बच्चों का बिल्ली के प्रति प्यार और लगाव देखकर वह ईर्ष्या करने लगा था। वह बिल्ली को खा जाने की योजना बनाने लगा। एक दिन बच्चों के जाने के बाद बिल्ली अकेली पड़ गयी थी। तभी मौका देखकर टॉमी आ धमका। बेचारी बिल्ली संकट में थी। किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी।

टॉमी बहुत देर तक बिल्ली के घर के बाहर निकलने का इंतजार करता रहा। लेकिन सहमी बिल्ली ने चुपचाप खुद को कमरे में कैद रखा।

अब टॉमी रोज बिल्ली के घर के दरवाजे पर आ टपकता और भौं-भौं कर बिल्ली को ललकारता। जोर-जोर से दरवाजा खटखटाता। जब बिल्ली बाहर नहीं आती तो थक-हारकर रात को वापस अपने घर चला जाता। इधर बिल्ली का जीना दूभर हो चुका था। बच्चे भी आइसक्रीम वाली मौसी के नहीं आने से मम्मी-पापा को आइसक्रीम के लिए खूब परेशान करने लगे थे। बिल्ली भी कुछ समझ नहीं पा रही थी।

उस रात बिल्ली अपने घर में आराम कर रही थी। तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया। आधी रात को बिल्ली ने अपने घर के दरवाजे पर एक शीशा लगा दिया। फिर सो गयी। उधर सुबह होते ही रोज की तरह टॉमी दरवाजे पर आकर भौंकने लगा। तभी उसकी नजर बड़े से शीशे पर पड़ी।

टॉमी ने शीशे में झांका। उसे अपने जैसा गुस्सैल चेहरा दिखा। वह यह देखकर और क्रोधित हो उठा और जोर-जोर से भौंकने लगा। शीशे में भी उसे जोर-जोर से भौंकने वाला कुत्ता दिखाई पड़ा।

टॉमी ने सोचा कि बिल्ली ने उसे जान से मारने के लिए यह षड्यंत्र रचा है, इसीलिए उसने शीशे में दूसरा कुत्ता छिपा कर रखा है। अब टॉमी शीशे में छिपे कुत्ते को भी मार देना चाहता था।

तमतमाया टॉमी दूसरे कुत्ते को मारने के लिए शीशे पर उछल पड़ा। वह शीशे से जोर से टकराया, जिससे शीशा चकनाचूर हो गया। टॉमी के चेहरे में उसके कई टुकड़े गड़ गए। चेहरा लहुलूहान हो गया था। उसके कई दांत भी टूट गए। उसे कई जगह जबर्दस्त चोटें भी आयीं। टॉमी दर्द से कराहने लगा। उसे अपनी करनी पर बेहद पछतावा हो रहा था। अब वह किसी को चेहरा दिखाने लायक नहीं रह गया था।

टॉमी सदा के लिए गली छोड भाग गया था। उस घटना के बाद दोबारा वह गली में नहीं दिखा। बिल्ली का आइडिया कारगर साबित हुआ था। अब बिल्ली निर्भीक होकर आइसक्रीम बेचने लगी। फिर से अपनी आइसक्रीम वाली मौसी को पाकर बच्चे खुश थे।

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3 thoughts on “Story time -आइसक्रीम वाली मौसी

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