PMO -अयोध्या में रामलला के नव विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा. मोदी ने अनुष्ठान शुरू किया

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अयोध्या में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सोमवार को दोपहर में मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे और अनुष्ठान शुरू किए।

नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक मोदी पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया। गर्भगृह में मोदी ने पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान शुरू किया। अनुष्ठान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी मौजूद हैं।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मध्यान्ह में साढ़े बारह बजे (12-29) बजे रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। अद्भुत योग में प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकेंड का समय निर्धारित किया गया है।

बेंगलुरु में कई हिंदू संगठनों ने सोमवार को, अयोध्या स्थित नवनिर्मित मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा संबंधी समारोह का जश्न मनाने के लिए शहर को केसरिया रंग में रंग दिया है।

भगवान राम का, करीब 500 वर्षों के अंतराल के बाद उनके जन्म स्थान पर आगमन का स्वागत करने के वाले पोस्टर, भगवान राम, हनुमान, सीता और लक्ष्मण की छवियों वाले भगवा झंडों के साथ जगह जगह नजर आ रहे हैं। शहर में दीपावली जैसा माहौल है।

सुबह से ही भगवान राम और हनुमान के मंदिरों के अलावा भगवान वेंकटेश्वर मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। जगह-जगह भजन और कीर्तन का आयोजन किया गया।

रामांजनेय गुड्डा मंदिर, पट्टाभिराम स्वामी मंदिर, राजाजीनगर में राम मंदिर और मल्लेश्वरम में रामदेवरा देवस्थान और बसवनगुड़ी में राम मंदिर में विशेष प्रार्थना और पूजा हुई। इन मंदिरों ने श्रद्धालुओं के लिए भव्य प्रसाद वितरण का भी आयोजन किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और शिकारीपुरा के विधायक बी वाई विजयेंद्र, विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने महालक्ष्मी लेआउट के रानी अब्बक्का मैदान में श्री रामतारक महायज्ञ-कलशाभिषेक में भाग लिया। हिंदू जनजागृति समिति ने शहर में शोभायात्रा निकाली।

कर्नाटक के अन्य शहरों में भी ऐसे ही आयोजन हुए।

काशी के छोटे-बड़े मंदिरों में पूजा पाठ सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन

वाराणसी अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन सोमवार को काशी के लगभग सभी छोटे बड़े मंदिरों में पूजा पाठ सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी पीयूष तिवारी ने बताया कि अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही वेद शास्त्रियों द्वारा वेद पाठ किया जा रहा है। मंदिर परिसर में दो एलसीडी स्क्रीन लगाई गयी है, जिस पर अयोध्या में जारी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सजीव प्रसारण दिखाया जाएगा। साथ ही मंदिर में डमरू और शंख भी बजाए जा रहे हैं।

उन्‍होंने बताया कि भारतीय संगीत कला केंद्र द्वारा मंदिर परिसर में कथक सहित अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। शाम को काशी विश्वनाथ मंदिर दीपों से जगमग किया जाएगा।

बटुक भैरव मंदिर के महंत जितेंद्र मोहन पूरी ने बताया कि अयोध्या में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बटुक भैरव मंदिर को फूलों से सजाया गया है। पूरे मंदिर परिसर में 5100 दीप प्रज्वलित किए जाएंगे और इसके साथ ही सुंदर कांड का पाठ किया जाएगा।

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर भव्य गंगा महाआरती का आयोजन किया जाएगा। गंगा सेवा निधि के सुशांत मिश्रा ने बताया कि अयोध्या में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी की देर शाम होने वाली गंगा आरती को ‘महाआरती’ के रूप में आयोजित किया जाएगा।

सामान्य दिनों में वाराणसी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को सात अर्चकों द्वारा सम्पन्न कराया जाता है, लेकिन आज के विशेष दिन को देखते हुए नौ अर्चकों द्वारा गंगा आरती सम्पन्न कराई जाएगी और इसको ‘महाआरती’ का रूप दिया जाएगा। आरती के बाद राम भजन गाया जाएगा। शाम को आरती के बाद दशाश्वमेध घाट पर दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा साथ ही श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाएगा।

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर नाविक समाज द्वारा श्रद्धालुओं को इस पार से उस पार जाने के लिए मुफ्त सेवा दी जा रही है।

‘मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास’ के मंत्री शम्भू साहनी ने बताया कि वन गमन के समय निषाद राज ने प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता को अपनी नौका से बिना शुल्क लिए नदी पार कराया था। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए नाविक समाज श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए आज नौकाओं को पूरी तरह से मुफ्त चला रहा है और साथ में यात्रियों को चाय और नाश्ता भी दिया जा रहा है।

सिक्किम के मुख्यमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सराहना की

गंगटोक, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठा समारोह की सराहना करते हुए कहा कि आस्था और सांस्कृतिक विरासत का संगम क्षेत्रीय सीमाओं से परे है।

उन्होंने कहा कि सिक्किम को साझा राष्ट्रीय खुशी का हिस्सा होने पर बहुत गर्व है और राज्य के लोग ऐतिहासिक अवसर के जश्न में राष्ट्र के साथ एकजुट होकर रोमांचित हैं।

अयोध्या भगवान राम के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले हैं।

मुख्यमंत्री तमांग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”22 जनवरी, 2024 हमारे राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास में अद्वितीय महत्व के दिन के रूप में हमेशा अंकित रहेगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर राम लला अयोध्या में अपने जन्मस्थान पर लौटने के लिए तैयार हैं।”

उन्होंने कहा, ”नवनिर्मित राम जन्मभूमि मंदिर के भीतर राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य समारोह से इस दिन की ही भव्यता बढ़ जाएगी।”

भगवान राम के बाल स्वरूप राम लला के विग्रह की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में देश के प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि, विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधि सहित प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”सिक्किम इस ऐतिहासिक घटना के उल्लास और जश्न में पूरे देश के साथ एकजुटता के साथ खड़ा होकर रोमांचित है। खुशी की यह गूंज अयोध्या से हमारी विविध भूमि के हर कोने तक है और श्रद्धा एवं एकता की सामूहिक भावना हमें एक साथ बांधती है।”

उन्होंने कहा, ”यह संगम आस्था और सांस्कृतिक विरासत क्षेत्रीय सीमाओं से परे है और सिक्किम को इस साझा राष्ट्रीय आनंद का हिस्सा होने पर बहुत गर्व है।”

समारोह दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और मंदिर के ट्रस्ट के अनुसार इसके दोपहर एक बजे तक समाप्त होने की उम्मीद है। इसके बाद प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करेंगे।

तमांग ने कहा, ”कामना है कि राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से हमारे महान राष्ट्र में शांति, समृद्धि और एकता के युग की शुरुआत हो।”

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