Dharm Path : हनुमान जयंती के विशेष टोटके

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Special remedies on Hanuman Jayanti shared by renowned astrologer Pt. Jagdish Pandey, Haridwar.

बजरंगबली चमत्कारिक सफलता देने वाले देवता माने गए हैं। हनुमान जयंती के दिन उनके यह टोटके विशेष रूप से धन प्राप्ति के लिए किए जाते हैं। साथ ही यह टोटके हर प्रकार के अनिष्ट भी दूर करते हैं।

कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। संकट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।

 अगर धन लाभ की स्थितियां बन रही हो, किन्तु फिर भी लाभ नहीं मिल रहा हो, तो हनुमान जयंती के दिन गोपी चंदन की नौ डलियां लेकर केले के वृक्ष पर टांग देनी चाहिए। स्मरण रहे यह चंदन पीले धागे से ही बांधना है।

एक नारियल पर कामिया सिन्दूर, मौली, अक्षत अर्पित कर पूजन करें। फिर हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएं। धन लाभ होगा।

पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें। फिर वापस घर आ जाएं एवं पीछे मुड़कर न देखें। धन लाभ होगा। 

तेज और शक्ति बढ़ाने के लिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामायण, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें

 हनुमान जयंती पर मंदिर की छत पर लगाइए लाल झंडा और आकस्मिक संकटों से मुक्ति पाइए।

व्यापार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।

5 देसी घी के रोट का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।

 ‘ॐ क्रां क्रीं क्रों स: भौमाय नम:’ मंत्र का एक माला जाप हनुमान जयंती व मंगलवार को करना शुभ होता है।

हनुमान जयंती पर और बाद में साल में एक बार किसी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप हमेशा दुर्घटनाओं से बचें रहेंगे।

मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की सेवा हनुमान जयंती के दिन और बाद में महीने में किसी भी एक मंगलवार को करने से आपका मानसिक तनाव हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।

हनुमानजी की विशेष कृपा पाने के लिए सबसे जरूरी है स्वयं का समर्पण अर्थात् पूर्ण रूप से बजरंगबली की शरणागत होना।

जिस प्रकार संतान को अपने पिता का संरक्षण प्राप्त होता है, उसी प्रकार यदि पूर्ण विश्वास से श्रद्धा – भक्ति सहित बजरंगबली की आराधना की जाये तो वे स्वयं ही भक्त को अपने संरक्षण में ले लेते हैं। तब किए गए प्रत्येक कार्य के सम्पादन में एक अदृश्य शक्ति प्रेरणा स्रोत बन जाती है।

श्रद्धा भाव जितना अधिक प्रबल होता है, भक्ति भाव उतना ही अधिक गहरा होता जाता है।

प्रभु के श्री चरणों में स्वयं का पूर्ण समर्पण तब होता है जब मन यह मानने को तैयार हो जाता है कि जो कुछ भी अच्छा या बुरा हमारे साथ हो रहा है, वह सब कुछ मेरे प्रभु की नजरों में है। वे मेरा कभी अहित नहीं होने देंगे।

अपना वर्तमान और भविष्य हनुमानजी के चरणों में समर्पित कर देने से मन शांत और निश्चिंत होना शुरू हो जाता है। अपने आस-पास बजरंगबली की मौजूदगी का अहसास होने लगता है। इस प्रकार हनुमानजी की विशेष कृपा आपको प्राप्त हो जाती है। आप कभी भी, कहीं भी हनुमानजी का स्मरण करेंगे आपको लगेगा कि हनुमान जी आपके पास, आपके काफी निकट सशरीर उपस्थित हैं। हर वक्त आपको बजरंगबली की उपस्थिति का भान होने लगेगा। डर, संशय, संदेह आदि नकारात्मक शक्तियां आपके मन को कभी प्रभावित नहीं कर पायेंगी। आप अपने आप को हमेशा ऊर्जावान महसूस करेंगे।

यह स्वअनुभूत है।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।

तुम रक्षक काहू को डरना ।।

||ॐ||

1. संकटमोचन हनुमान को लोग अलग अलग नाम से जानते है लेकिन क्या आपको पता है ऊनका असली नाम मारुती है। जी हां, जब हनुमानजी पैदा हुए थे तो उनका नाम मारुति रखा गया था।लेकिन एकबार ऊन्होंने बचपन में सूर्य को फल समझ कर निगल लिया था।तब पूरे ब्रह्माण्ड में अंधकार छा गया, जिसके बाद इंद्र ने सूर्य को बचाने के लिए अपने वज्र से हनुमानजी के ठुड्डी पर प्रहार कर दिया जिसके परिणामस्वरूप उनका जबड़ा बिगड़ गया और वो बेहोश गए। तब से उनका नाम हनुमान रख दिया गया।दोस्तो हनु शब्द का मतलब जबड़ा होता है। इसके साथ ही हनुमान जी के कुल 108 नाम है। संस्कृत में हर एक नाम का मतबल उनके जीवन के अध्यायों का सार बताता है। यही कारण है कि उनके नाम का जाप करने भर से हनुमत कृपा मिलती है।

