निर्मला सीतारमण के आठवें बजट भाषण की झलकियां. Bullets points of Finance minister Nirmala Sitharaman’s 8th Budget.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पूर्वाह्न 1101 बजे लोकसभा में विपक्ष के हंगामें के बीच वित्त वर्ष 2025-26 का बजट भाषण शुरू किया। श्रीमती सीतारमण का लगातार आठवां और मोदी सरकार का चौदहवां बजट प्रस्तुतीकरण था।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने प्रयागराज के कुंभ में बुधवार को हुई भगदड़ में कई श्रद्धालुओं के हताहत होने का मामला उठाया और चर्चा की मांग की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को शांत रहने की अपील करते हुये वित्त मंत्री को बजट प्रस्तुत करने का मौका देने को कहा। श्री बिरला ने कहा कि विपक्ष को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उन्हें अपनी बात कहने का पूरा मौका दिया जायेगा।
इसी बीच पूर्वाह्न 11 बजकर एक मिनट पर श्रीमती सीतारमण ने हंगामें के बीच बजट भाषण शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर श्री बिरला की अपील का कोई असर नहीं हुआ और समाजवादी पार्टी के सदस्य कुछ देर के लिये सदन के बीचोबीच आ गये।
इसके बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और द्रमुक के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। हल्के पीले बार्डर की गहरे क्रीम रंग की साड़ी पहने श्रीमती सीतारमण बजट भाषण के दौरान जब कोई विशेष घोषणा करतीं तो सत्ता पक्ष के सदस्य मेजे थपथपाकर उसका स्वागत करते थे। वित्त मंत्री ने पटना स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में विद्यार्थियों की सीटें बढ़ाने की घोषणा जब की तो विपक्षी सदस्य हंसते हुये देखे गये और उन्होंने हल्का सा शोरगुल किया।
समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में भी कुछ बोलिये। बजट भाषण के दौरान ही विपक्ष के एक सदस्य ने कहा कि महाकुंभ में भगदड़ में मरने वालों की सूची दीजिये। गायब लोगों का पता चलना चाहिये। श्रीमती सीतारमण ने जब आयकर में रियायत की घोषणा की तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने …मोदी. मोदी… के नारे लगाये। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दो बार नाम लिया। श्रीमती सीतारमण ने सवा घंटे तक बजट भाषण दिया। उन्होंने पूर्वाह्न 11 बजकर एक मिनट पर बजट भाषण शुरू किया था और अपराह्न 12 बजकर 16 मिनट पर बजट भाषण समाप्त किया। इस दौरान उन्होंने तीन बार पानी पिया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण समाप्त करने के बाद अध्यक्ष के चैम्बर में श्री बिरला से मुलाकात की।

शहरों के पुनर्विकास के लिए बजट 2025 में 1 लाख करोड़ रुपए के ‘अर्बन चैलेंज फंड’ की घोषणा
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के शहरों के पुनर्विकास के लिए आम बजट 2025 में 1 लाख करोड़ रुपए के ‘अर्बन चैलेंज फंड’ की घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में शनिवार (1 फरवरी 2025) को 25 प्रतिशत तक विश्वसनीय परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 1 लाख करोड़ रुपए के शहरी चुनौती कोष की स्थापना की घोषणा की. इसके लिए वर्ष 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपए आवंटित किये गये हैं.
जुलाई में निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में की थी ये घोषणाएं
इस घोषणा का उद्देश्य शहरों के पुनर्विकास के जरिए शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार लाना है. अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने जब जुलाई में बजट पेश किया था, तब हमने प्रस्ताव किया था कि ‘शहर विकास के केंद्र’ बनायेंगे. ‘शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास’ और ‘जल और स्वच्छता’ का वादा भी हमने किाय था. इसके लिए केंद्र सरकार 1 लाख करोड़ रुपए का शहरी चुनौती कोष स्थापित करेगी.’
2025-26 के लिए 10000 करोड़ का आवंटन
निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि यह फंड विश्वसनीय परियोजनाओं की लागत का 25 प्रतिशत तक वित्त पोषण करेगा. लागत का कम से कम 50 प्रतिशत बांड, बैंक ऋण और पीपीपी से वित्त पोषित किया जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में वर्ष 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपए का आवंटन प्रस्तावित है.

