नोएडा, जिले में एक महीने के दौरान स्क्रब टाइफस के सात मरीज मिले। मलेरिया विभाग ने इनके बारे में जानकारी भी ली। तेज बुखार के साथ होने वाली यह संक्रामक बीमारी आम तौर पर झाड़ियों में पाए जाने वाले माइट के काटने से फैलती है। सभी मरीजों का इलाज निजी अस्पताल में हुआ। सातों मरीजों में मध्यम श्रेणी का संक्रमण पाया गया। पिछले साल भी कई मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी। माइट (घुन जैसे छोटे कीट) में ओरेंशिया सुसुगेमोसी नामक बैक्टीरिया होता है, जो काटने के बाद खून में प्रवेश कर जाता है।

डॉक्टरों का कहना है कि साफ-सफाई की कमी के कारण यह कीट उत्पन्न हो सकते हैं। संक्रमित कीट के काटने से यह बीमारी होती है। सहायक मलेरिया अधिकारी श्रुति बताती हैं कि संक्रमित कीट के काटने के 10 दिनों के भीतर इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। रोगियों को बुखार और ठंड लगने के साथ सिरदर्द, शरीर और मांसपेशियों में दर्द की परेशानी हो सकती है।

जिस स्थान पर कीट ने काटा होता है, वहां पर त्वचा का रंग गहरा हो जाता है और त्वचा पर पपड़ी पड़ सकती है। इस तरह के लक्षण मिलने पर डॉक्टर से परामर्श और जांच जरूरी है ताकि बीमारी की जानकारी के बाद सही दिशा में इलाज हो सके।