सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का समर्पित माना जाता है। शिवजी की आराधना के लिए ये महीना काफी सर्वोत्तम माना जाता है। सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने और अभिषेक करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस माह शिव जी का प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के कार्य करते हैं। रुद्राभिषेक करने के साथ कई तरह की चीजें जैसे बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, आंकड़े के फूल, पंचामृत आदि अर्पित कर अभिषेक करते हैं। सावन के महीने में यदि दीपक से जुड़ा एक उपाय कर लिया जाए तो ये काफी लाभकारी माना जाता है।
शनिदेव की कृपा

भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करने के साथ-साथ शमी की पत्तियां भी अर्पित की जाती हैं। इससे शिवजी और शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप भी सावन की महीने में शमी के पौधे पास रोज दीपक जलाएंगे तो कई लाभ प्राप्त होते हैं।
\सावन के महीने में प्रतिदिन स्नान-ध्यान करने के बाद जल में काले तिल और गंगाजल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस समय अपनी मनोकामना भगवान शिव को सुनाएं। इस उपाय को करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं।
शारीरिक या मानसिक कष्ट से निजात पाने के लिए सावन के महीने में रोजाना गाय के कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर महादेव का अभिषेक करें।
अगर आप मानसिक तनाव से निजात पाना चाहते हैं, तो सावन के महीने में प्रतिदिन भगवान शिव को गाय के दूध से बनी खीर अर्पित करें। इस उपाय को करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है।
अगर आप आर्थिक तंगी से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो सावन के महीने में रोजाना पूजा के समय एक मुठ्ठी अखंडित चावल शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिवपुराण में भी भगवान शिव को चावल अर्पित करने का उल्लेख है। इस उपाय को करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु सावन के महीने में रोजाना भांग, धतूरा, बेल पत्र, आक और धतूरा के फूल अर्पित करें। भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

1. सावन में रोज गाय को चारा खिलाएं। अगर ऐसा संभव न हो तो किसी गौशाला में पूरे 30 दिन के हिसाब से पैसे जमा करवा दें। समय हो तो स्वयं जाकर गौशाला में गायों की सेवा करें। ये उपाय बहुत ही आसान है, लेकिन इसका फायदा बहुत अधिक मिलता है।
2. अगर आपके जीवन में परेशानियां लगातार बनी हुई हैं तो रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद शिवलिंग का अभिषेक साफ पानी से करें और भगवान से प्रार्थना करें। सावन में ये उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करता है।
3. यदि आप लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो सावन में रोज गाय के कच्चे दूध (बिना उबला) में काले तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करें। ऐसा करने से बीमारी जल्द ही ठीक होने लगती है।
4. आज के समय में डिप्रेशन एक आम समस्या बनती जा रही है। सावन में छोटा सा उपाय करने से इससे बचा जा सकता है। सावन में प्रत्येक सोमवार को चावल और गाय के दूध की बनी खीर भगवान शिव को अर्पित करें। इससे मानसिक तनाव दूर हो सकता है।
5. धन लाभ के लिए सावन में रोज एक मुट्ठी चावल शिवजी को चढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखें कि चावल टूटे हुए न हो। ये उपाय शिवपुराण में बताया गया है।

6. वैवाहिक जीवन में किसी तरह की समस्या आ रही है सावन में रोज पति-पत्नी साथ मिलकर भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
7. सावन में रोज शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखें कि बिल्वपत्र कटा-फटा न हो। बिल्व वृक्ष में कुबेर का स्थान माना जाता है। शिवजी को बिल्वपत्र चढ़ाने से धन लाभ के योग बन सकते हैं।
शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए ‘ओम हौं जूं सः’ मंत्र का जितना संभव हो जप करें और शिवलिंग पर कच्चा दूध, मक्खन, मूंग, बेलपत्र आदि चढाएं. वाहन सुख के लिए शिव पर चमेली का फूल चढ़ाएं. दौलतमंद बनने के लिए कमल का फूल, शंखपुष्पी या बिल्वपत्र चढ़ाएं. विवाह में समस्या दूर करने के लिए बेला के फूल को भगवान शिव को अर्पित करें.
मेष राशि : शिव की पूजा के बाद ‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’ इस मंत्र का 108 बार जप करें. शहद, गु़ड़, गन्ने का रस, लाल पुष्प चढ़ाएं.
वृष राशि- इस राशि के व्यक्ति मल्लिकार्जुन का ध्यान करते हुए ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें और कच्चे दूध, दही, श्वेत पुष्प चढ़ाएं.
मिथुन राशि- ओम नमो भगवते रूद्राय’ मंत्र का यथासंभव जप करें. हरे फलों का रस, मूंग, बेलपत्र
कर्क राशि- शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए ‘ओम हौं जूं सः’ मंत्र का जितना संभव हो जप करें और शिवलिंग पर कच्चा दूध, मक्खन, मूंग, बेलपत्र आदि चढ़ाएं. वाहन सुख के लिए शिव पर चमेली का फूल चढ़ाएं. दौलतमंद बनने के लिए कमल का फूल, शंखपुष्पी या बिल्वपत्र चढ़ाएं. विवाह में समस्या दूर करने के लिए बेला के फूल को भगवान शिव को अर्पित करें. इससे योग्य वर-वधू मिलते हैं.
सिंह राशि- ‘ओम त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम, उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्.’ इस मंत्र का कम से कम 51 बार जप करें. इसके साथ ही ज्योतिर्लिंग पर शहद, गु़ड़, शुद्ध घी, लाल पुष्प आदि चढाएं.
कन्या राशि- ओम नमो भगवते रूद्राय’ मंत्र का यथासंभव जप करें. हरे फलों का रस, बिल्वपत्र, मूंग, हरे व नीले पुष्प चढाएं.
तुला राशि- शिव पंचाक्षरी मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का 108 बार जप करें और दूध, दही, घी, मक्खन, मिश्री चढ़ाएं.
वृश्चिक राशि- ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’ मंत्र का जप करें और शहद, शुद्ध घी, गु़ड़, बेलपत्र, लाल पुष्प शिवलिंग पर अर्पित करें.
धनु राशि- इस राशि वाले ‘ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।।’ इस मंत्र से शिव की पूजा करें.
मकर राशि : त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का 5 माला जप करें. इसके अलावा भगवान शिव का सरसों का तेल, तिल का तेल, कच्चा दूध, जामुन, नीले पुष्प से अभिषेक करें.
कुंभ राशि के स्वामी भी शनि देव हैं इसलिए इस राशि के व्यक्ति भी मकर राशि की तरह ‘ओम नमः शिवाय’ का जप करें. जप के समय केदारनाथ का ध्यान करें. कच्चा दूध, सरसों का तेल, तिल का तेल, नीले पुष्प चढाएं