बजट में जल जीवन मिशन की अवधि 3 साल बढ़ाई, सीतारमण ने कहा -2028 तक सभी घरों को मिलेगा स्वच्छ जल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में कहा कि जल जीवन मिशन का कुल बजटीय परिव्यय बढ़ाकर 67,000 करोड़ रुपए कर मिशन की अवधि को 3 साल बढ़ाया गया है। सीतारमण ने कहा कि जल जीवन मिशन की अवधि तीन साल बढ़ा दी है और अब 2028 तक सभी घरों को जल जीवन मिशन के तहत 2028 तक स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा। इस मिशन की शुरुआत की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लालकिला की प्राचीर से की थी और इसके तहत 2024 तक देश के सभी घरों को नल से स्वच्छ उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन अभी योजना के तहत सभी घरों को नल से स्वच्छ जल नहीं पहुंच रहा है इसलिए मिशन की अवधि बढाई गई है। उन्होंने कहा कि देश की ग्रामीण आबादी के 80 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाले 15 करोड़ लोगों को 2019 से जल जीवन मिशन से फायदा हुआ है। मिशन के तहत नल से पेयजल उपलब्ध कराया जाता है और इसका मकसद अगले तीन वर्षों में शत-प्रतिशत लोगों को नल का पेयजल उपलब्ध कराना है। सीतारमण ने सूचित किया कि इस मिशन का मुख्य ध्यान अवसंरचना की गुणवत्ता और जन भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप से जल आपूर्ति योजना के प्रचालन और रखरखाव पर होगा। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पृथक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किया जाएगा ताकि इसकी सभी घरों के लिए स्वच्छ जल सेवा वितरण सुनिश्चित किया जा सके।
एमएसएमई अर्थव्यवस्था का दूसरा इंजन, निवेश, कारोबार की सीमा बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोक सभा में प्रस्तुत 2025-26 के बजट में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिये कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किये, उनके वर्गीकरण में अधिकतम पूंजी निवेश और कारोबार की सीमा की विस्तार भी शामिल है।
श्रीमती सीतारमण ने एमएसएमई क्षेत्र को कृषि के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का दूसरा इंजन बताया और इनकी परिभाषा में संशोधन करते हुये, इनके संयंत्र और मशीनरी में निवेश की अधिकतम सीमा 2.5 गुना और कारोबार की सीमा दो गुना बढ़ा दी है। इस तरह नई परिभाषा में निवेश की अधिकतम सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर 2.5 करोड़ रुपये और कारोबार की सीमा पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये, लघु उद्यमों में निवेश की सीमा 10 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये और कारोबार की सीमा 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये तथा मझोले उद्यमों में निवेश की सीमा 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 125 करोड़ रुपये और कारोबार की सीमा 250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दी गयी है।
वर्तमान परिभाषा में, विनिर्माण कार्य में लगी एमएसएमई में निवेश की अधिकतम सीमा क्रमशः 25 लाख रुपये, पांच करोड़ रुपये और 10 करोड़ रुपये तथा सेवा क्षेत्र में यह सीमा 10 लाख रुपये, दो करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इससे एमएसएमई इकाइयों को कारोबार के विस्तार का मौका मिलेगा।
उन्होंने सूक्ष्म उद्यमों के लिये ऋण गारंटी योजना के तहत कवर पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर दस करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है और कहा है कि इससे पांच साल में ऐसी इकाइयों को 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त कर सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र अर्थव्यवस्था का दूसरा इंजन है।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 5.7 करोड़ एमएसएमई इकाइयां है, जिनमें एक करोड़ पंजीकृत इकाइयां हैं। इनमें 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र भारत के विनिर्माण क्षेत्र के कुल उत्पादन में 36 प्रतिशत और निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान करते हुये भारत को विनिर्माण का वैश्विक केन्द्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई की नई परिभाषा में निवेश की सीमा को 2.50 गुना और कारोबार की सीमा में दो गुना बढ़ोत्तरी से इन इकाइयों को पूंजी निवेश बढ़ाने और नई प्रौद्योगिकी जुटाने में मदद मिलेगी।

व्यक्तिगत आयकर के नये स्लैब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आम बजट 2025-26 में व्यक्तिगत आयकर संबंधी नये प्रस्ताव इस प्रकार हैंः
नए आयकर ढांचे में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर शून्य, मानक कटौती (75 हजार रुपये) को मिलाने पर मध्यवर्ग को 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।
कर की नई दरें इस प्रकार हैंः
आय सीमा……………………कर की दर
0-4 लाख रुपये……………… शून्य
4-8 लाख रुपये………………05 प्रतिशत
8-12 लाख रुपये…………….10 प्रतिशत
12-16 लाख रुपये…………..15 प्रतिशत
16-20 लाख रुपये…………..20 प्रतिशत
20-24 लाख रुपये…………..25 प्रतिशत
24 लाख रुपये से अधिक…….30 प्रतिशत
केंद्रीय बजट के मुख्य बिन्दु
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2025-26 पेश किया। बजट के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं:-
-उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां 34.96 लाख करोड़ रुपये
-कुल व्यय क्रमश 50.65 लाख करोड़ रुपये
-निवल कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये
-राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान
-सकल बाजार उधारियां 14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान
-वित्त वर्ष 2025-26 में कैपेक्स व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) का अनुमान
-प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
-विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम
-दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
-बिहार में मखाना बोर्ड
-राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन
-कपास उत्पादकता मिशन
