National Budget – 12.75 लाख रुपये तक आयकर नहीं / लाख रुपये तक की ब्याज आय पर TDS नहीं

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Mega Good News for the salaried persons and senior citizens in this financial year. There will be no income tax uptil 12.75 lakhs of income and Senior citizens will get full rebate in TDS on interest earning of one lakh rupees from now onwards. वेतनभोगी को 12.75 लाख रुपये तक आयकर नहीं

वित्त मंत्री सीतारमण ने शनिवार को मध्यम वर्ग विशेषकर वेतनभोगियों को बड़ी राहत देते हुये वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट में जो प्रस्ताव किये हैं उससे 12.75 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई आयकर नहीं लगेगा और 24 लाख रुपये या उससे अधिक आय वालों को 1.10 लाख रुपये की बचत होगी वहीं इस प्रस्ताव से सरकार को एक लाख करोड़ रुपये का राजस्व घट जायेगा।

श्रीमती सीतारमण ने राष्ट्र निर्माण में मध्यम वर्ग पर भरोसा जताते हुए बजट में नई आयकर व्यवस्था के तहत नए प्रत्यक्ष कर स्लैब और दरों का प्रस्ताव किया गया है, ताकि प्रति वर्ष 12 लाख तक की कुल आय के लिए कोई आयकर न देना पड़े, यानी पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय को छोड़कर प्रति माह एक लाख की औसत आय और 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण प्रति वर्ष 12.75 लाख रुपये तक कमाने वाले वेतनभोगी व्यक्ति को आयकर नहीं देना होगा। नई कर संरचना और अन्य प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों के कारण, सरकार को लगभग एक लाख करोड़ का राजस्व खोना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने लोगों की जरूरतों को समझने के लिए कदम उठाए हैं। प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों में मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने के साथ व्यक्तिगत आयकर सुधार, टीडीएस-टीसीएस को युक्तिसंगत बनाना, अनुपालन बोझ में कमी के साथ स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहन, व्यापार करने में आसानी और रोजगार और निवेश को प्रोत्साहित करना शामिल है। बजट में नई कर व्यवस्था के तहत संशोधित कर दर अब इस प्रकार होगी।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नये स्लैब के तहत शून्य से चार लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर, चार लाख रुपये से आठ लाख रुपये तक पांच प्रतिशत, आठ लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत, 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत, 16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये तक 25 प्रतिशत और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगेगा।

उन्होंने कहा कि टीडीएस या टीसीएस को तर्कसंगत बनाने के लिए बजट में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा अर्जित ब्याज पर कर कटौती की सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, किराए पर टीडीएस की सीमा को 2.4 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया गया है। अन्य उपायों में टीसीएस एकत्र करने की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करना और केवल गैर-पैन मामलों में उच्च टीडीएस कटौती जारी रखना शामिल है।

वित्त मंत्री ने कहा कि टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराधमुक्त करने के बाद अब टीसीएस भुगतान में देरी को भी अपराधमुक्त कर दिया गया है। स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करते हुए, बजट में किसी भी आकलन वर्ष के लिए अद्यतन रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा को मौजूदा दो वर्षों की सीमा से बढ़ाकर चार वर्ष कर दिया गया है। देश में 90 लाख से ज़्यादा करदाताओं ने अपनी आय अपडेट करने के लिए अतिरिक्त कर का भुगतान किया है। छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट /संस्थाओं को उनके पंजीकरण की अवधि पांच से बढ़ाकर 10 साल करके लाभ दिया गया है, जिससे अनुपालन का बोझ कम हुआ है। इसके अलावा, करदाता अब बिना किसी शर्त के दो स्व-कब्जे वाली संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य के रूप में दावा कर सकते हैं। पिछले बजट की विवाद से विश्वास योजना को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें लगभग 33,000 करदाताओं ने अपने विवादों को निपटाने के लिए इस योजना का लाभ उठाया है। वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को लाभ देते हुए, 29 अगस्त, 2024 को या उसके बाद राष्ट्रीय बचत योजना खातों से की गई निकासी को छूट दी गई है। एनपीएस वात्सल्य खातों को भी इसी तरह का लाभ मिलेगा।

वरिष्ठ नागरिकों की एक लाख रुपये तक की ब्याज आय पर टीडीएस नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में आय के स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) की दरों में कटौती के लिये न्यूनतम आय की सीमा को बढ़ाया है।

-वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से मिलने वाले आय पर टीडीएस कटौती की सीमा 50 हजार रुपये वार्षिक से बढ़ाकर एक लाख रुपये वार्षिक की गयी।

-किराये से होने वाली आय पर टीडीएस के लिये आय की न्यूनतम सीमा 2.40 लाख से बढ़ाकर छह लाख रुपये वार्षिक की है।

-विदेश में पैसा भेजने की रिजर्व बैंक की उदार योजना (एलआरएस) के तहत टीसीएस छह लाख रुपये की जगह 10 लाख रुपये के ऊपर की रकम पर लागू होगा।

-माल की बिक्री पर अब केवल टीडीएस लागू होगा।

आम बजट में 36 जीवन रक्षक दवाओं पर आयात शुल्क में छूट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में जीवन रक्षक दवाओं को सस्ता बनाने के लिये इस तरह की 36 आयातित दवाओं और उनको बनाने मेें काम आने वाले बल्क ड्रग्स (बड़ी मात्रा में) पर आधार आयात शुल्क (बीसीडी) को खत्म करने की घोषणा की है।

श्रीमती सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2025-26 के अपने बजट भाषण में कहा कि छह जीवन रक्षक दवाओं को पांच प्रतिशत शुल्क की रियायती दर के तहत लाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 37 अन्य दवाओं तथा 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों को बीसीडी से मुक्त रखा जाएगा, बशर्तें ये दवाइयां और सहायता कार्यक्रम मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराये जाते हों।

12 लाख रुपये की आय पर कोई कर नहीं : सीतारमण

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुये शनिवार को कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई आयकर नहीं लगेगा।

श्रीमती सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट संसद में पेश करते हुए कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।”

उन्होंने कहा, ‘‘मध्यम वर्ग अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। उनके योगदान को मान्यता देते हुए, हमने समय-समय पर कर का बोझ कम किया है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।”

उन्होंने कहा कि पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय को छोड़कर 12 लाख रुपये तक की सामान्य आय वाले करदाताओं को स्लैब दर में कटौती के कारण होने वाले लाभ के अतिरिक्त कर छूट इस प्रकार प्रदान की जा रही है कि उन्हें कोई कर देय नहीं है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इसके साथ ही अब आयकर के लिए नया स्लैब जारी होगा जिसमें शून्य से चार लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर, चार लाख रुपये से आठ लाख रुपये तक पांच प्रतिशत, आठ लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत, 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत, 16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये तक 25 प्रतिशत और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगेगा।

स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढ़ांचे का होगा विस्तार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढ़ांचे का विस्तार होगा और अगले तीन वर्ष में सभी जिलों के कैंसर देखभाल केंद्र खोले जाएंगे।

श्रीमती सीतारमण ने शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि अगले तीन साल में देश के सभी जिलों में कैंसर देखभाल केंद्र शुरु किये जाएंगे। इनमें से 200 केंद्र वित्त वर्ष 2025-26 में शुरु हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि गिग कामगारों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवा सुविधा दी जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के आधारभूत ढ़ांचे का विस्तार करने का फैसला भी किया है। अगले दस वर्ष में चिकित्सा शिक्षा के अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट (पैरा स्नातक) की लगभग 1.1 लाख सीटें बढ़ेंगीं। इसमें 130 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

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