2.हनुमान जी को कई देवी-देवताओं से वरदान स्वरूप शक्तियां प्राप्त हैं।जिसके कारण हनुमान जी के पास ऐसी चमत्कारिक शक्तियां हैं कि वे मच्छर से छोटा और हिमालय से भी बड़ा रूप धारण कर सकते हैं। अकेले देवी सीता ने उन्हें अष्ठ सिद्धियां दी हैं। इंद्र और सूर्य देवों ने भी उन्हें प्रसन्न हो कर कई शक्तियों का वरदान दिया है। ब्रह्मदेव ने हनुमान जी को तीन वरदान दिए है, जिनमें एक वरदान ऐसा भी है की ब्रह्मास्त्र का असर भी हनुमानजी पर नहीं होगा, यानी ब्रह्ममांड में ईश्वर के बाद यदि कोई एक शक्ति मानी गई है तो वह हनुमान जी को माना गया है। महावीर विक्रम बजरंगबली के समक्ष किसी भी प्रकार की मायावी शक्ति ठहर नहीं सकती है।

3.वैसे तो हनूमान जी ब्रह्मचारी है लेकिन एक दिन उनके पसीने से उनका एक पुत्र पैदा हुआ था। दरअसल जब हनुमान जी पूरी लंका को भस्म कर समुद्र में अपनी पूंछ की आग बुझाने गए और अपने शरीर के ताप को कम करने के लिए विश्राम कर रहे थे तब उनके शरीर से टपका पसीना एक मादा मगरमच्छ ने निगल लिया।और जिसके कारण उनके पसीने की शक्ति से उनका एक पुत्र हुआ जिसका नाम था मकरध्वज।यानी ब्रह्मचारी होने के बाबजूद हनुमान एक बच्चे के पिता भी है।

4. हमसब ये बात जानते है की महर्षि वाल्मीकि द्वारा रामायण लिखी गई है।लेकिन क्या आप ये जानते है महर्षि वाल्मीकि से भी पहले हनुमानजी ने रामायण लिखा था। जी हां, हनुमान जी ने हिमालय पर्वत पर रामायण अपने नाखूनों से उकेर कर लिखा था, लेकिन जब वाल्मीकि अपनी रामायण हनुमान जी को दिखाने वहां पहुंचे तो उनकी रामायण देख वह दुखी हो गए, क्योंकि वह रामायण बहुत ही सुंदर लिखी गई थी और जिसके सामने हनुमानजी की लिखी रामायण फीकी लगी। हनुमान जी ने जब महर्षि वाल्मीकि के मन की बात जानी तो वह अपनी लिखी रामायण को तुरंत ही मिटा दिए।

5. ये बात तो हमसब जानते है की हनुमानजी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते है और इसीलिए हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाया जाता लेकिन आपको पता है वो अपने पूरे शरीर पर सिंदूर क्यों लगाते है। दरअसल एक बार हनुमान जी ने माता सीता को अपने बालों में सिंदूर लगाते हुए देखा। उन्होंने माता सीता से ऐसा करने के पीछे का कारण पूछा तो माता सीता ने उत्तर दिया कि यह भगवान राम की लंबी आयु के लिए है। तब हनुमानजी ने सोचा कि अगर बालों में सिर्फ एक चुटकी सिंदूर भगवान राम के जीवन की लंबी उम्र बढ़ा सकता है तो क्यों न पूरे शरीर पर लगाया जाए और उन्होंने राम की लंबी उम्र के लिए पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। इसलिए उन्हें बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है।

  1. हनुमान चालीसा का पाठ करें: हनुमान चालीसा को पढ़ने या सुनने से हनुमान जी के मन में शुद्ध भाव आते हैं और वे आपकी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए उन्हें शक्ति देते हैं।
  2. राम नाम का जाप करें: हनुमान जी श्री रामचंद्र जी के बड़े भक्त होते हैं और उनकी कृपा से भक्तों की समस्याओं का समाधान होता है। इसलिए राम नाम का जाप करने से हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है।
  3. भजन गाएं: हनुमान जी के भजन गाने से उन्हें प्रसन्नता मिलती है और उनकी कृपा से समस्याओं का समाधान होता है।
  4. अंजनी छाया दर्शन करें: अंजनी छाया हनुमान जी की माता अंजना की छाया है। यदि आप अंजनी छाया को देखें, तो हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
  5. लंगूर के साथ पूजा करें: हनुमान जी के सबसे प्रिय वाहन लंगूर है। लंगूर को आस-पास बैठाकर और उनकी पूजा करके हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है।
  6. शनि देव की पूजा करें: शनि देव हनुमान जी के गुरु हैं। शनि देव की पूजा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से बुरी नजर से बचा जा सकता है l

इसके अलावा, हनुमान जी की कृपा से काम वासना से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

  1. ध्यान और मेधा वृद्धि के लिए ध्यान योग करें: ध्यान योग आपकी मेधा वृद्धि करता है जिससे आपका मन शांत होता है और आप काम वासना से बच सकते हैं।
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