-नामरूप असम में 12.7 लाख टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित होगा
-एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और दो गुना
-10,000 करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना
-पांच लाख महिलाओं अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपए तक का सावधि ऋण
-फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस उत्पाद योजना
-भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने की योजना
-बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापना
-राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना
-सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण
-सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित
-सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी
-भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा
-राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र
-पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित
-पांच आईआईटी में अतिरिक्त अवसंरचना का सृजन
-500 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय से कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित
-मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 75000 और सीटें बढ़ाने कार्यक्रम
-सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र
-ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना
-अवसंरचना के लिए राज्यों को सहायता
-राज्यों को 50 वर्ष के ब्याजमुक्त ऋण के लिए डेढ लाख करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव
-परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना 2025-30
-10 लाख करोड़ रुपए की पूंजी हेतु 2025-30 के लिए दूसरी योजना
-जल जीवन मिशन 2028 तक बढ़ाया गया
-एक लाख करोड़ रुपए के शहरी चुनौती कोष की घोषणा
-विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन
-परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव
-20 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ लघु मॉड्यूलर रियक्टर्स (एसएमआर) के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन
-वर्ष 2033 तक पांच स्वदेश विकसित एसएमआर संचालित करने का प्रस्ताव
-पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा
-25 हजार करोड़ रुपए के आवंटन के साथ समुद्री विकास कोष की स्थापना
-अगले 10 वर्ष में 120 नए हवाई अडडे के लिए संशोधित उड़ान योजना की घोषणा
-बिहार में ग्रीन पटना एयरपोर्ट और बिहटा में ब्राउनफील्ड हवाई अडडा का विस्तार
-मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना
-टेलिंग से महत्वपूर्ण खनिजों की रिकवरी के लिए नीति बनाई जाएगी
-आवासीय इकाईयों को पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का कोष बनाने की घोषणा
-देश में 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा
-अनुसंधान, विकास और नवाचार पहल को लागू करने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए आवंटित
-फसल जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक
-नेशनल जियो स्पेटियल मिशन की घोषणा
-ज्ञान भारतम मिशन बनाने का प्रस्ताव, एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियां शामिल
-निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव
-जीसीसी के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा
-बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत
-ग्रामीण क्रेडिट स्कोर फ्रेमवर्क विकसित करेंगे
-वर्ष 2025 में राज्यों का निवेश अनुकूल सूचकांक शुरू होगा
-जन विश्वास विधेयक में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर आपराधिक बनाने के लिए प्रस्ताव
-नई कर व्यवस्था के अन्तर्गत 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई आयकर देय नहीं
-वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दो गुनी बढ़ाकर एक लाख रुपये
-किराये पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये
-टीसीएस की सीमा को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये
-टीसीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक घोषित करने का प्रावधान
-छोटे धर्मार्थ न्यासों और संस्थाओं की पंजीकृत अवधि को बढ़ाकर पांच वर्ष से 10 वर्ष
-आर्म्स लेन्थ मूल्य निर्धारण की एक योजना की शुरुआत
-अन्तर्देशीय जहाजों के लिए टन भार योजना
-सात टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव
-उपकर के अधीन 82 टैरिफ लाइनों पर समाज कल्याण अधिभार
-36 जीवन रक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट
-छह जीवन रक्षक दवाएं पांच प्रतिशत के रियायती सीमा-शुल्क दवाओं में शामिल
-विशिष्ट औषधियां और दवाएं बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह मुक्त
-13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ ही 37 अन्य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव
-कोबाल्ट पाउडर और लिथियम आयन बैट्री के अवशिष्ट, लेड, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
-शटल-रहित करघों वाली टेक्सटाइल मशीनरी सीमा शुल्क से मुक्त
-इन्टेरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बुनियादी सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत
-ओपेन सेल्स और अन्य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव
-ओपेन सेल्स के अन्य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
-पोत निर्माण में कच्चे माल, घटकों, उपभोज्यों अथवा पुर्जों पर अगले दस वर्षों तक बुनियादी सीमा शुल्क में छूट
-हस्तशिल्प की निर्यात अवधि छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष
-वेट ब्लू लेदर पर बुनियादी सीमा शुल्क में पूर्ण छूट
-क्रश लेदर को 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क से छूट
-फ्रोजन फिश पेस्ट (सुरीमी) और ऐसे ही उत्पादों के निर्यात पर बुनियादी सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत
-फिश हाइड्रोलीसेट पर बुनियादी सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत